जल संसाधन परियोजना इस्टर्न केनाल प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच रस्साकशी बढ़ती ही जा रही हैं. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान के साथ हैरान कर देने वाली नाइंसाफी हो रही हैं.
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Kota: प्रदेश की महत्वपूर्ण जल संसाधन परियोजना इस्टर्न केनाल प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच रस्साकशी बढ़ती ही जा रही हैं. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान के साथ हैरान कर देने वाली नाइंसाफी हो रही हैं.
यहां राष्ट्रीय महत्व की एक भी परियोजना संचालित नहीं हो रही और अब तो ईस्टर्न केनाल प्रोजेक्ट का भी काम रोकने का फरमान केंद्र सरकार ने जारी किया हैं, लेकिन उससे भी बड़ा ताज्जुब ये कि केंद्रीय जलशक्ति मंत्री यहां से होने का भी प्रदेश की जनता को फायदे की बजाय नुकसान हो रहा हैं क्योंकि गजेंद्रसिंह शेखावत ही इसमें सर्वाधिक रोडे अटका रहे हैं.
धारीवाल ने कहा कि हम कोटा के नवनेरा में बांध बना रहे हैं, जो कि कोटाबैराज के बाद बहकर चले जाने वाले पानी को रोकने का काम करेगा, तो इसमें मध्यप्रदेश सरकार की किसी भी तरह की कोई वैध आपत्ति बनती ही नहीं हैं.
धारीवाल ने दावा किया कि मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के समय तो इस पर सैद्वांतिक सहमति दोनों प्रदेशों के बीच बन भी गई थी, लेकिन एमपी की शिवराज सरकार अब इसमें दुष्प्रचार कर रही हैं.
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धारीवाल ने अंत में कहा कि चाहे केंद्र सरकार मदद करें या नहीं लेकिन पूर्व राजस्थान के 13 जिलों के लिए पीने और सिंचाई के पानी के इस प्रोजेक्ट के महत्व को देखते हुए राज्य सरकार और प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत साफ कर चुके हैं कि हम हर हाल में इस प्रोजेक्ट पर आगे बढेंगे और इसकी कार्यपूर्ति करके प्रदेश को इसके सभी फायदों से लाभांवित करके किसानों और आमजन की आशाओं को पूरा करेंगे.
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