कौन है देवनारायण भगवान, जिनका सचिन पायलट सबसे पहले लेते हैं आशीर्वाद
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कौन है देवनारायण भगवान, जिनका सचिन पायलट सबसे पहले लेते हैं आशीर्वाद

Devnarayan Bhagwan : राजस्थान (Rajasthan)में कई लोक देवताओं को पूजा जाता है. जिनमें से एक हैं देवनारायण भगवान, जिन्हे विष्णु अवतार माना गया है. राजस्थान की राजनीति का बड़ा नाम सचिन पायलट(Sachin Pilot) भी सबसे पहले देवनारायण भगवान का आशीर्वाद लेतें है. 

 

कौन है देवनारायण भगवान, जिनका सचिन पायलट सबसे पहले लेते हैं आशीर्वाद

Devnarayan Bhagwan : राजस्थान में कई लोक देवताओं को पूजा जाता है. जिनमें से एक हैं देवनारायण भगवान, जिन्हे विष्णु अवतार माना गया है इनका जन्म राजस्थान के मालासेरी में हुआ था. भगवान देवनारायण के पिता सवाई भोज- वीर भोजा और माता का नाम साढू खटानी थी. माना जाता है कि उन्होने ही बैसाला समुदाय की स्थापना की. 

देवनारायण जी बगडावत वंश के ही माने जाते हैं. जिन्हे अजमेर में रहने वाले चौहान राजाओं ने बगडावतों को गोठा नाम का स्थान बाद में दे दिया था. ये स्थान वर्तमान में भीलवाड़ा और अजमेर के आसपास है. कहा जाता है कि बगडावत वंश में इतने वीर थे कि उनकी गौरव गाथा मेवाड़ के राजा के पास पहुंच जाती थी.

बगडावत वंश में सबसे वीर राजा हरिराव माने जाते हैं. जिनके पुत्र का नाम था बाघराव बताया जाता है और इनके 24 पुत्र थे जिनमें से एक देवनारायण जी के पिता यानि कि सवाई भोज (राजा भोज) थे. मान्यता है कि जब देवनारायणजी अपनी मां की कोख में थे तो, उनके गुरु रूपनाथ ने बताया कि उनके गर्भ में जो पुत्र है वो महान व्यक्तित्व का धनी होगा और बुराई के विरुद्ध लड़ेगा. ये खबर जैसे ही अत्याचारी राणा दुर्जनसाल को पता चली तो उसने देवनारायणजी को मारने का फैसला कर लिया.

अपने पुत्र को बचाने के लिए देवनारायण जी की मां को अपने मायके चली आई और फिर वहीं देवास में देवनारायण जी का पालन पोषण हुआ. देवनारायण जी को घुड़सवारी और युद्ध की ट्रेनिंग दी गयी. कहा जाता है कि वही शिप्रा नदी के किनारे देवनारायण भगवान साधना किया करते थे. जिसे सिद्धवट कहा जाता है.

देवनारायण जी और बगडावत वंश के वीरों की गाथाओं को 'देवनारायण की फड़' में बेहद सुंदर तरीके से दर्शाया गया है.  यहीं नहीं भगवान देवनारायण की कहानी 'बगडावत महाभारत' में इतनी विस्तृत बतायी गयी है कि इसे पूरा पढ़ने के लिए हर दिन 3 पहर में गाया जाता हैं तब जा कर ये 6 महीने में समाप्त हो पाती है.

भगवान देवनारायण जी के चमत्कार- 
1-धार के राजा जयसिंह की बीमार बेटी को स्वस्थ कर दिया . (बाद में उन्ही से विवाह हुआ)
2-सूखी नदी में पानी की धार ले आए.
3-मृत्यु के मुख में समा रहे सारंग सेठ को  जीवन दे दिया.
4- छोंछु भाट को मृत्यु के मुहं के खींच लाए और जीवित कर दिया. 

देवनारायण जी भगवान का सबसे सिद्ध पूजा स्थल, भीलवाड़ा के पास आसींद में हैं. यहं पर खीर और चूरमा का भोग लगाकर देवनारायण जी को पूजा की जाती है. देवनारायण जी जब सिर्फ 31 साल के थे तब उनका देहावसान हो गया था. इस दिन वैसाख के शुल्क पक्ष की तृतीय तिथि थी. जिस तिथि को अक्षय तृतीय भी कहा जाता है,  लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि वे भाद्रपद की शुल्क पक्ष की सप्तमी के दिन बैकुंठ वासी बने थे. 

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