Pitrdosh : हिंदू धर्म में श्राद्ध कर्म को बहुत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है. श्राद्ध करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है. लेकिन अगर श्राद्ध के बाद भी आपके जीवन में कुछ इस प्रकार की घटनाएं लगातार घट रही हैं, तो इसका मतलब है कि पितर आपसे नाराज हैं. तो देखे क्या आपके साथ भी कुछ ऐसा हो रहा है.
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Pitrdosh : हिंदू धर्म में श्राद्ध कर्म को बहुत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है. श्राद्ध करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है. लेकिन अगर श्राद्ध के बाद भी आपके जीवन में कुछ इस प्रकार की घटनाएं लगातार घट रही हैं, तो इसका मतलब है कि पितर आपसे नाराज हैं. तो देखे क्या आपके साथ भी कुछ ऐसा हो रहा है.
संतान
अगर संतान प्राप्ति की कोशिश बार बार विफल हो रही हैं,तो इसका अर्थ पितृ दोष माना जाता है. अगर आपको पितृदोष हो और संतान हो भी जाए तो वो आपकी घोर विरोधी होगी और आप हमेशा संतान से दुख ही पाएंगे.
परेशानी
अगर बार बार आपके काम में रूकावट आ रही है, तो फिर इसका अर्थ है कि पितर नाराज हैं, या आपको पितृदोष लगा है. ऐसे आपको तुरंत इस दोष का इलाज करना चाहिए.
लड़ाई झगड़ा
अगर घर में बात बात पर लड़ाई झगड़ा होता है. तो फिर ये भी पितृ दोष का परिचायक है. ऐसे में पितरों को शांत करने के लिए ज्योतिष अनुसार बताये गये उपायों को करने से राहत मिल सकती है.
पितृ दोष है तो इस बार श्रावण मास की अमावस्या पर तर्पण करके इससे मुक्ति पा सकते हैं। लेकिन आपको पता कैसे चलेगा कि आपको पितृ दोष है? आपको पता कैसे चलेगा कि आपके पितर आपसे नाराज हैं। यह जाने के लिए पढ़ें पितरों की नाराजगी के कुछ खास संकेत या पितृ दोष के लक्षण।
शादी नहीं होना
अगर बहुत कोशिशों के बाद भी शादी नहीं हो पा रही है, तो इसका अर्थ भी पितृदोष से लगाया जाता है.
धनहानि
अचानक बड़ा नुकसान होने या फिर आर्थिक परेशानी होने का अर्थ भी पितृ दोष से ही लगाया जाता है.
इसके अलावा अगर मांगलिक कार्यों में रुकावट आ रही है तो भी कारण एक ही है और श्राद्ध पक्ष में ब्राह्मणों का भोजन नहीं खाना भी पितृ दोष का ही लक्षण होता है.