1 जुलाई को तीन शुभ योग, तीन राशियों के शत्रुओं का होगा नाश, होगा मनचाहा प्रमोशन
Advertisement

1 जुलाई को तीन शुभ योग, तीन राशियों के शत्रुओं का होगा नाश, होगा मनचाहा प्रमोशन

Auspicious Yoga : वैदिक ज्योतिष (Astrology ) के अनुसार नौ ग्रहों का राजकुमार मंगल जल्द ही सिंह राशि में गोचर करेगा, जिससे तीन बेहद शुभ योग बनेंगे. ये तीन योग हैं नीचभंग, मत्स्य और विष्णु योग. तीन राशियों को करियर में विशेष लाभ होगा और आगे बढ़ने के कई मौके मिलेंगे.

1 जुलाई को तीन शुभ योग, तीन राशियों के शत्रुओं का होगा नाश, होगा मनचाहा प्रमोशन

Auspicious Yoga : वैदिक ज्योतिष (Astrology ) के अनुसार नौ ग्रहों का राजकुमार मंगल जल्द ही सिंह राशि में गोचर करेगा, जिससे तीन बेहद शुभ योग बनेंगे. ये तीन योग हैं नीचभंग, मत्स्य और विष्णु योग. तीन राशियों को करियर में विशेष लाभ होगा और आगे बढ़ने के कई मौके मिलेंगे.

मंगल पुरुष ग्रह माना जाता है, जो आक्रामकता, शारीरिक शक्ति और नेतृत्व के गुणों का कारक है. मंगल की कुंडली में स्थिति जातक के व्यक्तित्व के गुण . करियर और पूरे जीवन के बारे में बताने के लिए महत्वपूर्ण है. जुलाई में पहले दिन ही यानि की एक जुलाई को सुबह 01 बजकर 52 मिनट पर मंगल गोचर कर सिंह राशि में चले जाएंगे और 18 अगस्त 2023 तक वहीं रहेगें. इसके बाद मंगल का गोचर कन्या राशि में होना है.

तीन शुभ योगों का प्रभाव
 नीचभंग, मत्स्य और विष्णु योग. तीन राशियों को करियर में विशेष लाभ होगा और आगे बढ़ने के कई मौके मिलेंगे.

नीचभंग योग
नीचभंग योग तब होता है जब नीच ग्रह अपनी ही राशि के स्वामी या किसी मजबूत शुभ ग्रह के साथ युति में हो या उससे दृष्ट हो. यह संयोजन दुर्बल ग्रह को सशक्त बनाता है, जिससे वह अपने सकारात्मक गुणों को प्रकट कर सकता है और अपने नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकता है. दुर्बलता को रद्द करने या कम करने से ग्रह जन्म कुंडली में अधिक प्रभावी ढंग से और सकारात्मक रूप से कार्य करने में सक्षम होता है, जिससे यह जिन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करता है उनमें संभावित ताकत और अवसर प्रदान करता है

मत्स्य योग
मत्स्य योग वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण ग्रह संयोजन है जो किसी व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डाल सकता है. ऐसा तब होता है जब जन्म कुंडली में सभी ग्रह लग्न अक्ष के केवल एक तरफ होते हैं. यह संरेखण एक अद्वितीय ऊर्जा पैटर्न बनाता है जो मछली के आकार जैसा दिखता है, इसलिए इसे "मत्स्य" नाम दिया गया है. यह योग उन्हें सूक्ष्म ऊर्जाओं के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता और आध्यात्मिक विकास और ज्ञानोदय की क्षमता प्रदान करता है.

विष्णु योग
विष्णु योग तब बनता है जब नवम भाव का स्वामी नवम भाव में ही स्थित हो और दशम भाव का स्वामी नवम भाव के स्वामी के साथ दूसरे भाव में हो. विष्णु योग की उपस्थिति व्यक्ति के भाग्यशाली और सामंजस्यपूर्ण जीवन को दर्शाती है, जिसमें दिव्य आशीर्वाद भी शामिल है. यह ज्ञान, बुद्धिमत्ता, अच्छे संचार कौशल और आध्यात्मिकता के प्रति झुकाव जैसे गुण प्रदान करता है. केंद्र भाव में शुभ ग्रहों का संयोजन व्यक्ति की व्यक्तिगत और व्यावसायिक सफलता को बढ़ाता है, स्थिरता, समृद्धि और सामाजिक मान्यता प्रदान करता है.

इन राशियों को मिलेगा फायदा
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए, सिंह राशि में मंगल के इस गोचर के दौरान, मंगल, जो छठे घर के स्वामी है, 1 जुलाई को तीसरे घर में गोचर करेगे. साहस और वीरता से जुड़ा तीसरा घर, धन निवेश में वृद्धि का गवाह बनेगा और अचल संपत्ति संपत्तियों में लाभ की आशा होगा. शत्रु शक्तिहीन हो जाने से विजय सुनिश्चित होगी. कार्यस्थल पर पहचान और प्रशंसा से व्यक्ति की प्रतिष्ठा बढ़ेगी. सरकारी नौकरी की तैयारी करने वालों को लाभ होगा और अधिकारियों का सहयोग मिलेगा.

धनु राशि
मंगल, पांचवें और बारहवें घर के स्वामी के रूप में, धनु राशि के जातकों के लिए भाग्य के घर में गोचर कर रहा है. पंचम भाव में स्थित मंगल अपनी चौथी दृष्टि से बारहवें भाव को प्रभावित करता है, जबकि उसकी सातवीं दृष्टि तीसरे और नौवें भाव पर पड़ती है. यह विन्यास धार्मिक यात्राओं की ओर ले जाता है. गुरुओं का सम्मान होगा और विदेश से जुड़े लोग अच्छा खासा मुनाफ़ा कमा सकते हैं. व्यावसायिक उद्यमों से लाभ मिलेगा और समय अनुकूल रहेगा. संपत्ति संबंधी विवाद सुलझ सकते हैं और वाहन-भवन खरीदने के योग बन सकते हैं.

मीन राशि
मीन राशि के जातक भी मंगल के गोचर को अनुकूल मानते हैं. दूसरे और नौवें घर पर आधिपत्य रखने वाला मंगल छठे घर में गोचर करेगा. यह संरेखण सकारात्मक परिणामों की संभावना के साथ एक आशाजनक स्थिति प्रस्तुत करता है. मनचाही पदोन्नति प्राप्त हो सकती है और विरोधी परास्त होंगे. भाग्य भाव भाग्य और सहायता प्रदान करेगा. अंतर्राष्ट्रीय यात्रा की संभावनाएँ उत्पन्न हो सकती हैं और कुछ कार्यों के लिए यात्रा की आवश्यकता पड़ सकती है. आत्म-आश्वासन बढ़ेगा, साथ ही साहस में भी वृद्धि होगी. अपेक्षाओं में नेतृत्व कौशल को बढ़ावा देने के साथ-साथ सम्मान और स्वीकार्यता प्राप्त करना भी शामिल है.

Trending news