ये राशियां मिलकर बनाती हैं सबसे बेकार कपल्स
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ये राशियां मिलकर बनाती हैं सबसे बेकार कपल्स

Zodiac Signs : हर राशि के स्वामी के अनुसार उसका स्वभाव होता है. जिससे हर एक राशि दूसरी राशि से अलग हो जाती है. कभी कभी ये दोनों राशियां एक दूसरे से इतनी अलग होती है. दूसरी राशि के साथ गंभीर विवाद की स्थिति आ जाती है. जैसे मेष और मकर स्वभाव से ही एक दूसरे से इतनी अलग हैं, कि ये कभी एक साथ नहीं रह सकते हैं.

ये राशियां मिलकर बनाती हैं सबसे बेकार कपल्स

Zodiac Signs : हर राशि के स्वामी के अनुसार उसका स्वभाव होता है. जिससे हर एक राशि दूसरी राशि से अलग हो जाती है. कभी कभी ये दोनों राशियां एक दूसरे से इतनी अलग होती है. दूसरी राशि के साथ गंभीर विवाद की स्थिति आ जाती है. जैसे मेष और मकर स्वभाव से ही एक दूसरे से इतनी अलग हैं, कि ये कभी एक साथ नहीं रह सकते हैं.

वृषभ और सिंह
वृषभ और सिंह मजबूत इरादों वाले व्यक्तित्व साझा करते हैं, जो नियंत्रण और प्रभुत्व को लेकर संघर्ष पैदा कर सकते हैं. वृषभ सुरक्षा और स्थिरता चाहता है, जबकि सिंह ध्यान और प्रशंसा चाहता है. वृषभ की जिद और सिंह के अहंकार ही दोनों के बीच संघर्ष को जन्म दे सकता है. नियंत्रण की इच्छा और अलग-अलग प्राथमिकताएँ हेरफेर और प्रतिस्पर्धा के विषाक्त रस के चलते ये दोनों ही बहुत बुरा जोड़ा बन सकते हैं.

मेष और मकर 
मेष और मकर राशि वालों का जीवन के प्रति दृष्टिकोण विपरीत होता है. मेष राशि वाले आवेगी और साहसी होते हैं, जबकि मकर राशि वाले व्यावहारिक होते हैं और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करते हैं. इससे संघर्ष हो सकता है जहां मेष राशि वाले मकर राशि की सावधानी से प्रतिबंधित महसूस करते हैं, और मकर राशि वाले मेष राशि वाले को लापरवाह समझ सकते हैं. जिससे इनके रिश्ते के बीच संघर्ष-गुस्सा और हताशा दिखना स्वाभाविक बात होती है.

मिथुन और वृश्चिक
मिथुन और वृश्चिक की संचार शैली अलग-अलग होती है. मिथुन खुले और हल्के-फुल्के विचार-विमर्श को महत्व देते हैं, जबकि वृश्चिक गहराई और तीव्रता को पसंद करते हैं. गलतफहमी की संभावना अधिक है, क्योंकि मिथुन का आकस्मिक दृष्टिकोण वृश्चिक की भावनात्मक गहराई की आवश्यकता को खारिज कर देता है. इस लिए ये जोड़ा भी ज्यादा वक्त तक रिश्ते में साथ नहीं रह सकता है. 

तुला और कन्या
तुला और कन्या राशि वालों के जीवन की चुनौतियों से निपटने के तरीके अलग-अलग होते हैं. तुला राशि वाले सद्भाव और संतुलन चाहते हैं, जबकि कन्या राशि वाले विश्लेषणात्मक और आलोचनात्मक होते हैं. तुला राशि की सामाजिक मेलजोल की इच्छा कन्या राशि की व्यवस्था और दिनचर्या की आवश्यकता से टकरा सकती है. इसके परिणामस्वरूप कन्या राशि वाले उपेक्षित महसूस कर सकते हैं और तुला राशि वाले दबा हुआ महसूस कर सकते हैं. लगातार आलोचना और अधूरी अपेक्षाओं के चलते ये भी बेहद खराब कॉंबिनेशन का बेहतरीन उदाहरण है.

(डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी है, जिसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है)

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