सीएम के गृहनगर में परेशान नागरिक, टूटी हुई सड़कों का झेल रहे दंश
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सीएम के गृहनगर में परेशान नागरिक, टूटी हुई सड़कों का झेल रहे दंश

जोधपुर जिले के पर्यटक और स्थानीय नागरिक बरसात में टूटी हुई सड़कों का दंश अभी तक झेल रहे हैं और इन टूटी हुई सड़कों पर कई बार बड़े हादसे भी हो चुके हैं लेकिन इन सबके बावजूद अभी तक प्रशासन की नींद नहीं खुली है.

सीएम के गृहनगर में परेशान नागरिक, टूटी हुई सड़कों का झेल रहे दंश

Jodhpur News: मानसून सीजन समाप्त होने के साथ ही पर्यटकों की संख्या में दिनोंदिन बढ़ोतरी हो रही है लेकिन बाहर से आने वाले पर्यटक और स्थानीय नागरिक बरसात में टूटी हुई सड़कों का दंश अभी तक झेल रहे हैं और इन टूटी हुई सड़कों पर कई बार बड़े हादसे भी हो चुके हैं लेकिन इन सबके बावजूद अभी तक प्रशासन की नींद नहीं खुली है.

इस बार मानसून के सीजन में हुई भारी बारिश के कारण जोधपुर शहर की सड़कें जगह-जगह से टूट चुकी है जिसको लेकर पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने  जोधपुर दौरे के दौरान अपने भाषण  अधिकारियों  सड़के दुरूस्त करने के लिए कहा  था. उन्होंने कहा था कि समय रहते वह लोग शहर के टूटी सड़कों की मरमम्त कर दे ताकि लोगों को पता चले कि यह मुख्यमंत्री का गृह नगर है.

मुख्यमंत्री के कहने के बावजूद अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंगी है और यही कारण है कि 15 सितंबर के बाद सड़कों का रिपेयरिंग कार्य करने का दावा करने वाले JDA और पीडब्ल्यूडी के प्रशासनिक अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं हालांकि कलेक्टर ने टेलीफोन पर इस बात की पुष्टि की है कि टूटी हुई सड़कों को लेकर वर्क आर्डर और टेंडर जारी कर दिया गया है और जल्द ही कार्य शुरू करवा दिया जाएगा लेकिन जोधपुर से बोरानाडा की तरफ जाने वाली सड़क हो या बासनी से सांगरिया जाने वाली सड़क मानसून की बारिश के साथ ही टूटी हुई है लेकिन मानसून भी खत्म हो गया दीपावली भी खत्म हो गई लेकिन जिम्मेवार अधिकारियों ने अभी भी सड़क को रिपेयर नहीं करवाया है. 

  शायद यही कारण है कि पिछले दिनों जोधपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त को राज्य सरकार ने एपीओ कर दिया था. इन टूटी हुई सड़कों के कारण से इन सड़कों पर गुजरने वाले वाहन चालकों को काफी परेशानी हो रही है. वहीं क्षेत्रवासी भी उड़ती धूल के कारण से बीमारी का शिकार होते जा रहे हैं. वही पिछले दिनों इन टूटी हुई सड़कों के कारण से पिता पुत्री की सड़क दुर्घटना में जान चली गई थी लेकिन उसके बाद भी अभी तक जेडीए प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया है. हालाकी कलेक्टर के जरिए लगातार मॉनिटरिंग  जा रही है लेकिन लोगों को कब राहत मिलेगी यह तो वक्त ही बताएगा.

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