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संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार जोधपुर बी.के. द्धिवेदी की माने तो एसएसपी उर्वरक डीएपी की तुलना में सस्ता एवं बाजार में आसानी से उपलब्ध है. कृषि विशेषज्ञों के सलाह के अनुसार डीएपी के विकल्प के रूप में तीन बैग एसएसपी उर्वरक एक बैग यूरिया का प्रयोग किया जाता है, तो कम मूल्य पर अधिक नाइट्रोजन फॉस्फोरस व अतिरिक्त सल्फर भूमि को प्राप्त होगा. एसएसपी यूरिया उर्वरक तुलनात्मक डीएपी उर्वरक से कम व्यय होता है.
किसानों को एसएसपी उर्वरक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विभागीय स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार को महत्व दिया जा रहा है. खेती में अच्छी उपज के लिए डीएपी के स्थान पर एसएसपी उर्वरक एक अच्छा विकल्प होगा. गौरतलब है कि इस बार मानसून की अच्छी बारिश के कारण रबी फसल क्षेत्र वृद्धि की संभावना है. द्वीवेदी ने कहा कि रबी फसलों की बुवाई के समय डीएपी उर्वरक का उपयोग किसानों का अधिक प्रचलन है लेकिन अधिक फास्फोरस युक्त उर्वरक का उपयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति में असंतुलन होना स्वभाविक है. किसानों को डीएपी के दूसरे विकल्प के रूप में एसएसपी यूरिया उर्वरक को खेती में काम लेना चाहिए. यह डीएपी की तुलना में सस्ता और सुगमतापूर्वक भी उपलब्ध हो जाता है.
साथ ही डीएपी उर्वरक की तुलना में एक बेहतरीन विकल्प है. बुवाई पूर्व भूमि में डीएपी के विकल्प के रूप में तीन बैग सिंगल सुपर फास्फेट और एक बैग यूरिया का अनुपात अनुसार उपयोग कर सकते हैं. सिंगल सुपर फास्फेट में उपलब्ध फास्फोरस तत्वों के अलावा अन्य आवश्यक पोषक तत्वों का फसल उपज वृद्धि में फायदा होगा.