जोधपुर एम्स में हिंदी दिवस पर वाद विवाद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
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जोधपुर एम्स में हिंदी दिवस पर वाद विवाद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

जोधपुर एम्स में हिंदी दिवस पर विषय सेंट्रल विस्टा और स्टेचू ऑफ यूनिटी पर वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिता में 12 टीमों ने हिस्सा लिया प्रत्येक टीम में 2 मेंबर थे जिन्होंने पक्ष और विपक्ष में अपने तर्क प्रस्तुत किए.

जोधपुर एम्स में हिंदी दिवस पर वाद विवाद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

Jodhpur: जोधपुर एम्स में हिंदी दिवस पर विषय सेंट्रल विस्टा और स्टेचू ऑफ यूनिटी पर वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिता में 12 टीमों ने हिस्सा लिया प्रत्येक टीम में 2 मेंबर थे जिन्होंने पक्ष और विपक्ष में अपने तर्क प्रस्तुत किए. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स जोधपुर में हिंदी दिवस के मौके पर वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन रखा गया. प्रतियोगिता का विषय सेंट्रल विस्टा और स्टेचू ऑफ यूनिटी देश के पैसों की बर्बादी या देश के विकास में अहम योगदान रखा गया था. इसमें एम्स और अन्य मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में कुल 12 टीमों ने हिस्सा लिया प्रत्येक टीम में 2 मेंबर थे. जिन्होंने पक्ष और विपक्ष में अपने तर्क प्रस्तुत किए. बता दें कि हाल ही में 8 सितंबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का शुभारंभ किया था , इसको लेकर देशभर में चर्चा चल रही है.

कार्यक्रम आयोजक जय कियाडा ने बताया कि निर्णायक की भूमिका में ओझा दत और एडवोकेट प्रज्ञा लखानी है. वहीं विजेता को 6 हजार रुपए की नगद राशि देकर सम्मानित किया जाएगा. बता दें कि भारत में इस साल 69 वां हिंदी दिवस मनाने जा रहा है. पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर को 1953 में मनाया गया था और तभी से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है. ये दिन हिंदी भाषा के महत्व को समझान और इसे राष्ट्रभाषा के तौर पर बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है.

आधिकारिक भाषा का दर्जा हिंदी को 14 सितंबर 1949 को मिला था. 1949 में संविधान सभा के दौरान कई हिंदी और अंग्रेजी भाषा की प्राथमिकता को लेकर चर्चा हुई थी जिसमें उत्तर के लोगों का मानना था कि हिंदी को प्राथमिकता मिलनी चाहिए तो दक्षिण राज्यों के लोगों का मानना था कि अंग्रेजी भाषा को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. इन स्थितियों और समय के साथ अंग्रेजी भाषा की प्रसांगिकता को देखते हुए हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा के तौर पर आगे बढ़ाने के हिंदी दिवस की शुरुआत की गई. हिंदी क साथ 21 अन्य भाषाओं को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है. हिंदी कवियों, साहित्यकारों को के लिए ये दिवस बहुत महत्वपुर्ण माना जाता है.

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