एक बार फिर झुंझुनूं कलेक्टर की लापरवाही पड़ेगी भारी! तातीजा के मेला में नहीं दिख रही दिलचस्पी
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एक बार फिर झुंझुनूं कलेक्टर की लापरवाही पड़ेगी भारी! तातीजा के मेला में नहीं दिख रही दिलचस्पी

झुंझुनूं कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव की लापरवाही एक बार फिर भारी पड़ने वाली है. जी, हां झुंझुनूं के सिंघाना के समीप तातीजा वाली देई माई धाम पर 15 सितंबर से मेला शुरू होने वाला है. जिसमें देशभर के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए आएंगे.

एक बार फिर झुंझुनूं कलेक्टर की लापरवाही पड़ेगी भारी! तातीजा के मेला में नहीं दिख रही दिलचस्पी

Jhunjhunu News: झुंझुनूं कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव की लापरवाही एक बार फिर भारी पड़ने वाली है. जी, हां झुंझुनूं के सिंघाना के समीप तातीजा वाली देई माई धाम पर 15 सितंबर से मेला शुरू होने वाला है. जिसमें देशभर के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए आएंगे. प्रशासन इनकी तैयारियों में सहयोग करने की बजाय रोड़े अटका रहा है. विवाद को निपटाने या फिर कोई रास्ता निकालने की बजाय जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव मामले में कोई ध्यान नहीं दे रहे है. जबकि ऐसा ही रहा तो मेले में अव्यवस्था से कोई भी बड़ा बखेड़ा खड़ा हो सकता है.

विवाद अब इसलिए और भी उग्र हो गया है. क्योंकि प्रशासन गोचर भूमि का हवाला देकर मेले की व्यवस्था के लिए आयोजन समिति द्वारा लगाई गई रेलिंग लगाने से रोक दिया है. जबकि करीब 70 बीघा गोचर भूमि पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है. जिस पर प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है. कब्जाधारी रसूखदारों के इशारे पर सिंघाना नायब तहसीलदार बजरंगलाल जाखड़ अतिक्रमण हटाने की बजाय मेला कमेटी की व्यवस्थाओं में रोड़े अटका रहे है. बैरिकेट्स, पाइप रेलिंग व लाइटिंग व्यवस्था को उखाड़ कर गोचर भूमि के नाम पर अड़ंगा लगा रहा है. जबकि यह श्री देई माई प्राचीन समय से राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड व बिहार सहित दर्जनों राज्यों के लाखों की संख्या में 15 दिन भरने वाले इस पखवाड़े मेले में नवजात शिशु के बोलने की मन्नत एवं जात जडूला परंपरा के निर्वहन करने के लिए भीड़ उमड़ती है.

मेला कमेटी महीने भर पहले से ही तैयारी में जुट जाते हैं. लेकिन इस बार श्रीदेईमाई मेला की सारी व्यवस्थाएं प्रशासन की मिलीभगत और कुछ रसूखदारों के अतिक्रमण की भेंट चढ रहा है. प्रशासन लाइटिंग व पार्किंग की व्यवस्था भी नहीं करने दे रहा है. मेला कमेटी का आरोप है कि भीड़ की वजह से कोई हादसा होता है तो कौन जिम्मेदार होगा. तातीजा वाली देई माई के नाम से प्रसिद्ध कुठानिया में स्थित गूंगी माई धाम पर 16 सितंबर से 15 दिनों तक मेला भरेगा. जिसमें दूर दराज से छोटे बच्चों की जात लगाने के लिए महिला एवं पुरुषों की भीड़ उमड़ती है. देई माई ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष नरेंद्र भाटी ने बताया कि देवस्थान विभाग द्वारा हमारे पास व्यवस्था बनाने के निर्देश जारी किए हैं. उसी के अनुसार हमने भीड़ से बचने के लिए श्रद्धालुओं के लिए रेलिंग लगा रहे थे.

सिंघाना नायब तहसीलदार बजरंगलाल जाखड़ ने कार्यों को रोक दिया तथा साथ ही धमकी दी कि आपके कार्यों पर 91 की कार्रवाई करूंगा. जबकि मेले में लाखों श्रद्धालु आते हैं 15 दिन तक प्रतिदिन करीब सैंकड़ों गाड़ियां पहुंचती है. महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ती है इस वजह से रेलिंग लगा रहे थे. लेकिन वह भी नहीं करने दिया तथा बाहर लाइटिंग की व्यवस्था कर पार्किंग का कार्य कर रहे थे. वहीं सिंघाना के नायब तहसीलदार बजरंगलाल जाखड़ का कहना है कि मंदिर के पास अतिक्रमण हटा दिया गया है दोबारा अतिक्रमण करने की उनके पास कोई शिकायत नहीं है. मंदिर में निर्माण कार्य करने पर रोक लगा दी है. मेले की अस्थाई व्यवस्थाओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. पाइप रेलिंग बिजली के खम्बो को हटाया गया है.

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