छात्रसंघ चुनावों को लेकर जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू, SFI के जिलाध्यक्ष समेत सैकड़ों कार्यकर्ता NSUI में शामिल
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छात्रसंघ चुनावों को लेकर जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू, SFI के जिलाध्यक्ष समेत सैकड़ों कार्यकर्ता NSUI में शामिल

  छात्रसंघ चुनावों की घोषणा के बाद अब छात्र संगठनों में जोड़ तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है.आज छात्र संगठन एसएफआई को एनएसयूआई ने बड़ा झटका दिया है. एसएफआई के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी अपने सैकड़ों समर्थकों और एसएफआई के अन्य पदाधिकारियों के साथ एनएसयूआई में शामिल हो गए.

छात्रसंघ चुनावों को लेकर जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू, SFI के जिलाध्यक्ष समेत सैकड़ों कार्यकर्ता NSUI में शामिल

 

झुंझुनूं:  छात्रसंघ चुनावों की घोषणा के बाद अब छात्र संगठनों में जोड़ तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है.आज छात्र संगठन एसएफआई को एनएसयूआई ने बड़ा झटका दिया है. एसएफआई के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी अपने सैकड़ों समर्थकों और एसएफआई के अन्य पदाधिकारियों के साथ एनएसयूआई में शामिल हो गए.

एनएसयूआई में शामिल होने के बाद वीरेंद्र चौधरी ने एनएसयूआई जिलाध्यक्ष कर्मयोगी कुलहरि के नेतृत्व में मोरारका कॉलेज में रैली निकालकर अपना शक्ति प्रदर्शन किया. वहीं, छात्रों की सभा को संबोधित किया. इस मौके पर एसएफआई के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी ने एसएफआई के छात्रनेताओं पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि एसएफआई पिछले कुछ समय से छात्रहितों के मुद्दों से भटक गई है. एसएफआई पदाधिकारी केवल कुछ नेताओं के तलवे चाटने तक सीमित हो गई है. वहीं, छात्रहितों की बजाय अन्य मुद्दों के जरिए लोगों पर दबाव बनाने का काम करती है. जो सही नहीं है.

उन्होंने कहा कि मोरारका कॉलेज के विद्यार्थियों ने हमेशा एसएफआई का साथ दिया है, लेकिन इस बार चुनावों में एसएफआई से सभी का मोह भंग हो गया है. इसलिए वे भी एनएसयूआई को मजबूत करने के लिए पूरे जिले में काम करेंगे. इस मौके पर एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष कर्मयोगी कुलहरि ने कहा कि एसएफआई ने महीने में 20 दिन छात्रों को बेवजह के मुद्दों पर सड़कों पर ले जाकर उनकी जिंदगी खराब की है. उन्होंने छात्रों को पढने नहीं दिया. जिन मुद्दों का छात्रों से कोई लेना-देना नहीं है. उन पर भी दबाव की राजनीति की. यही कारण है कि ना केवल वीरेंद्र चौधरी, बल्कि काफी एसएफआई कार्यकर्ता अब एनएसयूआई में आने को तैयार है.जिन्हें प्रदेश नेतृत्व से चर्चा करने के बाद ही संगठन की सदस्यता दिलाई जाएगी.

Reporter- Sandip kedia

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