संजीवनी बन रही चिरंजीवी योजना, गंभीर बीमार बच्चों को दे रही जीवनदान
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संजीवनी बन रही चिरंजीवी योजना, गंभीर बीमार बच्चों को दे रही जीवनदान

प्रदेश सरकार द्वारा प्रमुख फ्लैगशिप योजनाओं में शामिल चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना इन दिनों निर्धन परिवारों के लिए तो संजीवनी बन गई है. इस योजना में शामिल परिवार के गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को निशुल्क सर्जरी और उपचार का लाभ मिल रहा है.

संजीवनी बन रही चिरंजीवी योजना, गंभीर बीमार बच्चों को दे रही जीवनदान

झालावाड़: प्रदेश सरकार द्वारा प्रमुख फ्लैगशिप योजनाओं में शामिल चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना इन दिनों निर्धन परिवारों के लिए तो संजीवनी बन गई है. इस योजना में शामिल परिवार के गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को निशुल्क सर्जरी और उपचार का लाभ मिल रहा है. ऐसे में कहा जाए तो आम लोगों के लिए चिरंजीवी योजना अब संजीवनी का रूप लेती जा रही.

प्रदेश सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में परिवारों को जोड़ने के मामले में झालावाड़ जिला प्रदेश में पहले पायदान पर है. योजना में अधिक से अधिक परिवारों को जोड़ने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर जीएन सैयद द्वारा खास मॉनिटरिंग कर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं जिससे अधिक परिवार चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ उठा सकें.

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झालावाड़ जिले में तो चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना गरीब निर्धन परिवारों के लिए संजीवनी बन गई है बीते 8 माह में झालावाड़ जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 1 से 18 वर्ष उम्र के करीब ढाई लाख बच्चों की स्क्रीनिंग की गई, जिसमें कुछ बच्चे गंभीर बीमारियों से ग्रसित मिले. ऐसे में स्वास्थ विभाग झालावाड़ द्वारा 16 बच्चों का चिरंजीवी योजना के तहत निशुल्क उपचार व सर्जरी करवाई गई है और वे सभी स्वस्थ हो अपने घर लौट गए हैं.

ऑपरेशन के लिए 3 लाख की थी जरूरत, पर चिरंजीवी योजना के तहत मुफ्त हुआ इलाज

गत दिनों झालावाड़ जिले के छोटी रायपुर गांव के निर्धन परिवार रंगलाल की 3 वर्षीय पुत्री रितिका भी स्क्रीनिंग के दौरान दिल के छेद की बीमारी से ग्रसित मिली. परिवार की आर्थिक हालत ऐसी नहीं थी कि वह करीब 3 लाख रुपए खर्च उठा कर बच्ची का इलाज करवा पाए. ऐसे में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्क्रीनिंग में बालिका रितिका को हृदय रोग उपचार के लिए चयनित किया गया. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर जीएम सैयद द्वारा बालिका को चिरंजीवी योजना के तहत हृदय रोग से जुड़े ऑपरेशन के लिए कोटा के एक निजी चिकित्सालय भेजा गया, जहां बालिका का उपचार हुआ और सर्जरी के बाद बालिका अब पूरी तरह स्वस्थ है.

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बालिका के परिजन मदनलाल ने बताया कि बालिका के उपचार में करीब 3 लाख रुपए खर्च होता, जो उनके परिवार के लिए वहन कर पाना संभव नहीं था, लेकिन प्रदेश सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से बालिका रितिका का निशुल्क ऑपरेशन हो गया. वे प्रदेश सरकार का आभार जताते हैं कि उनकी एक योजना उनकी बच्ची के लिए जीवनदाई बन गई.

कई परिवार को मिला योजना का लाभ

चिरंजीव योजना से लाभ उठाने वाला यह अकेला परिवार नहीं. गत शुक्रवार को भी झालावाड़ जिले के पिडावा क्षेत्र के ढाबला भोज निवासी कालू लाल लोहार की बेटी लविषा हृदय रोग का सर्जरी करवाने के बाद झालावाड़ के स्वास्थ्य भवन पहुंची, जहां सीएमएचओ डॉ. जी.एम. सैयद ने बालिका को गुलदस्ता भेंट कर उसके बेहतर स्वास्थ्य की कामना की. 13 वर्षीय बालिका लविषा कक्षा पांच की छात्रा है, इसके भी दिल में छेद था. चिकित्सकों द्वारा भारी-भरकम खर्च की राशि बताई गई थी, ऐसे में निर्धन पिता कालू लोहार उपचार करवाने में असहाय महसूस कर रहा था. लेकिन जब बालिका लविषा की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्क्रीनिंग हुई, तो सीएमएचओ डॉ जीएम सैयद ने चिरंजीवी योजना के माध्यम से बालिका का उपचार करवाया और करीब ढाई लाख रुपए भारी भरकम खर्च की सर्जरी को चिरंजीवी योजना के तहत निशुल्क करवा दिया.

योजना के प्रचार प्रसार के लिए बड़ी संख्या में जुट रहे लोग

चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी झालावाड़ डॉक्टर जीएम सैयद ने कहा कि प्रदेश सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के प्रचार प्रसार के लिए स्वास्थ विभाग पूरी तरह सक्रिय है. जिले के अधिक से अधिक परिवारों को जोड़ने के लगातार प्रयास किए जा रहे और इन्हीं कोशिशों के बूते झालावाड़ जिला सर्वाधिक परिवारों को चिरंजीवी बीमा योजना से जोड़ने में अग्रणी रहते हुए प्रदेश में पहले पायदान पर आया है. उनका प्रयास है कि जिले का प्रत्येक परिवार चिरंजीवी योजना से जुड़ जाए. उधर झालावाड़ कलेक्टर भारती दीक्षित भी सरकार की लिखित योजनाओं से अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई दे रही.

REPORTER- MAHESH PARIHAR

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