सांचोर डाक बंगले में एमबीसी आरक्षण को लेकर महापंचायत का आयोजन एमबीसी आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष विजय बैंसला के मुख्य आतिथ्य में हुआ. इस दौरान बड़ी संख्या में समाज के लोगों ने भाग लिया.
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Sanchore: जालोर जिले के सांचोर डाक बंगले में एमबीसी आरक्षण को लेकर महापंचायत का आयोजन एमबीसी आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष विजय बैंसला के मुख्य आतिथ्य में हुआ. इस दौरान बड़ी संख्या में समाज के लोगों ने भाग लिया.
इस मौके प्रदेशाध्यक्ष विजय बैंसला ने कहा कि कमजोर एवं पिछड़े वर्ग को राजनैतिक दलो ने अपना वोट बैंक मानकर सात दशकों से शोषण किया है, जिसकी बदौलत न तो जनसंख्या के आधार पर आरक्षण मिला है और न राजनीति में प्रतिनिधित्व. ऐसे हालात में कमजोर तबके के लोग महज वोट बैंक बनकर रह गया है, उस मानसिकता को अब बदलने के लिए बड़ा आदोलन होगा, ताकि लोकतंत्र में अपना हक और समान भागीदारी वंचित वर्गो को मिल सके.
इस बार प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सामाजिक और राजनीतिक अस्तित्व की जंग है. उन्होंने कहा कि एमबीसी समाज की पीड़ा समाज का व्यक्ति सरकार में रहकर ही कर सकता है. विजय बैंसला ने कहा कि जब बच्चे पढ़ेंगे नहीं, बच्चियों को पढ़ाएंगे नहीं तो फिर 5% आरक्षण का फायदा कैसे मिलेगा. सभी को जागरूक होने की बहुत ज्यादा जरूरत है. अब वक्त आ गया है एक हो जाओ.
इस महापंचायत को आरक्षण समिति के उपाध्यक्ष भुरा भक्त , एडवोकेट अतरसिंह गुर्जर, भीनमाल के नगरपालिका पूर्व चेयरमैन सांवलाराम देवासी, महादेवाराम देवासी रानीवाड़ा, डॉ रमेश देवासी, रुड़ाराम रेबारी ने भी संबोधित किया. एमबीसी आरक्षण समिति के प्रदेशाध्यक्ष विजय बैंसला ने महापंचायत में बेगू विधायक राजेंद्र बिधूड़ी पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि बिधूड़ी बाहरी प्रदेश के गुर्जर है, राजस्थान में दो बार विधायक बन गए है.
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कम प्रतिनिधित्व वाले समाज के लोग विधानसभा में पहुंच जाते है. बड़ा वोट बैंक उपेक्षा का शिकार होता रहता है, शिक्षा की कमी की बदौलत और राजनेतिक चेतना की वजह से उक्त लोगों को आगे आने का मौका तक नहीं दिया जाता है, जो राजनीतिक साजिश का बड़ा हिस्सा हैं. इसको सहन नहीं किया जाएगा, जिसको लेकर पूरे प्रदेश में एमबीसी में समान भागीदारी के आधार पर प्रमुख राजनीतिक दलों से मांग की जाएगी. जब एमबीसी की समान भागीदारी की मांग को स्वीकार नहीं किया जाएगा तो प्रदेश की राजनीति का भूगोल बदलने की क्षमता रखते है, जिसमें किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा.
एमबीसी समाज चेतना यात्रा चल रही है, 200 सौ विधानसभा 73 विधानसभा ऐसी है, जहां पर 60 से 75 हजार तक एमबीसी समाज के वोटर हैं. गाडरिया लोहार, बंजारा समाज को 70 साल में एक बार भी प्रतिनिधित्व नहीं मिला है, उक्त अनुपात के आधार पर इन जातियों को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है क्यों, इन जातियों का क्या गुनाह है, आखिर लोकतंत्र में राजनीतिक दल इस प्रकार की जातियों को प्रतिनधित्व से वंचित क्यों रख रही है, इस मुद्दे को लेकर हम जागरूकता , चेतना यात्रा निकाल वंचित वर्ग के लोगो को इसके बार में जागृत करने का काम रहे हैं.
Reporter-Dungar Singh
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