जालोर- भाई बहनों के जोड़े का रैला, 54 वर्ष बाद तालाब हिलौर, चुनरी ओढ़ा कर गूंगरी मात्तर खिलाई
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जालोर- भाई बहनों के जोड़े का रैला, 54 वर्ष बाद तालाब हिलौर, चुनरी ओढ़ा कर गूंगरी मात्तर खिलाई

जालोर जिले के आहोर उपखंड तहसील के आलावा सी गांव में 54 वर्ष बाद गांव में मेले सा माहौल रहा, नासिक ढोल, सिर पर कलश धारण की महिलाएं, पुरुषों के सिर पर केसरिया साफा, मंगल गीत गाती महिलाएं, बढ़ते कदम, सालों का बेसब्री का इंतजार खत्म होने को लेकर हजारों की संख्या में भाई बहनों के जोड़े का रे

जालोर- भाई बहनों के जोड़े का रैला, 54 वर्ष बाद तालाब हिलौर, चुनरी ओढ़ा कर गूंगरी मात्तर खिलाई

Jalore News: जालोर जिले के आहोर उपखंड तहसील के आलावा सी गांव में 54 वर्ष बाद गांव में मेले सा माहौल रहा, नासिक ढोल, सिर पर कलश धारण की महिलाएं, पुरुषों के सिर पर केसरिया साफा, मंगल गीत गाती महिलाएं, बढ़ते कदम, सालों का बेसब्री का इंतजार खत्म होने को लेकर हजारों की संख्या में भाई बहनों के जोड़े का रेला उमड़ पड़ा. कुछ ऐसा ही नजारा रविवार सवेरे आहोर तहसील के आलावा सी गांव में 54 वर्ष बाद देखने को मिला. आलावा सी गांव में मनोहर सिंह बालोत के सानिध्य में मुख्य बस स्टैंड से गाजे बाजों के साथ भाई बहनों का काफिला रवाना हुआ. विभिन्न जातियों के हजारों भाई बहनों ने गीत गाते हुए डीजे की धुन पर मलीनाथ मन्दिर के पास स्थित प्रेम तालाब पर पहुंचे . जहां पर आचार्य संतोष त्रिवेदी, सुभम केवानी पन्ना लाल व हंस देवी ने वैदिक मंत्रोचार के साथ तालाब की पूजा अर्चना के विधि विधान से भाई ने बहन को मटका हिलोरा, तालाब का पानी पिला, चुनरी उड़ा कर गूंगरी मात्तर खिलाई और एक दूसरे की रक्षा करने की कसम खाई.

अमन चैन खुशहाली की कामना

सर्व प्रथम सुभ मूर्त में रूप सिंह राठौड़ नारणावास ने अपनी बहन चंचल कंवर को चुनरी ओढ़ा कर तालाब हिलौर ने की रस्म अदा की उसके बाद एक एक कर सभी महिलाओं व भाइयों ने तालाब हिलोर ने की रश्म पूर्ण कर तालाब की सात परिक्रमा लगाकर गांव में अमन चैन खुशहाली की कामना की. इस दौरान महिलाओं ने डीजे की धुन पर खूब नृत्य किया . इस मौके पर रूप सिंह राठौड़ नारणावास , बाबू सिंह मेडा , खुशाल सिंह नारणावास , विक्रम सिंह , माधु सिंह देवदा , नैन सिंह , पन्ने सिंह ,पुख सिंह , पीर सिंह , लक्ष्मण सिंह बालोत, नरेंद्र सिंह , राजेन्द्र सिंह , सूर्यपाल सिंह , रूपी राम देवासी, प्रकाश लुहार ,हरीश कुमार, कुइया राम देवासी ,जोता राम मीणा , भैरा राम ,कपुरा राम भील ,प्रगा राम समेत गांव के कई ग्रामीण मौजूद थे.

सालों का सपना हुआ साकार

आलावा सी की बुजुर्ग महिलाओं ने बताया की शादी हुए करीब 50 साल बीत गए लेकिन तालाब हिलोरने की तमन्ना आज भी अधूरी रहने से प्रतिवर्ष मन में तालाब हिलोरने की आस लगाए बैठे थे, जो कि समय में रविवार को गांव में आयोजित तालाब हिलोरने के कार्यक्रम का सपना साकार हुआ. जिसमें काफी बुजुर्ग महिलाओं ने भाइयों के हाथ की चुनरी और तालाब का पानी पी कर मन प्रफुल्लित हुआ. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भाई बहनों के जोड़ों ने भाग लिया.

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