जालोर- केसरिया साफा पहन रामसीन में जुटे हजारों राजपूत, समाज का संभागीय स्तरीय महासम्मेलन का हुआ आयोजन
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जालोर- केसरिया साफा पहन रामसीन में जुटे हजारों राजपूत, समाज का संभागीय स्तरीय महासम्मेलन का हुआ आयोजन

Jalore news: राजस्थान के जालोर जिले के रामसीन कस्बे में भोमिया राजपूत समाज का संभागीय स्तरीय महासम्मेलन का आयोजन हुआ. लोगों ने वक्ताओं ने समाज को संगठित रहने, शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने और राजनीतिक क्षेत्र में उचित प्रतिनिधित्व की मांग रखी. 

 जालोर- केसरिया साफा पहन रामसीन में जुटे हजारों राजपूत, समाज का संभागीय स्तरीय महासम्मेलन का हुआ आयोजन

Jalore news: राजस्थान के जालोर जिले के रामसीन कस्बे में भोमिया राजपूत समाज का संभागीय स्तरीय महासम्मेलन का हुआ आयोजन. कार्यक्रम में जालोर जिले के साथ-साथ सांचौर, पाली, सिरोही, बाड़मेर, जोधपुर समेत आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में समाजबंधु पहुंचे.

यहां वक्ताओं ने समाज को संगठित रहने, शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने और राजनीतिक क्षेत्र में उचित प्रतिनिधित्व की मांग रखी. समारोह को लेकर पिछले काफी दिनों से तैयारियां की जा रही थी. इधर, बारिश ने खलल डालने का प्रयास भी किया, लेकिन केसरिया साफा पहने भोमिया राजपूतों का हौसला कायम रहा. करीब पांच घण्टे तक चले इस सम्मेलन में वक्ताओं ने समाज के लिए सदैव हाजिर रहने और एकजुट रहने का आव्हान किया.

सभी समाजों का साथ लेने का संदेश
सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि राजशाही के समय सिर कटाने की जरूरत पड़ती थी, तब भी हम आगे रहते थे. अब लोकतंत्र में सिर गिनाने की जरूरत पड़ रही है तो अब हमने सिर भी गिनवा दिए है, अब तो राजनीतिक दलों को भी विचार करना चाहिए. वक्ताओं ने कहा कि राजस्थान में एक भी भोमिया राजपूत समाज का कोई विधायक नहीं है, अब जो राजनीति दल भोमिया समाज को महत्व देगा, समाज भी उसी दल को महत्व देगा. साथ ही वक्ताओं ने कहा कि भोमिया राजपूत समाज बंधुओं को अब सर्व समाज को साथ लेकर चलने की आवश्यकता है. हर तबके के लोगों के साथ सुख दुख में साथ निभाना होगा. तभी समाज आगे बढ़ सकता है.

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शिक्षा पर भी दिया जोर
समाजबंधु टीकमसिंह राणावत ने सम्बोधित करते हुए कहा कि राजनीतिक प्रतिनिधित्व के साथ साथ समाज में आत्ममंथन करने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि हम समाज में अधिक संख्या के बल पर सरपंच, प्रधान, विधायक या सांसद भी बना सकते हैं, लेकिन जब तक समाज के बन्धु अधिकारी नहीं बनेंगे तब तक शैक्षणिक जागृति नहीं आएगी. उन्होंने कहा कि समाज के बच्चों को पढ़ाने के लिए सहयोग करना पड़ेगा. वक्ताओं ने भी प्रवासी समाजबंधुओं से भी आग्रह किया कि वे भले ही बाहर जाकर धन कमाए, इसका हमें गर्व है, लेकिन समय समय पर अपने मूल स्थान को भी तवज्जो दें. ताकि अपनी जड़ों से जुड़े रह सके. वक्ताओं ने कहा कि समाज में कई प्रतिभाएं है जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण आगे नहीं बढ़ पाते, हमें ऐसी प्रतिभाओं की मदद करनी होगी.

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संकल्प पत्र में रखी पांच मांगे 
सम्मेलन में राजपूत समाज ने पांच मांगों का संकल्प पत्र रखा. जिसमें बताया कि भोमिया राजपूत समाज को दोनों पार्टियां यथा भाजपा व कांग्रेस 13 विधानसभा क्षेत्रों में से 2-2 टिकिट देने की व्यवस्था करें. जो भी राजनितिक पार्टी पहल करेगी पूरा समाज उस पार्टी के सर्मथन में रहेगा. जिला स्तर जालोर व राजधानी मुख्यालय जयपुर में भोमिया राजपूत समाज के छात्रावास के लिए जमीन का आवंटन करवाना व छात्रावास का निर्माण करवाना, भोमिया राजपूत समाज के लिए एक बोर्ड का गठन करवाना व पूरे संभाग के लिए एक आवश्यक फंड (कोष) की व्यवस्था करने की मांग रखी गई.

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