Rajasthan News: जैसलमेर में ओरण भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की मांग को लेकर पर्यावरण प्रेमियों द्वारा रविवार को 60 किलोमीटर पैदल चल राज्य सरकार को जगाने का निर्णय लिया गया है. दरअसल ओरण संरक्षण की मांग को तेज करने वाली ओरण टीम ने रविवार सुबह देगराय ओरण स्थित मनियारा तला से अपनी पदयात्रा शुरू की.
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Rajasthan News: राजस्थान के जैसलमेर में ओरण भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की मांग को लेकर पर्यावरण प्रेमियों द्वारा रविवार को 60 किलोमीटर पैदल चल राज्य सरकार को जगाने का निर्णय लिया गया है. दरअसल ओरण संरक्षण की मांग को तेज करने वाली ओरण टीम ने रविवार सुबह देगराय ओरण स्थित मनियारा तला से अपनी पदयात्रा शुरू की. जिसमें सैंकड़ों की संख्या में पर्यावरण प्रेमियों ने हिस्सा लिया.
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60 किलोमीटर की पदयात्रा कर ओरण टीम सोमवार को जैसलमेर शहर स्थित विधायक छोटू सिंह भाटी के आवास पहुंचेगी और विधायक को ओरण गोचर को रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपेंगी. वहीं ज्ञापन सौंपते समय विधायक से ओरण के मुद्दे को विधानसभा में उठाने की मांग रखी जाएगी.
ये ओरण यात्रा देगराय ओरण, देवीकोट, छोड़, सागाना, आकल फांटा, डाबला होते हुए सोमवार सुबह जैसलमेर शहर पहुंचेगी. इस दौरान बीच में आने वाले गांव के ग्रामीणों को भी ओरण को लेकर जागरुक करने का संदेश दिया जाएगा. ओरण बचाओ टीम के सुमेरसिंह सांवता ने बताया कि रविवार को जहां हमने 60 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू की है.
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वहीं जब तक जैसलमेर के हर क्षेत्र से ओरण बचाओ की आवाज नहीं उठेगी तब तक ये सोलर और विंड कंपनियां नेताओं और नौकरशाह कि सह में हमारे ओरण-गोचर, वन एवं चारागाहों को निगल जाएंगे. पिछली सरकार में कुछ ओरण संरक्षित हुई लेकिन अभी भी बहुत सी ओरणें संरक्षित होना बाकी हैं. जिनपर सोलर एवं विंड कंपनियों की बुरी नजर है.
उन्होंने बताया कि ओरण-गोचर नहीं रहेंगे तो न वन एवं वनस्पति रहेगी न वन्यजीव रहेंगे और न ही पशुधन जो पशुपालन स्थानीय जन का प्रमुख रोजगार है. साथ ही जैसलमेर की प्राकृतिक शांति-सुकून, सुंदरता व शुद्धता भी छीन जाएगी. क्योंकि जैसलमेर में पहले ही क्षमता से अधिक सोलर प्लांट लग चुके है, विंड लग चुके हैं.