जैसलमेर के जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन के साथ चिकित्सा विभाग की उदासीनता का दंश झेल रहा रामगढ़ का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र. तीन दशक से रामगढ़ सीएचसी को क्रमोन्नती का इंतजार चल रहा है, पर इश ओर किसी का धान नहीं है.
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रामगढ़: जैसलमेर जिले के रामगढ़ में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पिछले तीन दशक से क्रमोन्नती का इंतजार कर रहा हैं. जिले के जनप्रतिनिधियों, जिला प्रशासन व चिकित्सा विभाग की उदासीनता का दंश झेल रहे रामगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की सुध लेने वाला कोई नहीं. गौरतलब है कि 1994 में रामगढ़ पीएचसी को क्रमोन्नत होकर 30 बैड का सीएचसी स्वीकृत हुई थी और जिले की तीसरे नम्बर की अस्पताल बनी थी.
इसके विपरित पोकरण सीएचससी जो 50 बैड, 100 बैड और वर्तमान में 150 बैड की उप जिला अस्पताल के रूप में संचालित हो रही है. सीएचसी रामगढ़ के अधीन आने वाला क्षेत्र दुर्गम व लम्बी दूरी का है.
रामगढ़ के आस पास के दो दर्जन से अधिक गांव ढ़ाणीयां व करीब सौ किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैला नहरी क्षेत्र भी इस सीएचसी के अर्न्तगत आता है जिसमें पचास हजार से अधिक की आबादी स्थाई रूप से निवास कर रही है. इसके अलावा यहां सरकारी उपक्रम आरएसएमएम, गैस तापीय विद्युत गृह, बीएसएफ, सेना व वायु सेना के मुख्यालयों अलावा इंदिरा गांधी नहर परियोजना के कार्यालय, ओनएनजीसी, ऑयल इंडिया, सौर उर्जा विद्युत गृह, सीमा सड़क संगठन आदि में काम करने वाले कार्मिकों संख्या भी बहुत है जिन्हें इसी सीएचसी से सेवाएं मिल रही है.
मात्र दो चिकित्सकों के भरोसे चल रहा है अस्पताल, फार्मासिस्ट का पद स्वीकृत ही नहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में कुल नौ चिकित्सकों के पद स्वीकृत है. जिसमें चार जेएस व एक एसएमओ तथा तीन एमओ व एक दन्त चिकित्सक का पद स्वीकृत है। इतने चिकित्सकों के पद स्वीकृत होने के बावजूद नर्सिंग कर्मीयों के मात्र पांच पद स्वीकृत है जिसमें दो एसएनओ व तीन एनओ के पद स्वीकृत है. सीएचसी होने के बावजूद यहां फार्मासिस्ट का पद स्वीकृत ही नहीं है.
रिपोर्टर-शंकरदान
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