Jaisalmer: जैसलमेर में चिंकारा पर मंडराया खतरा, हाइपोडर्मा बोवीस बीमारी से ग्रस्त मिले 70% हिरण
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Jaisalmer: जैसलमेर में चिंकारा पर मंडराया खतरा, हाइपोडर्मा बोवीस बीमारी से ग्रस्त मिले 70% हिरण

जैसलमेर के वन्यजीव बाहुल्य स्थल माने जाने वाले लाठी क्षेत्र में इन दिनों हाइपोडर्मा बोवीस नामक बीमारी फैल रही हैं.लगभग 70 प्रतिशत हिरण इस बीमारी से ग्रसित हो चुके हैं.

हाइपोडर्मा बोवीस से ग्रस्त हिरण

Jaisalmer: जैसलमेर के वन्यजीव बाहुल्य स्थल माने जाने वाले लाठी क्षेत्र में विचरण करने वाले हिरणों पर नई मुसीबत आ गई है. पहले निरकुंश वन्यजीव शिकार, श्वानों के बढ़ते हमलों के बीच खुले मैदानों में विचरण करने वाले हिरणों पर अब नई मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. लाठी सहित भादरिया, धोलिया, खेतोलाई, गंगाराम की ढाणी सहित आसपास के वन्यजीव बाहुल्य क्षेत्र में विचरण करने वाले हिरणों में इन दिनों हाइपोडर्मा बोवीस नामक बीमारी फैल रही हैं. वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी अगस्त माह से शुरू होकर नवम्बर तक हिरणों में फैलती है, लेकिन स्वत: ही ठीक भी हो जाती है. फिलहाल लाठी क्षेत्र में लगभग 70 प्रतिशत हिरण इस बीमारी से ग्रसित पाये गए हैं.

क्या है हाइपोडर्मा बोवीस नामक बीमारी

वन्यजीव प्रेमी राधेश्याम विश्नोई ने बताया कि हिरणों के शरीर में यह बीमारी दरअसल वारबल मक्खी के लार्वा से फैलती है. मक्खी जब पशुओं अथवा हिरणों के शरीर पर अंडे देती है, तो अंडे से लार्वा बनता है जो शरीर पर उभारनुमा नजर आता है. करीब २० दिनों के बाद प्युपा फार्म बनकर चिंकारों के शरीर से नीचे गिर जाता है. इससे वन्यजीवों को कुछ दिन शारीरिक परेशानी तो होती है, लेकिन यह प्रकृति चक्र में स्वत: ही ठीक भी हो जाती है. इस बीमारी की रोकथाम के लिए हिरण जैसे वन्य जीवों को पकड़ कर इलाज करना भी संभव नहीं है. वैक्सिनेशन के लिए अभी तक विभाग की ओर से कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है.

भोजन एवं विश्राम के लिए नहीं कोई ठोर

लगातार कम होते वनक्षेत्र में वन्य प्राणियों को भोजन एवं विश्राम के लिए कोई ठोर नहीं है. हिरणों के लिए स्थाई घास के मैदान नहीं होने के कारण वे खेतों के आसपास ही रहते हैं. खेतों की सुरक्षा के लिए अधिकांश किसानों ने श्वान पालना शुरू कर दिया गया है. हिरण जैसे ही खेतों में भोजन के लिए जाते हैं, तो आसानी से श्वानों का शिकार बनकर जान गंवा देते हैं. खेतों को छोड़ कर अन्यत्र जाने पर वन्यजीव शिकारी उन्हें अपना निशाना बना देते हैं. केवल कुछ समुदाय विशेष बहुल क्षेत्रों में ही हिरण स्वच्छंद विचरण करते देखे जा सकते हैं.

हाइपोडर्मा बोवीस नामक बीमारी से जंगल में विचरण कर रहें लगभग 70 प्रतिशत हिरण इस बीमारी से ग्रसित हो चुके हैं, सभी हिरणों के शरीर पर बड़े बड़े आकार के उभार हो गए हैं.

 

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