Year Ender 2024 : राजस्थान में सब-इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती का मामला लंबे समय से विवादों में है. सरकार के रवैये को लेकर युवाओं में नाराजगी बढ़ रही है, क्योंकि अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन एसआई भर्ती विवाद पर स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया. कुछ जिलों को निरस्त करने का फैसला जरूर हुआ, लेकिन एसआई भर्ती को लेकर सरकार का रवैया अब भी अस्पष्ट बना हुआ है, जिससे बेरोजगार युवाओं में असंतोष बढ़ता जा रहा है.
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Year Ender 2024 : राजस्थान में पिछले लंबे वक्त से एसआई भर्ती का मामला खासा गर्माया हुआ है. लेकिन सरकार के रवैये को लेकर युवाओं का आक्रोश भी बढ़ रहा है. अब प्रदेश में एसआई (सब-इंस्पेक्टर) भर्ती को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता जा रहा है. सरकार की ओर से अब तक इस मामले में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है, जिससे बेरोजगार युवाओं में असंतोष बढ़ता जा रहा है.
शनिवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन एसआई भर्ती विवाद पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया. बैठक में कुछ जिलों को निरस्त करने का फैसला जरूर हुआ, पर एसआई भर्ती को लेकर सरकार का रवैया अस्पष्ट बना रहा.
मामला है विचाराधीन
विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि एसआई भर्ती मामला फिलहाल हाई कोर्ट में विचाराधीन है. अदालत का निर्णय आने तक सरकार इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा सकती. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह मुद्दा कैबिनेट बैठक के एजेंडे में शामिल नहीं था.
एसआई भर्ती मामले में क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार ने जानबूझकर इस विवाद को अदालत पर छोड़ दिया है ताकि वह युवाओं के गुस्से का सामना करने से बच सके. दूसरी ओर, युवाओं का आरोप है कि लंबे समय से इस मामले को लटकाया जा रहा है, जिससे उनकी निराशा बढ़ती जा रही है.
हाईकोर्ट के फैसले पर सबकी नजरें
अब सबकी नजरें हाई कोर्ट की आगामी सुनवाई पर टिकी हैं, जो जनवरी में होने वाली है. यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालत का फैसला इस विवाद को सुलझा पाएगा या फिर युवाओं की उम्मीदें एक बार फिर अधर में लटक जाएंगी. हालांकि, सरकार के रवैये को लेकर राजस्थान के युवाओं में खासा गुस्सा देखा जा सकता है.