World Health Day 2023: वर्ल्ड हेल्थ-डे पर जानें क्या है 'हेल्थ फॉर ऑल', शुगर लेवल कम करने के लिए WHO ने सुझाए ये तरीके
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World Health Day 2023: वर्ल्ड हेल्थ-डे पर जानें क्या है 'हेल्थ फॉर ऑल', शुगर लेवल कम करने के लिए WHO ने सुझाए ये तरीके

World Health Day 2023, Blood Sugar Control Tips: हर साल 7 अप्रैल (7th April) को दुनियाभर में वर्ल्ड हेल्थ-डे (World Health Day) मनाया जाता है. इसके जरिए लोगों को बीमारियों के बारे में जागरूक किया जाता है. पिछले कुछ सालों में पूरी दुनिया में शुगर के मरीज तेजी से बढ़े हैं, तो आइए जानते हैं कि ब्लड शुगर लेवल (blood sugar level) को कैसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है.

 

World Health Day 2023: वर्ल्ड हेल्थ-डे पर जानें क्या है 'हेल्थ फॉर ऑल', शुगर लेवल कम करने के लिए WHO ने सुझाए ये तरीके

World Health Day 2023, Health For All, Blood Sugar Control Tips: लोगों को स्वास्थ्य (Health) को लेकर सचेत रहने की बहुत जरूरत है. हेल्थ के प्रति सचेत रहने से आप तमाम बीमारियों से बचाव कर सकते हैं. इसके साथ बीमारियों का शुरुआती दौर में ही पता लगा सकते हैं. इससे इलाज के दौरान आसानी होती है. दुनिया को को हेल्थ समस्याओं (health problems) के बारे में जागरूक करने के लिए हर साल 7 अप्रैल (7th April) को वर्ल्ड हेल्थ-डे (World Health Day) मनाया जाता है. स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों (Health Issues) के अतिरिक्त लोगों को चिकित्सा के क्षेत्र में हो रही नई रिसर्च ( Medicine Field New Research) और दवाओं के प्रति में जागरूक करना भी वर्ल्ड हेल्थ-डे का उद्देश्य है. इसकी शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के द्वारा की गई थी.

डब्ल्यूएचओ का इतिहास (World Health Organization History)

वर्ल्ड हेल्थ-डे (World Health Day) की शुरुआत डब्ल्यूएचओ (World Health Organization) के स्थापना दिवस से ही की गई थी. हर वर्ष इस दिन के लिए एक थीम तय किया जाता है, और उसी के आधार पर कार्यक्रम किए जाते हैं. इस बार के वर्ल्ड हेल्थ-डे (World Health Day) की थीम 'हेल्थ फॉर ऑल' (Health for All) रखी गयी है. जो लोगों के बीच इस सोच को दिखाता है कि स्वास्थ्य एक बुनियादी मानव अधिकार (Basic Human Rights) है.

शुगर कंट्रोल कैसे करें? (Sugar Control Tips)

जानकारों का मानना है कि टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) में ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को नियंत्रित रखना बहुत ही आवश्यक होता है. जब आपका ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) कंट्रोल में नहीं रहता है, तो ऐसी दशा में आपको दूसरी घातक बीमारियों के होने का रिस्क तेजी से बढ़ जाता है. शुगर कंट्रोल (sugar control) में ना रहने के कारण डायबिटीज पेशेंट को किडनी रोग (kidney disease), डायबिटिक रेटिनोपैथी (diabetic retinopathy), डायबिटिक फूट (diabetic foot), ग्लूकोमा (Glaucoma), डायबिटिक न्यूरोपैथी (diabetic neuropathy), हार्ट अटैक (heart attack) और स्ट्रोक (stroke) का ख़तरा बढ़ जाता है. 

हालांकि अच्छी बात ये है कि डायबिटीज (Diabetes) को मैनेज भी किया जा सकता है. बस इसके लिए आपको अपनी जीवन शैली (lifestyle) में कुछ बदलाव जैसे- सही खानपान, शारीरिक रूप से एक्टिव रहना, पर्याप्त नींद लेना (enough sleep), अपने शुगर लेवल की रेगुलर जांच (Regular sugar checkup ) करते रहना. सुबह के रूटीन (morning routine) को बेहतर बनाकर ब्लड शुगर (blood sugar)को नियंत्रित किया जा सकता है.

शुगर कंट्रोल करने के कुछ कारगर उपाय (control sugar effective ways)

सुबह उठकर एक्सरसाइज जरूर करें (morning exercise)

अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, और आपका ब्लड शुगर का स्तर (blood sugar level) हमेशा बढ़ता-घटता रहता है, तो आपको ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. डॉक्टर की सलाह (doctor's advice) पर रोजाना सुबह हल्के व्यायाम (light exercise) अपने डेली रूटीन (daily routine) में शामिल कर सकते हैं. कुछ योगासन (yoga poses) भी आपके डायबिटीज लेवल को मैनेज करने में मदद करेंगे.

सुबह हेल्दी नाश्ते की आदत डालें (healthy breakfast)

हाई ब्लड शुगर- (high blood sugar) पेशेंट के लिए सुबह का नाश्ता बेहद जरूरी है. शुगर के मरीज के लिए पौष्टिक नाश्ता (nutritious breakfast) ब्लड शुगर लेवल (blood sugar level) नियंत्रित करने में मदद करता है. 

शरीर में पानी की कमी ना होने दें (Enough Water)

रोजाना सुबह उठते ही दो ग्लास गुनगुना पानी (two glasses lukewarm water) पीकर दिन शुरू करें. इसके अलावा, दिनभर जब भी प्यास लगे, पर्याप्त में पानी पिएं. शुगर पेशेंट के लिए यह जरूरी है कि वो खुद को आपको अच्छी तरह हाइड्रेट (hydrate) रखें, ऐसा करने से उनका ब्लड शुगर लेवल (blood sugar level) हमेशा नियंत्रित रहेगा.

अपने डॉक्टर की सलाह लेते रहें (Doctors Advice)

डायबिटीज पेशेंट (diabetic patient) के लिए सबसे जरूरी है कि  वो समय-समय डॉक्टर से मुलाकात करता रहे. इससे संबंधी जरूरी चेकअप लगातार कराते रहें.

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