जयपुर शहर के लोगों की सालो से प्यास बुझाने वाला रामगढ़ बांध प्रशासनिक अनदेखी के चलते खुद बूंद-बूंद को मोहताज है.हाईकोर्ट कमेटी के बहाव में अतिक्रमण को लेकर सख्त निर्देश के बाद भी जिम्मेदार अपनी आंख मूंद कर बैठे है. मानसून सिर पर है,लेकिन सिंचाई विभाग और उपखण्ड प्रशासन ने अभी तक कोई प्लान तैयार नहीं किया है.
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Jamwa Ramgarh : जयपुर शहर के लोगों की सालो से प्यास बुझाने वाला रामगढ़ बांध प्रशासनिक अनदेखी के चलते खुद बूंद-बूंद को मोहताज है.हाईकोर्ट कमेटी के बहाव में अतिक्रमण को लेकर सख्त निर्देश के बाद भी जिम्मेदार अपनी आंख मूंद कर बैठे है. मानसून सिर पर है,लेकिन सिंचाई विभाग और उपखण्ड प्रशासन ने अभी तक कोई प्लान तैयार नहीं किया है. सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से रामगढ़ बांध को भरने वाली मुख्य बाण गंगा नदी के बहाव, शहर में सानिवि ने बिना एनओसी पक्की सड़क का निर्माण कर दिया.
ग्रामीणों ने मामले की शिकायत करते हुये बताया कुछ दिनों तक सड़क निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई,लेकिन बाद में आनन-फानन में दिन रात युद्ध स्तर पर कार्य कर सानिवि ने बहाव शहर में सड़क बना दी.सड़क निर्माण को लेकर सिंचाई विभाग के एक्सईएन सतीश खण्डेलवाल और सहायक अभियंता राकेश गुप्ता मौके पर भी गए,लेकिन कार्रवाई करने की बजाय महज मौका देख कर बैरंग लौट आए.ग्रामीणों ने बताया कि सानिवि ने बहाव शहर में बनाई गई सड़क के नीचे पानी निकास के नाले तक नहीं लगाए है. ऐसे में बारिश के दिनों में यह सड़क पानी के बहाव में रोड़ा बनेगी. मामले की जानकारी के लिए सिंचाई विभाग,राजस्व विभाग,सानिवि के जिम्मेदार अधिकारियों से बात की,उन्होंने एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालते हुए पल्ला झाड़ लिया. ग्रामीणों ने बताया कि बहाव शहर में सड़क निर्माण के बाद अब अन्य लोग भी बहाव शहर में कच्चा पक्का निर्माण कर अतिक्रमण करने की जुगत में लगे है.
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अधिकारी नहीं करते दौरा
मानसून के दौरान रामगढ़ बांध के बहाव शहर में हाईकोर्ट की मॉनीटरिंग कमेटी हर बार अतिक्रमण का जायजा लेने आती है. कमेटी के दौरे को लेकर उपखण्ड प्रशासन,सिंचाई विभाग,सानिवि,जेडीए सहित सम्बंधित विभागों के अधिकारी कार्यालय से बाहर निकलते है. दौरे के बाद कमेटी सदस्यों के निर्देशों की पालना महज कागजों में पूरी होती है. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन केवल गरीब लोगों पर कार्रवाई करता है. बहाव शहर में कई जगह बने रसूखदारों के फॉर्म हाउस और रिसोर्ट आज भी बहाव शहर में सीना तान कर खड़े है.
कागजों में दफन कार्रवाई
गौरतलब है कि बाण गंगा नदी बहाव शहर में सड़क निर्माण को लेकर हाईकोर्ट मॉनीटरिंग कमेटी ने जनवरी 2022 में तुरन्त प्रभाव से सड़क निर्माण कार्य पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे. इसके बाद 3 फरवरी 2022 को सानिवि के मुख्य अभियंता,जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता और अधिशासी अभियंता,कलक्टर जयपुर,एसडीएम जमवारामगढ़ और अन्य सम्बंधित अधिकारियों को लिखित में पत्र भेजा था. जिसमें नदी बहाव शहर में किए गए निर्माण कार्य को हटाकर रिपोर्ट फोटो सहित भिजवाने के निर्देश दिए थे. मामले को चार महिने गुजर जाने के बाद भी विभागीय अधिकारियों ने आज तक रिपोर्ट नहीं भेजी.
जिम्मेदारों के जबाव सुनिये
बहाव शहर में सड़क निर्माण के लिए हमने कोई एनओसी नहीं दी. अगर फिर भी सड़क का निर्माण हुआ है तो गलत है. सतीश खण्डेलवाल,एक्सईएन,सिंचाई विभाग सड़क निर्माण का पूरा मामला विराटनगर एईएन देख रहे है. मामले में वे ही कुछ बता पाएंगे। आरपी मीणा,एईएन,सानिवि जमवारामगढ़ बहाव शहर में बन रही सड़क की जानकारी नहीं है. मामले को दिखवाता हूं. चिमनलाल मीणा,एसडीओ,जमवारामगढ़ बड़ी बात ये है इस तरह खुले में सड़क का निर्माण हो रहा है. और उसकी जानकारी नही फिर प्रसाशन अमला किस तरह से काम कर रहा है या केवल ऑफिस की कुर्सियां तोड़ने के लिये राज्य सरकार ने इन्हें बैठा रखा है ये सोचने की बात है.
Reporter: Amit Yadav
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