अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले कटारिया ने इस बार ट्विटर पर माफी मांगी है.
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Aaj Ka Rashifal : आज गुरुवार को तुला को धन और मकर को मिलेगा प्रमोशन, कन्या का मन होगा उदासJaipur : अक्सर अपने बेबाक बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले बीजेपी नेता गुलाबचंद कटारिया ने आज ट्वीटर पर वीडियो शेयर कर माफी मांगी. कटारिया ने कहा कि भूल होना प्रकृति है और मान लेना संस्कृति है. कटारिया ने ये भी कहा की सुधार लेना प्रगति है और क्षमा मांग लेना स्वीकृति है.
कटारिया ने ट्वीटर पर शेयर वीडियो में कहा कि इस बरस में मेरे द्वारा जाने अनजाने में, बोलचाल में, आमने सामने, आपका मन दुखाया हो, गलत लगा हो, तो मन वचन और काया से आप सभी को मिच्छामि दुक्कडम्.
भूल होना प्रकृति है मान लेना संस्कृति है
सुधार लेना प्रगति है और क्षमा माँग लेना स्वीकृति है.पूरे बरस में मेरेद्वारा जाने अनजाने में,बोलचाल में,आमने सामने आपका मन दुखाया हो,गलत लगा हो,तो मन वचन और काया से आप सभी को मिच्छामि दुक्कडम्। pic.twitter.com/aigq4L1NYY— Gulab Chand Kataria (@Gulab_kataria) September 1, 2022
दरअसल जैन धर्म का 24 अगस्त से 31 अगस्त तक पर्यूषण पर्व हुआ , जिसमें धर्मावलंबी धर्म में लीन रहकर तप, ध्यान, साधना, पूजन, आत्मचिंतन पर ध्यान केंद्रित रखते हैं. जैन सिद्धांत कहता है कि जिसके साथ तुमने गलत किया है उससे माफी मांग लो.
इसी तरह जो तुमसे माफी मांगने आ रहे हैं उन्हे भी माफ कर दो, ऐसा करने से मन की परेशानी धुल जाती है. क्षमा के बारे में भगवान महावीर कहते हैं कि मैं सब जीवों से क्षमा चाहता हूं, जगत के सभी जीवों के प्रति मेरा मैत्रीभाव है, मेरा किसी से वैर नहीं . मैं सच्चे ह्दय से धर्म में स्थिर हुआ हूं, सज जीवों से मैं सारे अपराधों की क्षमा मांगता हूं. सब जीवों ने मेरे प्रति जो अपराध किए हैं उन्हें मैं क्षमा करता हूं.
भगवान महावीर कहते हैं कि -''क्षमा वीरस्य भूषणं '' मतलब क्षमा वीरों का आभूषण होता है. क्षमा का मार्ग अतुलनीय होता है एवं सबसे बड़ा बल क्षमा ही है. अगर इसका सही ढंग से ,सही जगह पर प्रयोग किया जाए तो निश्चित ही ये सर्वशक्तिमान है. अगर क्रोध ही सर्वशक्तिमान होता और क्षमा निर्बल होती तो पृथ्वी पर इतने युद्ध होने के बाद भी सारी समस्याएं हल हो जानी चाहिए थीं, पर ऐसा नहीं हुआ.
जैन धर्म में ये माना जाता है कि क्षमा का मतलब सिर्फ बड़ों से ही क्षमा मांगना कतई नहीं है, अपनी गलती होने पर बड़े हों या छोटे सभी से क्षमा मांगना ही इस पर्व का उद्देश्य है. यह पर्व हमें ये शिक्षा देता है कि आपकी भावना अच्छी है तो दैनिक व्यवहार में होने वाली छोटी- मोटी त्रुटियों को अनदेखा कर दे और उनसे सीख लेकर फिर कोई नई गलती नहीं इसका ध्यान रखें.
क्षमा करने से आप दोहरा लाभ लेते हैं -एक तो सामने वाले को आत्मग्लानि भाव से मुक्त कर देते हैं वहीं दिलों की दूरियों को दूर कर सहज वातावरण का निर्माण करके उसके दिल में फिर से अपने लिए एक अच्छी जगह बनाने में कामयाब रहते हैं. हमेशा याद रखें कि क्षमा मांगने वालों से ऊंचा स्थान क्षमा देने वाले का ही होता है. तो आप भी आज माफी मांग कर देखें और खुद को और सामने वाले के मन को शांती दें.
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