Khula In Islam: शोएब मलिक के तीसरे निकाह और सानिया से अलग होने के बाद से इस्लाम धर्म का खुला शब्द चर्चा का विषय बना हुआ है. ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि इस्लाम धर्म में खुला का क्या अर्थ होता है...
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Khula In Islam: इन दिनों पाकिस्तान क्रिकेटर शोएब मलिक और भारतीय टेनिस प्लेयर सानिया मिर्जा के अलग होने की खबरें इंटरनेट पर छाई हुई हैं. कुछ दिन पहले शोएब मलिक ने पाकिस्तानी एक्ट्रेस सना जावेद से निकाह कर लिया, जिसकी तस्वीरें सामने आई, तो लोगों को विश्वास ही नहीं हुआ. हालांकि, इस तस्वीर ने कई महीनों से सानिया और शोएब के अलग होने की चल रही अफवाहों की पुष्टि कर दी. वहीं, सानिया के पिता ने कहा कि उनकी बेटी ने शोएब से ‘खुला’ लिया है. ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि आखिर खुला होता क्या है, जिसके आधार पर सानिया पति शोएब से अलग हो गई.
क्या होता है खुला?
इस्लाम धर्म में यदि कोई पुरुष अपनी पत्नी से अलग होना चाहे, तो वह तलाक देता है. वहीं, यदि कोई स्त्री अपने पति से अलग होना चाहे, तो उसे खुला का अधिकार दिया गया है. खुला भी तलाक का ही एक रूप होता है, लेकिन खुला लेने का हक सिर्फ पत्नी के पास ही होता है. खुला का जिक्र कुरान और हदीस में भी है. यह मुस्लिम महिलाओं को जबरदस्ती के रिश्ते से आजाद होने का हक देता है. हालांकि, अगर कोई महिला अपने पति से खुला लेती है, तो उसको मेहर (महर) या अपनी जायदाद का कुछ हिस्सा वापस करना पड़ता है.
कैसे लिया जा सकता है खुला?
आसान शब्दों में कहें, तो यदि कोई महिला पति से अलग होना चाहती है, तो वो पति को खुला का नोटिस भेजती है, जिसे स्वीकार करना या न करना पति के हाथ में होता है. यदि पति सहमत होता है, तो वो खुला देता है. वहीं, यदि पति असहमत हो, तो पत्नी पारिवारिक न्यायालय में याचिका दायर कर उचित साक्ष्य देकर खुला ले सकती है. हालांकि, दोनों ही प्रक्रिया से खुला लेने के बाद पत्नी को मेहर या अपने कुछ अधिकारों को छोड़ना पड़ता है.
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