राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सूची में नाम होगा या नहीं? ये एक महीने में हो जाएगा तय, जल्द ही 18 लाख आवेदनों की होगी स्क्रूटनी
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राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सूची में नाम होगा या नहीं? ये एक महीने में हो जाएगा तय, जल्द ही 18 लाख आवेदनों की होगी स्क्रूटनी

 समय से खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जुड़वाकर सस्ता अनाज लेने का इंतजार करने वाले वंचित लाभार्थियों के लिए खबर हैं. अब जल्द ही नाम जुड़वाने के लिए आए 18 लाख 9 हजार आवेदनों की स्क्रूटनी का काम शुरू होगा. 

 

अब जल्द ही नाम जुड़वाने के लिए आए 18 लाख 9 हजार आवेदनों की स्क्रूटनी का काम शुरू होगा.

Jaipur: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा (NFSA) सूची में किसका नाम जुड़ेगा और किसका नहीं यह एक महीने बाद तय हो जाएगा. खाद्य विभाग के सचिव आशुतोष पेडीकर ने बताया की 16 सितंबर से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में अब तक मिले आवेदनों की जांच कर पात्र परिवार को शामिल किया जाएगा. खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने बताया कि इस योजना में नाम जुड़वाने के लिए मई में 18 लाख से ज्यादा परिवारों ने आवेदन किया था. तब से अब तक इन आवेदनों की जांच और स्क्रूटनी के लिए कोई कमेटी या सिस्टम नहीं था. 

अब खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने इसके लिए जिलों में कलेक्टर की निगरानी में टीम बनाने के निर्देश दिए है और इस टीम को एक महीने के अंदर प्राप्त आवेदनों की जांच करके नाम सूची में जोड़ने होंगे. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से जारी आदेशों में कलेक्टर की मॉनिटरिंग में एसडीएम, एसीएम, डीएसओ स्तर के अधिकारी अपने-अपने एरिया में मिले आवेदनों की जांच करेंगे. fallbackउन जांच में अगर कोई आवेदक के कोई दस्तावेज में कमी पाई जाती है तो उसकी पूर्ति करवाने के लिए उसे आवेदन दोबारा भिजवाएंगे. अगर 30 दिन के अंदर आवेदक अपने दस्तावेजों की पूर्ति नहीं करता है, तो उसका आवेदन निरस्त करने का अधिकार संबंधित अधिकारी को होगा.

पोर्टल को अप्रैल-मई महीने में खोला था
राज्य सरकार ने बजट में इस साल 10 लाख यूनिट्स (व्यक्ति) के नाम जोड़ने की घोषणा की है, जबकि सरकार के पास इस सूची में करीब 20 लाख लोगों के नाम जोड़ने की गुंजाइश है. क्योकि केन्द्र सरकार से करीब 4 करोड़ 46 लाख यूनिट्स के हिसाब से गेंहू का कोटा आवंटित है. वर्तमान में पूरे राज्य में करीब 4.26 करोड़ यूनिट्स NFS से जुड़ी हुई है. इस तरह सरकार के पास कुल 20 लाख यूनिट्स जोड़ने का कोटा अब भी है. मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के बाद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने नए नाम NFS सूची में जोड़ने के लिए पोर्टल को अप्रैल-मई महीने में खोला था.fallback इस दौरान 28 मई तक जयपुर समेत राजस्थान के सभी जिलों से 18 लाख 9 हजार से ज्यादा परिवार ने आवेदन किया. इसमें सबसे ज्यादा 1.22 लाख जयपुर से आवेदन है, जबकि दूसरे नंबर पर 1.12 लाख नागौर और 1.05 लाख बाड़मेर से है. 

85 प्रतिशत से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों से
दरअसल एनएफएस में जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को सरकार 2 रुपए किलो की कीमत से राशन की दुकान से हर महीने गेंहू उपलब्ध करवाती है. हर व्यक्ति को एक महीने में 5 किलो गेंहू सरकार देती है. कोविडकाल में केन्द्र सरकार ने इस गेंहू की मात्रा को 5 से बढ़ाकर 10 किलोग्राम कर दिया था, जो इस साल अक्टूबर तक मिलेगा. खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जुड़वाने के लिए 32 श्रेणियां निर्धारित थी.आवेदन करने वाले 85 प्रतिशत से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों से हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा फॉर्म लघु कृषक कैटेगरी से आए हैं. शहरी क्षेत्र में बात करें तो श्रमिक सबसे ज्यादा हैं.

बहरहाल, स्क्रूटनी के बाद वास्तव में पात्र व्यक्ति राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सस्ता अनाज ले सकेंगे. दरअसल 2 साल से पोर्टल बंद होने के कारण नए आवेदनकर्ताओं को खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था.ऐसे में 1 अप्रैल से 30 जून के बीच यह आवेदन ऑनलाइन उपखंड स्तर पर लिए गए थे.लेकिन आदेश नहीं मिलने से यह आवेदन पेंडिंग पड़े हुए थे.लेकिन अब आदेश के साथ ही इसका रास्ता साफ हो गया हैं.

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