विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने कहा कि देश में अनुसूचित जाति के आरक्षण पर डाका डालने का काम हो रहा है. धर्मांतरित अनुसूचित समाज अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ ले रहा है जबकि ये संविधान के खिलाफ भी है.
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Jaipur: विश्व हिंदू परिषद ने आरोप लगाया कि मिशनरी और मौलवियों की धर्मांतरण कर चुके एससी-एसटी समाज को आरक्षण के लाभ की मांग न केवल संविधान बल्कि राष्ट्र विरोधी है.
यह अनुसूचित जनजाति समाज के अधिकारों पर खुला डाका है. विश्व हिंदू परिषद इसका विरोध करते हुए देशभर में जनजागरण अभियान चलाएगी. केंद्र सरकार से भी क्रिप्टो क्रिश्चियन के मुद्दे पर ठोस कदम उठाने की मांग की है.
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विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने कहा कि देश में अनुसूचित जाति के आरक्षण पर डाका डालने का काम हो रहा है. धर्मांतरित अनुसूचित समाज अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ ले रहा है जबकि ये संविधान के खिलाफ भी है. वर्ष 1932 में पूना पैक्ट करते समय डॉ. भीमराव अम्बेडकर और महात्मा गांधी ने अनुसूचित जाति के लिए मिलने वाला आरक्षण धर्मांतरण करने वालों को नहीं मिलना चाहिए पर सहमति व्यक्त की थी. उसमें कहा गया था कि धर्मांतरित अनुसूचित जाति के लोगों को दो दो आरक्षण नहीं मिलेंगे. वर्ष 1936 में मिशनरी और मौलवियों ने इनके आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन किया था तब महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और डॉ अम्बेडकर ने अनुचित ठहराया था. इसके बाद अम्बेडकर ने इसे देश विरोधी करार दिया था.
केंद्र सरकार तक पहुंचानी होगी बात
विजय शंकर तिवारी ने कहा कि ईसाई मिशनरीज छद्म धर्मांतरण के जरिए एससी-एसटी व्यक्ति का धर्मांतरण करा लेती हैं, दस्तावेजों में जाति वही रहती है, जिससे उन्हें लाभ मिलता रहता है. वहीं जो व्यक्ति धर्मांतरित हो जाता है, उसकी पूजा पद्धति रीति रिवाज आदि सब बदल जाते हैं. ऐसे में धर्मांतरण करने वालों को एससी-एसटी आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए. इस बात को आम समाज तक बात को पहुंचाएंगे. केंद्र सरकार को बताएंगे कि इस आरक्षण को रोकने के लिए ठोस रणनीति बनानी चाहिए. तिवारी ने बताया कि पिछले कुछ सालों में ईसाई धर्मांतरण की तादाद बढ़ी है, दस साल पहले छह करोड़ उनकी आबादी थी, अब लगभग देश में ऐसे लोगों की संख्या दस करोड़ के करीब हैं.
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कांग्रेस हिंदूवादी पार्टी मानी जाती थी- तिवारी
तिवारी ने कहा कि देश के बंटवारे का आधार पर मुस्लिम लीग ने तैयार किया. पहले चुनाव में 90 प्रतिशत लोगों ने वोट दिया, दस प्रतिशत लोगों ने कांग्रेस को वोट दिया. कांग्रेस पार्टी उस वक्त हिंदूवादी पार्टी के रूप में मानी जाती थी. दस प्रतिशत लोग कांग्रेस को वोट देकर देश और धर्म के साथ खड़े हुए जो जेहादी ताकतों के साथ नहीं थे. एक व्यक्ति भी साथ खड़ा है उसे छोड़ना नहीं चाहिए.