राष्ट्रपति अपना इस्तीफा किसको देते है, शपथ से लेकर सैलरी तक हर बड़ी बात जानिए
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राष्ट्रपति अपना इस्तीफा किसको देते है, शपथ से लेकर सैलरी तक हर बड़ी बात जानिए

President election: राष्ट्रपति चुनाव के बाद शपथ कौन दिलाता है. वो अपना इस्तीफा किसे देते है. राष्ट्रपति की सैलरी कितनी होती है. राष्ट्रपति की मौत पर पद कौन संभालता है

राष्ट्रपति अपना इस्तीफा किसको देते है, शपथ से लेकर सैलरी तक हर बड़ी बात जानिए

President election: राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना पूरी होने वाली है. द्रोपदी मुर्मू का चुनाव जीतना तय है. यशवंत सिन्हा हारी हुई बाजी का आखिरी ओवर खेल रहे है. लेकिन जीत के बाद द्रोपदी मुर्मू को शपथ कौन दिलाएगा. भारत में राष्ट्रपति की सैलरी क्या होती है. राष्ट्रपति की ताकत क्या होती है. सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति के पास कौन-कौन सी सुविधाएं होती है.

द्रोपदी मुर्मू देश में 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेगी. रामनाथ कोविंद 14वें राष्ट्रपति के रुप में सेवा दे रहे है. रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म होगा. इसके ठीक अगले दिन यानि 25 जुलाई को देश में नए राष्ट्रपति की शपथ होगी.

राष्ट्रपति को शपथ कौन दिलाता है

चुनावों में जीत के बाद पद ग्रहण करने से पहले राष्ट्रपति को शपथ लेनी पड़ती है. राष्ट्रपति को शपथ सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दिलाते है. चीफ जस्टिस की अनुपस्थिति में सबसे सीनियर न्यायाधीश शपथ दिलाते है. 

राष्ट्रपति अपना इस्तीफा किसे देते है

राष्ट्रपति अगर कभी इस्तीफा दे देते है. तो उस स्थिति में उपराष्ट्रपति का रोल काफी अहम होता है. राष्ट्रपति अपना इस्तीफा भी उपराष्ट्रपति को सौंपता है. और उनकी गैर मौजदूगी में राष्ट्रपति की जिम्मेदारी भी उपराष्ट्रपति ही संभालता है. हालांकि 6 महीने से ज्यादा ये पद खाली नहीं रह सकता. 6 महीने के भीतर नए राष्ट्रपति का चुनाव जरुरी है.

अगर पद पर रहते हुए राष्ट्रपति की मौत हो जाती है. तो उस स्थिति में ये पद उपराष्ट्रपति संभालते है. अगर उपराष्ट्रपति भी हाजिर न हो. तो ये जिम्मेदारी देश के सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के कंधों पर होती है. उनके न होने पर सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जस्टिस ये जिम्मेदारी संभालते है.

राष्ट्रपति की सैलरी कितनी होती है

भारत में राष्ट्रपति के वेतन भत्तों की बात करें तो राष्ट्रपति की सैलरी 5 लाख रुपए होती है. हालांकि ये बदलाव साल 2017 में नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान हुआ था. उससे पहले राष्ट्रपति की सैलरी डेढ़ लाख रुपए महीना होती थी. राष्ट्रपति की सैलरी में बदलाव इसलिए किया गया था क्योंकि उस समय देश के कुछ बड़े अधिकारियों और कैबिनेट रैंक के मंत्रियों के भी वेतन भत्ते राष्ट्रपति से ज्यादा हो रहे थे. 

राष्ट्रपति को फ्री में घर, टेलीफोन, बिजली सुविधा और मेडिकल सुविधा मिलती है. आने जाने के लिए 25 गाड़ियों का काफिला मिलता है. जिसमें मर्सिडीज बेंज एस600 पुलमैन गार्ड गाड़ी मिलती है. राष्ट्रपति की सेवा में 86 स्पेशल बॉडिगार्ड होते है. पूर्व राष्ट्रपति को भी पेंशन के रुप में डेढ़ लाख रुपए सैलरी मिलती है. जीवन भर मुफ्त इलाज, मुफ्त में रहने की सुविधा के साथ साथ एक मोबाइल और लेंडलाइन फोन भी मिलता है. 

पूर्व राष्ट्रपति को जीवन भर मुफ्त हवाई यात्रा की सुविधा मिलती है. राष्ट्रपति के साथ एक सहयोगी को भी ये सुविधा मिलती है. स्टाफ पर खर्च करने के लिए 60 हजार रुपए मिलते है. 

राष्ट्रपति के चुनाव में वोटर कौन होता है

राष्ट्रपति के चुनाव में निर्वाचित सांसद और विधायक भाग लेते है. मतलब संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित सांसद मतदाता होते है. इसके अलावा देश के सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित विधायक भी वोटर होते है. सभी सांसदों की वोट की वैल्यू एक समान होती है. लेकिन देश के अलग अलग राज्यों के विधायकों की वोट वैल्यू अलग अलग होती है. ये वोट वैल्यू विधायकों की संख्या और उस राज्य की जनसंख्या के आधार पर तय की जाती है.

वोट देने वाले बैलट पेपर पर अपनी पसंद चुनते है. राष्ट्रपति पद के लिए जितने भी उम्मीदवार मैदान में होते है. उसमें से पहली पसंद, दूसरी पसंद.....इस तरह से प्रायोरिटी तय करते है. 

इस बार चुनावों में कुल 748 सांसदों के वोट वैध माने गए. 15 सांसदों के वोट खारिज हो गए. सांसद और विधायकों को मिलाकर कुल वोट वैल्यू 10,46,431 होती है. जिसमें से किसी को भी जीतने के लिए 5,43,216 वोटों की जरुरत होती है.

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