बिना नोटिस नगर निगम ग्रेटर की कार्रवाई पर बवाल, विधायक ने विरोध में कराया मार्केट बंद
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बिना नोटिस नगर निगम ग्रेटर की कार्रवाई पर बवाल, विधायक ने विरोध में कराया मार्केट बंद

Jaipur News: जयपुर के बरकत नगर में चालान काटने की कार्रवाई करने नगर निगम ग्रेटर की टीम का विधायक कालीचरण और उनके समर्थकों और व्यापारियों ने विरोध किया. विधायक ने नगर निगम के जोन उपायुक्त पर बिना नोटिस दिए कार्रवाई करने और लोगों के 5-7 हजार रुपए के चालान काटने के आरोप लगाए. 

बिना नोटिस नगर निगम ग्रेटर की कार्रवाई पर बवाल, विधायक ने विरोध में कराया मार्केट बंद

Jaipur: जयपुर के बरकत नगर में मंगलवार को चालान काटने की कार्रवाई करने नगर निगम ग्रेटर की टीम का विधायक कालीचरण और उनके समर्थकों और व्यापारियों ने विरोध किया. इस दौरान पूरा बरकत नगर मार्केट बंद करवा दिया. विधायक ने नगर निगम के जोन उपायुक्त पर बिना नोटिस दिए कार्रवाई करने और लोगों के 5-7 हजार रुपए के चालान काटने के आरोप लगाए. 

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दरअसल बरकत नगर में एक दुकान के बाहर बनाई सीढ़ियों को तोड़ने मंगलवार को नगर निगम जोन और विजिलेंस टीम मौके पर दोपहर करीब 2 बजे पहुंच गई. बिना नोटिस दिए कार्रवाई करने पहुंची टीम ने सीढ़ियां तोड़ने और इस दौरान दुकानों के बार सामान जब्त करके 5-7 हजार रुपए तक के कैरिंग चार्ज के चालान काट दिए. इससे गुस्साए व्यापारियों ने हंगामा कर दिया. 

विरोध की सूचना पर विधायक कालीचरण सराफ और उनके समर्थक बरकत नगर पहुंच गए और बीच चौराहे पर धरने पर बैठ गए. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान व्यापारियों ने पूरा बरकत नगर बाजार बंद कर दिया. विधायक ने आरोप लगाया कि नगर निगम के अधिकारी इंस्पेक्टर राज चला रहे हैं और बिना नोटिस के मनमर्जी से कार्रवाई करके आमजन और व्यापारियों को परेशान कर रहे है. व्यापारियों और आमजन को परेशान करके उनके सामान जब्त किए जा रहे है और उन पर 5-7 हजार रुपए का कैरिंग चार्ज लगाया जा रहा है. 

विरोध बढ़ता देख पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और अधिकारियों ने विधायक और उनके समर्थकों से समझाइश की, लेकिन विधायक नहीं मानें. विधायक निगम के कमिश्नर को मौके पर बुलाकर बात पर अड़ गए. कुछ देर बाद नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर प्रवीण मील वहां आए और उन्होंने विधायक से समझाइश की. उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी और बिना नोटिस के कार्रवाई करने का मामला मिलता है तो दोषी अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. एडिशनल कमिश्नर के इस आश्वासन के बाद विधायक और उनके समर्थकों ने धरना खत्म किया और व्यापारियों ने वापस अपने-अपने प्रतिष्ठान खोले.

 

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