REET fake paper leak: रीट फर्जी पेपर लीक मामले में हर दिए नए-नए खुलासे हो रहे हैं, पुलिस रीट फर्जी पेपर लीक गैंग पर जितना नकैल कस रही है वो उतने ही राज उगल रहे हैं. यदि पुलिस थोड़ा सा भी देर करती तो पेपर लीक गैंग के जाल में 30 अभ्यर्थी फंस चुके थे. जानिए पूरा मामला
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REET fake paper leak: रीट फर्जी पेपर लीक मामले ने एक बार फिर से राजस्थान के एक्जाम सिस्टम पर सवाल खड़े किए हैं, हालांकि पुलिस ने फर्जी पेपर लीक केस से जुड़े तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. लेकिन पुलिस की पहुंच से अभी भी रीट का फर्जी पेपर उपलब्ध कराने वाला आरोपी दूर है. इसका नाम प्रवीण है. राजस्थान पुलिस इसकी तलास में जुटी हुई है.आपको बता दें कि पुलिस ने फरार प्रवीण पर 5000 रुपए का इनाम भी घोषित है.
सूत्रों की मानें तो पुलिस रिमांड में जब आरोपियों से पूछताछ की गई तो कई बड़े खुलासे हुए. कैसे रीट फर्जी पेपर लीक गैंग ने रीट के कैंडिडेट्स को अपने जाल में फंसाने का पूरा प्लान तैयार कर चुके थे. पेपर सेलिंग का पूरा रूट तैयार था.लाखों के कारोबार की उम्मीद थी. होटल के बंद कमरों में रीट के फर्जी पेपर सॉल्व कराए जा रहे थे.
रीट फर्जी पेपर लीक मामले में एडीसीपी निशांत भारद्वाज ने बताया कि अलग-अलग कमरों में रीट के प्रश्न पत्र अभ्यर्थियों को रटाए जा रहे थे. पेपर सॉल्व कराने के बाद पैसों के लेन-देन का सौदा हुआ था. जिस मैरिज पैलेस में रुम बुक किए गए थे वो पैलेस सुरेश थोरी के परिचित का था.
पैलेस में शादी की पहले से ही सूचना थी, एक प्लान के तहत शादी वाले दिन में ही कैंडिडेट्स को बुलाया गया था, ताकि किसी को शक न हो. मामले में पूछताछ के बाद मुख्य आरोपी मुकेश जोशी, सुरेश थोरी व श्याम सुंदर बेनीवाल को पुलिस ने मोबाइल मजिस्ट्रेट 5 के सामने पेश किया गया. वहां से उसे ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया था.
मिली जानकारी के अनुसार रीट का पर्जी पेपर सेल करने आए प्रवीण से चौपासनी हाउसिंग बोर्ड के पहले पुलिया से सुरेश ने दस लाख एडवांस देकर पेपर खरीदा और वह वहां से बारहवी रोड, बोम्बे मोटर होते हुए सर्किट हाउस रोड से बनाड़ की तरफ गया. वहां से मैरिज पैलेस पहुंचा. करीब रात एक बजे वह वहां पहुंचा और रूम लिए.
30 स्टूडेंट शहर के अलग-अलग सेंटर से थे
मैरिज पैलेस में तीन रूम लिए गए थे. एक में मुकेश दूसरे में सुरेश व तीसरे में श्याम सुंदर 10-10 स्टूडेंट्स के साथ पेपर सॉल्व करवा रहे थे. रात 2 बजकर 30 मिनट पर सभी अभियर्थियों को लेकर आरोपी वॉट्सऐप पर पेपर सॉल्व करवाना शुरु किया था. 300 क्वेश्चन सुबह 7 बजे तक तैयार करवाने थे. आपको बता दें कि सभी 30 स्टूडेंट शहर के अलग-अलग सेंटर से थे.