भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर से रेपो रेट में इजाफा किया है. नए प्रावधानों के आधार पर रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट बढ़कर 4.90 प्रतिशत हो गया है. आरबीआई ने 4 मई को 40 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया था. इसके बाद लग रहा था कि जल्द ही फिर से इजाफा हो सकता है.
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Jaipur: भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर से रेपो रेट में इजाफा किया है. नए प्रावधानों के आधार पर रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट बढ़कर 4.90 प्रतिशत हो गया है. आरबीआई ने 4 मई को 40 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया था. इसके बाद लग रहा था कि जल्द ही फिर से इजाफा हो सकता है. एक महीने के अंतराल में ही 90 बेसिस पाइंट का इजाफा हो गया है.
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महंगाई को काबू करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से बुधवार को रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा करने का ऐलान किया गया. इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 4.40 प्रतिशत से बढ़कर 4.90 प्रतिशत हो गया है. रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास मॉनटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में लिए गए फैसले के बारे में जानकारी दी. महंगाई कंट्रोल करने को लेकर आरबीआई के सख्त फैसलों में से एक माना जा रहा है, लेकिन जयपुर के कारोबारी संगठनों ने इसका विरोध दर्ज करवाया है.
सीए सीएल यादव का कहना है कि इस वक्त पहले ही उपभोक्ता महंगाई की मार से दबे हुए हैं, अब ईएमआई के बढ़े भार को भी चुनाकाना होगा. आरबीआई की तरफ रेपो रेट बढ़ाने का असर राजस्थान सहित देशभर के बैंकिंग और फाइनेंशियल उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. रेपो रेट बढ़ने से बैंकों की तरफ से ग्राहकों को दिया जाना वाला कर्ज महंगा हो जाएगा. ब्याज दर बढ़ने का असर ईएमआई पर होगा.
ग्राहकों की पहले के मुकाबले ईएमआई बढ़ जाएगी. इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दर बढ़ जाएगी, इससे आपकी ईएमआई पर सीधा असर पड़ेगा.
यह पड़ेगा असर
प्रति 1 लाख रुपए कर्ज पर बढ़ेगा 22 से 33 रुपए का पड़ेगा अतिरिक्त भार
10 लाख औसत होमलोन लेने वाले उपभोक्ता की EMI पर प्रतिमाह 300 से 350 रुपए का बोझ
20 लाख रुपए का औसत कर्जदाता पर 550 से 700 रूपए प्रतिमाह का बोझ
30 लाख रुपए आवास कर्ज लेने वाले उपभोक्ता की प्रतिमाह बढ़ेगी 900 रुपए से अधिक की EMI