Rajasthan News: दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने और दिल्ली की जनता के बीच अपनी पेठ मजबूत करने को लेकर कांग्रेस पार्टी नई रणनीति के साथ उतारने वाली है. लिहाजा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की एंट्री भी बुधवार से होगी.
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Rajasthan News: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने नई स्ट्रेटजी अपनाते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को 'न्याय चौपाल' के जरिए लांच करने की तैयारी की है ताकि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के कुनबे को एकजुट और मजबूत किया जा सकें. साथ ही दिल्ली की जनता तक पहुंच बनाई जा सकें.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने और दिल्ली की जनता के बीच अपनी पेठ मजबूत करने को लेकर कांग्रेस पार्टी नई रणनीति के साथ उतारने वाली है. लिहाजा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की एंट्री भी बुधवार से होगी. दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में बुधवार दोपहर राहुल 'न्याय चौपाल' लगाएंगे. हाल ही में कांग्रेस ने लगभग एक महीने लंबी दिल्ली न्याय यात्रा पूरी की है, जिसमें दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने सभी 70 विधानसभाओं में पैदल यात्रा निकाली और कार्यकर्ताओं के बीच में ही रहे.
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दरअसल, राहुल गांधी लगातार कार्यकर्ताओं से संपर्क करने का अलग तरीका निकालते हैं. बुधवार को होने वाले कार्यक्रम में राहुल अलग-अलग ग्रुपों के साथ संवाद करेंगे और उनकी समस्याओं के बारे में जानेंगे. महिलाओं, दलितों, झुग्गी वासियों, अनाधिकृत कालोनियों, ऑटो वालों समेत कई सारे वर्गों से जुड़े हुए लोग और कार्यकर्ताओं का अलग-अलग समूह बनाया जाएगा. स्टेडियम में बीचोबीच रैंप बनाया गया है, जिस पर राहुल चलते हुए इन सबसे बात करेंगे. इस बातचीत से ही आने वाले चुनावों के मुद्दों और उनसे जुड़े वायदों की रूपरेखा तैयार की जाएगी.
गौरतलब है कि 2013 के बाद दिल्ली में कांग्रेस की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है. 2013 में शीला दीक्षित सरकार की ना सिर्फ विदाई हुई बल्कि पार्टी बहुमत से सीधे महज 8 सीटों पर सिमट गई. 2015 और 2020 में तो विधानसभा में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं गया. पिछली बार वोट प्रतिशत भी 5 से नीचे खिसक आया और लगभग सारा फायदा आम आदमी पार्टी को मिला.
ऐसी स्थिति में 2024 का लोकसभा चुनाव आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन कर के लड़ा तो जरूर लेकिन वहां भी ना तो कांग्रेस को एक भी सीट मिल पाई और ना ही आम आदमी पार्टी को. लोकसभा चुनाव के ठीक बाद गठबंधन टूट गया और अब अपने दम पर कांग्रेस को फिर से दिल्ली में वापसी की चुनौती है. ऐसे में राहुल की चुनावी दंगल में एंट्री काफी अहम है क्योंकि कांग्रेस इन विधानसभा चुनाव में रेलीवेंस की लड़ाई लड़ती दिखाई पड़ रही है.
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बहरहाल दिल्ली में आम आदमी पार्टी के लॉचिंग के बाद से गौण नजर आ रही कांग्रेस को इस समय ये भी तय करना है कि दिल्ली में इसका मुख्य दुश्मन आम आदमी पार्टी है या फिर भाजपा. दिल्ली में कांग्रेस की बुरी हालत के लिए जिम्मेदार आम आदमी पार्टी का आगे बढ़ना है जिसने कांग्रेस के पूरे वोट बैंक को अपने पास खींच लिया.
आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली में पिछले 10 सालों से लगातार चल रही है और ऐसे में बिना अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आक्रामक तेवर अपनाए कांग्रेस की जगह दिल्ली की सियासत में बनती हुई भी दिखाई नहीं दे रही है. वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी है जो अरविंद केजरीवाल के विकल्प के तौर पर अभी लोगों के बीच पहली प्राथमिकता बनी हुई है.
ऐसे में आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनों को पीछे छोड़ना राहुल गांधी और कांग्रेस दोनों के लिए काफी बड़ी चुनौती बनने वाली है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि नई स्ट्रेटेजी के तहत कांग्रेस का आगे बढ़ना और दिल्ली चुनाव से पहले राहुल गांधी की एंट्री कांग्रेस के लिए कितनी फायदेमंद साबित होती है.