Jaipur News: भांकरोटा में हुए टैंकर अग्निकांड के बाद सड़क हादसे परिवहन विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं. परिवहन विभाग ने जनवरी माह में सड़क सुरक्षा को लेकर विशेष अभियान चलाने की बात कही है.
Trending Photos
Jaipur News: भांकरोटा में अजमेर रोड पर हुई दुर्घटना ने प्रशासन को हिलाकर रख दिया है. यह हादसा परिवहन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हुआ है. सवाल यह उठ रहे हैं कि परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग क्या सड़क सुरक्षा के प्रति वास्तव में गंभीर है ? या केवल सड़क सुरक्षा के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. क्या राज्य सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा से संबंधित सुप्रीम कोर्ट कमेटी की रिपोर्ट को लागू किया गया ?
क्या सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा के लिए एक नए कैडर का गठन किया गया ? क्या परिवहन विभाग में एक भी नए पद का गठन सड़क सुरक्षा के लिए किया गया है. इसे लेकर विशेषज्ञ मानते हैं कि सड़क सुरक्षा के प्रति केवल खानापूर्ति की जा रही है. वर्तमान में प्रत्येक रेवेन्यू जिले में सड़क सुरक्षा के लिए एक अलग परिवहन अधिकारी के पद की आवश्यकता है. इन डीटीओ को केवल सड़क सुरक्षा और प्रवर्तन का कार्य देखने की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. प्रत्येक रीजन पर एक ARTO रोड सेफ्टी और संभाग स्तर पर एक अलग उप परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा की आवश्यकता है. बजट घोषणा के तहत सड़क सुरक्षा टास्क फोर्स का गठन किया जा रहा है लेकिन इसमें रिटायर्ड अधिकारियों को संविदा पर लगाए जाने की तैयारी की जा रही है.
क्या हैं सड़क हादसों के प्रमुख कारण ?
ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की लचर व्यवस्था
लर्निंग लाइसेंस ऑनलाइन किए जाने से ई-मित्र या एजेंटों से बनाए जा रहे
परिवहन कार्यालयों में पहले रोड सेफ्टी की फिल्म दिखाई जाती थी
लाइसेंस रिन्यूअल और डुप्लीकेट में भी पूरे मानकों की पालना नहीं
ऑटोमेटेड ट्रैक पर ठेके की कम्पनियों को लगाए जाने से गड़बड़ियां हुई
गलत रोड इंजीनियरिंग और सड़क पर पशु आना बड़ा कारण
कई बार राजनीतिक या सामाजिक दबाव में बदल दी जाती हैं रोड डिजाइन
रोड डिजाइन में बदलाव किए जाने से रोड एक्सीडेंट की बढ़ जाती है आशंका
जनता के दबाव में हाईवे पर बीच-बीच में कट लगाया जाना भी हादसों का कारण
तकनीकी विशेषज्ञों की टीम को शामिल करते हुए रोड डिजाइन की जाएं
पशुओं को हाईवे पर आने से रोकने के लए प्रॉपर बेरिकेडिंग किया जाना जरूरी
परिवहन विभाग की गलत चेकिंग प्रणाली भी है इसका बड़ा कारण
रोड के बीच में अचानक वाहन रोकने भी होती है हादसों की आशंका
गलत चेकिंग प्रणाली में सुधार के लिए चेकिंग प्लाजा बनाए जाने की जरूरत
इन जगहों पर सीजर यार्ड, वे ब्रिज आदि की पूर्ण व्यवस्था हो
इससे अचानक चेकिंग के डर से ड्राइवर द्वारा वाहन भगाने की आशंका नहीं होगी
ड्राइवर पहले से ही इस बाबत मेंटली प्रिपेयर रहेगा तो परेशानी नहीं रहेगी
वर्तमान में राजस्थान में फिटनेस का कार्य फिटनेस सेंटर्स द्वारा किया जा रहा है. विशेषज्ञ मानते हैं कि सड़क दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण वाहनों में यांत्रिक गड़बड़ी भी हैं. इस कारण 10 से 15 प्रतिशत तक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. जी मीडिया द्वारा बार-बार फिटनेस सेंटर्स की गड़बड़ियां उठाई गई हैं. वहीं, परिवहन विभाग द्वारा समय-समय पर करवाए गए निरीक्षण में भी प्रमाणित हो चुका है कि फिटनेस सेंटर्स द्वारा अपना कार्य सही तरीके से नहीं किया जा रहा है. बगैर वाहन पहुंचे और बिना वाहन जांच ही फिटनेस जारी की जा रही हैं. अनफिट और खटारा वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र बनाए जाने से हादसों की आशंका बढ़ जाती है.
सड़क हादसे रोकने को क्या हों उपाय ?
परिवहन विभाग में रोड सेफ्टी का अलग कैडर बनाया जाए
DTO से लेकर अपर आयुक्त तक के पद सृजित कर नियुक्तियां की जाएं
रोड सेफ्टी फंड से सरकारी फिटनेस सेंटर, ड्राइविंग स्कूल्स बनाए जाएं
फिटनेस सेंटर्स की मशीनों की रिपोर्ट्स सीधा वाहन सॉफ्टवेर पर अपलोड हो
इस रिपोर्ट में एडिट करने का विकल्प हटाया जाना चाहिए
रोड इंजीनियरिंग में तकनीकी विशेषज्ञों को शामिल किया जाना चाहिए
नए रोड के निर्माण के समय तकनीकी विशेषज्ञों के सुझाव लिए जाने जरूरी हों
चेकिंग प्रणाली में सुधार के लिए चेकिंग प्लाजा, वे ब्रिज, सीजर यार्ड बनें