Rajasthan- चुनाव आयोग की प्रदेशभर के DM SP से चर्चा, निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए राजनीतिक संरक्षण का मोह छोड़ें
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Rajasthan- चुनाव आयोग की प्रदेशभर के DM SP से चर्चा, निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए राजनीतिक संरक्षण का मोह छोड़ें

Rajasthan Assembly Election: राजस्थान में विधानसभा चुनावी तैयारियों का जायजा लेने आई केन्द्रीय चुनाव आयोग की फुल बेंच ने पुलिस के एक्शन पर नाराजगी जताई है. उन्होंने चुनावों में सीजर करने और अवैध शराब का फ्लो रोकने के लिए फुलफ़्रूफ सिस्टम बनाने को कहा. कलेक्टर, एसपी ऐसा काम करें कि राजनीतिक दलों का भरोसा प्रशासन की कार्यशैली पर रहे.

Rajasthan Election Commission

Rajasthan Assembly Election: राजस्थान विधानसभा का कार्यकाल 14 जनवरी 2024 को पूरा हो रहा है। विधानसभा चुनाव की रणभेरी अक्टूबर माह के पहले या दूसरे सप्ताह में कभी बज सकती है। चुनाव आयोग का फुल कमीशन मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान में जमीनी स्तर पर चुनाव की तैयारियों की समीक्षा कर रहा है। भारत निर्वाचन आयोग की प्रिंसिपल बेंच ने शनिवार को दूसरे दिन प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर-एसपी, संभागीय आयुक्त और आईजी से चुनावी तैयारियों को लेकर चर्चा की.

 

 चुनाव  आयोग का कलेक्टरों और एसपी से वन-टू-वन
 चर्चा में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, आयुक्त अरुण गोयल और अनूपचंद्र पांडे ने कलेक्टरों और एसपी से वन-टू-वन चर्चा की.सुबह पहले 10 बजे से 11.30 बजे तक मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राज्य पुलिस नोडल अधिकारी और केन्द्रीय पुलिस बल के नोडल अधिकारियों के जरिए तैयारियों से संबंधित प्रस्तुतिकरण दिया गया. उसके बाद सुबह 11.30 से शाम 6 बजे तक कलक्टर्स और एसपी के साथ मैराथन बैठक चली.

चुनावी तैयारियों  के बारे जानकारी दी
कलेक्टर और एसपी ने आयोग के समक्ष प्रेजेंटेशन देकर अभी तक की चुनावी तैयारियों  के बारे में विस्तार से बताया. इलेक्शन कमीशन की फुल बेंच के सामने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों ने जिलों में मतदान केंद्रों की स्थिति, वहां पहुंच की स्थिति और मतदाताओं की संख्या के साथ-साथ संवेदनशील और अति संवेदनशील मतदान केंद्रों की जानकारी दी.

चुनाव आयोग की राय
चुनाव आयोग ने शराब ड्रग्स, नकदी और फ्री बीज (मुफ्त में सामान)के मामलों की मॉनिटरिंग के निर्देश दिए..संवेदनशील बूथों पर विशेष नजर रखने, अतिरिक्त अमला तैनात करने और कैमरे से निगरानी रखने की बात कही. प्रदेश के ऐसे मतदान केंद्र जहां वोटिंग का प्रतिशत न्यूनतम रहा है, वहां वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए.आयोग का फोकस वोटिंग प्रतिशत बढ़ाए जाने और कानून-व्यवस्था नियंत्रण को लेकर था।

अधिकारी राजनीति की छत्रछाया से खुद को रखे बाहर
आयोग ने कहा है कि सभी अधिकारी राजनीति की छत्रछाया से खुद को बाहर निकालें..चुनाव आयोग ने कुछ जिलों की परफॉर्मेंस से संतुष्ट नहीं होने पर नाराजगी जताई.खास तौर पर अलवर जिला निर्वाचन अधिकारी पुखराज सेन को तो आयोग ने इतना तक कह दिया कि आप जिला निर्वाचन अधिकारी हैं भरोसा नहीं होता है। उधर, एसपी सुधीर चौधरी की कार्यप्रणाली को लेकर भी आयोग नाराज नजर आया।

 वहीं करौली एडिशनल एसपी की कार्यशैली को लेकर भी आईजी से रिपोर्ट मांगी। कानून व्यवस्था में कमी और आपराधिक गतिविधियों पर एक्शन के मामले में लापरवाही पर नाराजगी जताई.सुबह की बीकानेर संभाग में पहले राउंड में पुलिस एक्शन और कानून व्यवस्था की समीक्षा की गई.आयोग ने कहा कि वे पुलिस के एक्शन से संतुष्ट नहीं है.शराब पकड़ने, सीजर करने एक्शन के मामले में खास तौर पर नाराजगी जताई गई.इसके लिए फुलप्रूफ सिस्टम बनाने के हिदायत दी.

इन पांच बिंदुओं पर आयोग  रहेगा फोकस

1-मतदाता सूची की शुद्धता

2-लॉ एंड ऑर्डर और एनफोर्समेंट की कार्रवाई में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। गड़बड़ी के मामले में सीजर और गुंडा एक्ट पर एक्शन का असर दिखना चाहिए।

3-कलेक्टर, एसपी ऐसा काम करें कि राजनीतिक दलों का भरोसा प्रशासन की कार्यशैली पर रहे। 4-मसलन, ईवीएम, मतदाता ‌सूची समेत अन्य कार्य पर राजनीतिक दलों में शिकायत की स्थिति में न रहे। उन्हें निष्पक्ष चुनाव का भरोसा रहे।

4-मीडिया और सोशल मीडिया पर नजर रखे

5-संसाधनों की उपलब्धता में कमी नहीं रहनी चाहिए, ताकि चुनाव प्रभावित न हों

केंद्रीय चुनाव आयोग के अफसरों ने कलेक्टर एसपी से यूपी, गुजरात, पंजाब,हरियाणा,मध्य्प्रदेश की सीमा से सटे जिलों में की गई तैयारियों को लेकर चर्चा की.हाईवे से लेकर गांवों और कस्बे इलाको से जुडने वाली सड़कों पर नाकेबंदी और चेकिंग प्वाइंट बनाने को लेकर भी अफसरों ने जानकारी ली.आयोग ने कहा है कि चुनाव के दौरान उपद्रव और अशांति फैलाने वाले तत्वों पर सख्ती से कार्रवाई के लिए प्लानिंग होनी चाहिए.मतदान केन्द्रों में सुरक्षा प्रबंधन को लेकर आयोग ने पुलिस अधीक्षकों से जिला वार रिपोर्ट ली है.

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त गोयल और पांडेय ने कहा कि डाटा कैसे तैयार किए जाते हैं, यह हमें मालूम है.इसलिए डाटा से मतलब नहीं है.हमें तो कार्रवाई का असर और‌‌ जनता में भरोसा दिखना चाहिए.भविष्य में राजनीतिक दबाव को झाड़ कर अधिकारी बाहर निकलें.आदत बदलें और जनता में प्रशासन के प्रति भरोसा पैदा करें.इसलिए अधिकारी निष्पक्ष चुनाव करने के लिए खुद को ढाल लें.उन्होंने मतदाता सूची के द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण की प्रगति की जानकारी ली और निर्वाचक नामावली को शुद्ध एवं त्रुटिरहित बनाने पर जोर दिया.आयोग ने मतदाता सूची का पुनरीक्षण पूरी गंभीरता, सूक्ष्मता और सावधानी से करने को कहा.आयोग ने इपिक कार्ड की प्रिंटिंग और वितरण की भी जानकारी ली।आयोग ने बैठक में मतदान केंद्रों में व्यवस्था, ईवीएम और वीवीपैट की उपलब्धता व भंडारण और मानव संसाधन, वाहन तथा शिकायत निवारण प्रबंधन की भी समीक्षा की और कंट्रोल रूम को सक्रिय करने के निर्देश दिए। विधानसभा निर्वाचन के लिए पोस्टल बैलेट की आवश्यकता, कम्युनिकेशन प्लान, निर्वाचन संपन्न कराने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रशिक्षण, कानून-व्यवस्था की स्थिति और स्वीप  गतिविधियों की भी समीक्षा की। 

निष्पक्ष होकर करें काम
बहरहाल, आयोग ने अफसरों को चेताया है कि वह निष्पक्ष होकर काम करें.छोटी-मोटी गलतियां इग्नोर कर दी जाएंगी.आमतौर पर आयोग के एक्शन को लेकर अफसर में भय होता है कि जरा सी गलती पर कार्रवाई होती है.आयोग ने आश्वस्त किया कि सामान्य गलती को इग्नोर किया जा सकता है.लेकिन अगर जानबूझकर गलती की जाएगी, तो माफी नहीं मिलेगी..ऐसे मामले में आयोग सबसे खराब और खतरनाक कार्रवाई करेगा जो मिसाल बनेगी.

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