Dausa News : निजी विश्वविद्यालयो से मिलीभगत कर छात्रवृत्ति उठाने का दौसा में बड़े पैमाने पर काला खेल हो रहा है, और इस खेल को अंजाम दे रहे हैं,जिले में संचालित फर्जी स्टेडी सेंटर जब यह मामला सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संज्ञान में आया, तो तुरंत इस पर एक्शन लिया गया. विभाग द्वारा कलेक्टर सहित उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया गया.
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Dausa News : निजी विश्वविद्यालयो से मिलीभगत कर छात्रवृत्ति उठाने का दौसा में बड़े पैमाने पर काला खेल हो रहा है, और इस खेल को अंजाम दे रहे हैं,जिले में संचालित फर्जी स्टेडी सेंटर जब यह मामला सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संज्ञान में आया, तो तुरंत इस पर एक्शन लिया गया. विभाग द्वारा कलेक्टर सहित उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया गया.
कलेक्टर कमर चौधरी ने भी बिना समय गवाएं तत्काल पूरे प्रकरण की जांच के निर्देश दिए तो, वही प्रदेश के 5 निजी विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले दौसा जिले के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति भौतिक सत्यापन के बाद ही जारी करने के भी आदेश जारी किए.
दरअसल कुछ समय पूर्व दौसा जिले के बसवा क्षेत्र के दिलावर पूरा गांव निवासी छात्रा धोली बाई मीणा का एक ऐसा ही प्रकरण सामने आया था. जिसमें छात्रा धोली बाई को यह तक पता नहीं था कि उसका किस कॉलेज में दाखिला है. लेकिन जब उसने B.ed प्रथम वर्ष की छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया तो, विभाग ने उसका आवेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया कि, उसकी छात्रवृत्ति पूर्व में चूरू के ओपीजेएस निजी विश्वविद्यालय से उठ चुकी है. लेकिन छात्रा का कहना था कि उसने वहां कोई दाखिला ही नहीं लिया, फिर छात्रवृत्ति कैसे उठ गई.
धोली बाई ने उसके बाद ज़ी मीडिया से संपर्क किया और अपनी पूरी कहानी बताई ज़ी मीडिया ने प्रमुखता के साथ इस मुद्दे को उठाया तो, विभाग में हड़कंप मच गया विभाग द्वारा मामले की जांच करवाई गई तो, धोली बाई की बात सच निकली. बांदीकुई में संचालित एक फर्जी स्टेडी सेंटर ने चूरू के ओपीजेएस विश्वविद्यालय से मिलीभगत कर फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति उठाने का खेल किया था.
फर्जी स्टडी सेंटर द्वारा धोली बाई के दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल किया गया. धोली बाई का पहले वहां दाखिला करवाया गया और उसके बाद उसकी छात्रवृत्ति उठा ली गई इतना ही नहीं धोली बाई को वहां पास आउट भी कर दिया गया और नेक्स्ट ईयर में प्रवेश भी दे दिया गया. जबकि धोली ने ना तो ओपीजेएस विश्वविद्यालय कभी देखा और ना ही कोई परीक्षा दी उसके बावजूद भी फर्जी तरीके से उसे पास कर मार्कशीट भी जारी कर दी गई.
जब ये मामला दौसा जिला कलेक्टर के पास पहुंचा तो उन्होंने भी विभाग को निर्देशित करते हुए पूरे मामले की जांच करवाने के निर्देश दिए साथ ही प्रदेश के पांच निजी विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले दौसा जिले के छात्र छात्राओं की छात्रवृत्ति भौतिक सत्यापन के बाद ही जारी करने के आदेश भी जारी किए. धोली बाई के प्रकरण को देखते हुए कलेक्टर कमर चौधरी ने आशंका जाहिर करते हुए आदेश में लिखा.
दौसा जिले के लालसोट में स्थित श्याम निजी विश्वविद्यालय , झुंझुनू जिले में स्थित सिंघानिया विश्वविद्यालय , अलवर जिले में स्थित सनराइज विश्वविद्यालय , चूरु जिले में स्थित ओपीजेएस विश्वविद्यालय और जयपुर में स्थित निर्वाण विश्वविद्यालय के माध्यम से किए गए छात्रवृत्ति के आवेदन में भारी संख्या में अनियमितता से इंकार नहीं किया जा सकता.
कलेक्टर ने आदेश में यह भी लिखा पटवारी या ग्राम विकास अधिकारियों के माध्यम से इन विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं का भौतिक सत्यापन करवाना आवश्यक है. ताकि यह पता लग सके की छात्रवृत्ति लेने वाले छात्र छात्राएं किस-किस विश्वविद्यालय या कॉलेज में नियमित रूप से अध्यनरत हैं.
इन विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले जिले के छात्र छात्राओं की भौतिक सत्यापन रिपोर्ट जब सामने आएगी तो, पूरा खेल उजागर हो सकेगा संभावना जताई जा रही है. फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति उठाने का एक बड़ा काला खेल सामने आ सकता है.
इसे एक पूरा नेक्सस कहा जा सकता है. जो बड़े ही शातिर तरीके से सरकार को भी करोड़ों रुपए का चूना लगा रहा है. यह मसला दौसा जिले का ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का भी हो सकता है, बशर्ते जांच का दायरा बढ़ेगा, तो निश्चित रूप से एक बड़ा काला सच उजागर हो सकता है.
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