Mahatma Gandhi Jayanti 2022: राजस्थान ने विश्व अहिंसा दिवस पर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, जब एक साथ बच्चों ने गाया 'वैष्णव जन को तेने कहिए जी' ​
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Mahatma Gandhi Jayanti 2022: राजस्थान ने विश्व अहिंसा दिवस पर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, जब एक साथ बच्चों ने गाया 'वैष्णव जन को तेने कहिए जी' ​

Gandhi Jyanti 2022: राजस्थान में विश्व अहिंसा दिवस गांधी जयंती के मौके पर एक और वर्ल्ड रिकॉर्ड बना. राज्य में एक समय में तीन प्रार्थना सभाओं का सामूहिक गायन किया गया.

राजस्थान ने विश्व अहिंसा दिवस पर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड.

Gandhi Jyanti 2022: राजस्थान में विश्व अहिंसा दिवस गांधी जयंती के मौके पर एक और वर्ल्ड रिकॉर्ड बना. राज्य में एक समय में तीन प्रार्थना सभाओं का सामूहिक गायन किया गया, जिसमें एक करोड़ विद्यार्थी शामिल हुए. वहीं एसएमएस स्टेडियम में हुए मुख्य आयोजन में सीएम अशोक गहलोत ने पांच विभूतियों को गांधी सद्भावना पुरस्कार से सम्मानित किया. कार्यक्रम की शुरुआत में सीएम ने मंच की प्रथम पंक्ति पर विराजमान मंत्रियों और कांग्रेस नेताओं को पीछे भेजा और सम्मानित होने वाली विभूतियों को प्रथम पंक्ति में बैठा कर भी अनूठा सम्मान दिया.

जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में गांधी जयंती समारोह 
जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में  गांधी जयंती के राज्य स्तरीय समारोह आयोजित किया गया. सममारोह में गांधी के दर्शन के अनुशीलन और चलन को जीवन में अपनाने की सीख देने वाले  कुमार प्रशांत, डी आर मेहता, अमरनाथ भाई को गांधी सद्भाव सम्मान से नवाजा गया. सीएम ने झुककर डीआर मेहता और अमरनाथ भाई को प्रणाम भी किया. राज्य सरकार ने इस दौरान स्वर्गीय नेमीचंद जैन और स्वर्गीय एसएन सुब्बाराव के परिजनों को भी ये पुरस्कार दिया. इस दौरान सीएम के बगल में प्रथम पंक्ति में बैठे राजेंद्र यादव, गोविंद राम मेघवाल, ममता भूपेश, अश्क अली टाक जैसे नेताओं को पीछे बैठने को सीएम ने पीछे बैठने को कहा और इन विभूतियों को आगे बैठा कर सभी का ध्यान आकर्षित किया.

यूं बना वर्ल्ड रिकॉर्ड
इस दौरान ''वैष्णव जन को तेने कहिए जी.... पीर पराई'', ''दे दी हमें आजादी.... बिना खड़ग बिना ढाल'', ''धर्म वो एक ही सच्चा जगत को प्यार देवें हम'' प्रार्थना का सामूहिक गायन हुआ जिसमें प्रदेश के एक करोड़ छात्रों ने भाग लेते हुए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया जिसका प्रोविजनल सर्टिफिकेट भी दिया गया. मौके पर ही वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन के प्रतिनिधि प्रथम भल्ला ने सीएम गहलोत को विश्व रिकॉर्ड का प्रोविजनल सर्टिफिकेट सौंपा साथ पूर्व में 12 अगस्त को स्कूली छात्रों की ओर से देश भक्ति गीत गाने के वर्ल्ड रिकॉर्ड का भी ऑफिशियल सर्टिफिकेट सुपुर्द किया.

गांधी का सत्य का ईश्वरीय भाव और अहिंसा का महत्व आज भी प्रासंगिक
इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि महात्मा गांधी एक महापुरुष और राष्ट्रपिता हैं जिन पर पूरे देश को गर्व है. उन्होंने जो सत्य और अहिंसा का संदेश देते हुए पूरे मुल्क को आजाद कराया.  उस जमाने में दुनिया के सबसे बड़े साइंटिस्ट आइंस्टाइन ने कहा था कि आने वाली पीढ़ियों को ये विश्वास नहीं होगा कि गांधी नाम का कोई हाड़ मास का व्यक्ति इस धरती पर था. उनकी सत्य अहिंसा के बारे में जो सोच थी उसका प्रयोग भी उन्होंने किया. सत्य का ईश्वरीय भाव भी समझाया और अहिंसा का महत्व भी बताया। जो आज भी रिलेवेंट है.
 
पूरी दुनिया अहिंसा दिवस मना रही है, हमें गर्व होना चाहिए
सीएम ने कहा कि देश दुनिया में जब हिंसा का दौर चल रहा है, तब दुनिया महात्मा गांधी को याद कर रही है. इसलिए पूर्व प्राइम मिनिस्टर डॉ मनमोहन सिंह और कांग्रेस चेयर पर्सन सोनिया गांधी  ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्ताव रखा और संयुक्त राष्ट्रीय संघ के अंदर महात्मा गांधी जयंती को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पास हुआ. आज पूरी दुनिया अहिंसा दिवस मना रही है, इस पर भी हमें गर्व होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि आज जब गांधी के मुल्क में हिंसा होती है तो जिनका विश्वास सत्य, अहिंसा और गांधी के सिद्धांतों में है, उन्हें कितना दुख होता होगा. इसलिए बार-बार कहते हैं कि देश में प्यार, मोहब्बत, भाईचारा, सद्भावना का माहौल बना रहे. किसी तरह की हिंसा ना हो, सभी जाति, सभी धर्म, सभी वर्ग के लोग आपस में प्रेम, सद्भावना, भाईचारा रखें और हिंसा किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करनी चाहिए. ये देश हित में है क्योंकि हमारा मुल्क अनेकता में एकता वाला मुल्क है. 75 सालों तक देश अखंड रहा, एक रहा, पीएम इंदिरा गांधी ने अपनी जान दे दी लेकिन खालिस्तान नहीं बनने दिया. 135 करोड़ की आबादी वाले देश में लोकतंत्र कायम रहना ही अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है.

इस दौरान उन्होंने गांधी जी की जयंती के साथ जय जवान जय किसान का नारा देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी याद किया. साथ ही कहा कि आज जो बच्चे यहां तिरंगा हाथ में लेकर बैठे हैं, ये तिरंगा ही आजादी का गवाह बना था. हमारे नेताओं ने इसी को लेकर कुर्बानियां और बलिदान दिया. उन्होंने आजादी की लड़ाई में शामिल हुए पंडित नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, गोपाल कृष्ण गोखले, संविधान निर्माता अंबेडकर, सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद को भी याद किया. उन्होंने नई पीढ़ी को नसीहत देते हुए  कहा कि वो गांधी के सत्य के प्रयोग पुस्तक को जरूर पढ़ें. इससे उनके व्यक्तित्व में निखार आएगा, जीवनशैली बदल जाएगी.

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इस दौरान उन्होंने स्वर्गीय नेमीचंद और स्वर्गीय एसएन सुब्बाराव के साथ बिताए पलों को भी याद किया. साथ ही कहा कि उन्होंने गांधी को बहुत ज्यादा स्टडी नहीं किया है, महज दो-तीन जीवनी पड़ी है, लेकिन उनसे ही जो संस्कार प्राप्त कर सके, उसी से जिंदगी में कुछ प्राप्त कर कुछ देने की भावना पैदा हुई. और अंतिम व्यक्ति कैसे उठे यही सोच कांग्रेस और गांधी की थी. इसी सोच के चलते बांग्लादेशी शरणार्थियों की मदद के लिए उनकी सेवा के लिए कैंप में जाते थे. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के विचार को आज के माहौल में हमारे देश के साथ-साथ यूक्रेन-रशिया के बीच हो रहे युद्ध, और इंडोनेशिया में हुई हिंसा के बीच सबसे ज्यादा प्रासंगिक है.

इस दौरान सीएम ने सरकार की ओर से आने वाले समय में भी गांधी सद्भाव सम्मान जारी रखने की बात कही. साथ ही बताया कि राजस्थान सरकार एकमात्र ऐसी सरकार है जिसमें शांति अहिंसा का पहले निदेशालय बनाया और अब विभाग बनाया गया है ताकि शांति भाईचारे के संदेश घर-घर पहुंचाया जा सके. इस दौरान उन्होंने मंच से खादी संस्थाओं के उत्पादों पर पिछले साल की तर्ज पर इस साल भी 50% की छूट देने की घोषणा की. इस दौरान राजस्थान की सरकारी योजनाओं का एक पोर्टल भी लॉन्च किया गया. 

राज्य स्तरीय इस कार्यक्रम में मंत्री बी डी कल्ला, प्रताप सिंह खाचरियावास, लालचंद कटारिया, ममता भूपेश, शकुंतला रावत, सालेह मोहम्मद, राजेंद्र यादव सहित कांग्रेस के कई दिग्गज नेता और अधिकारी मौजूद रहे. वहीं मंत्री बीडी कल्ला और गांधी सद्भाव पुरस्कार से सम्मानित हुए डीआर मेहता ने राज्य सरकार की गांधी सद्भाव सम्मान की पहल को सराहनीय कदम बताया. साथ ही गांधी जी और उनके दर्शन को आज भी प्रासंगिक बताते हुए गांधीवाद और विज्ञान को जोड़ने की जरूरत बताई.

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