Rajasthan by election 2024 : बेनीवाल और कांग्रेस में नहीं बनी बात, तो राजस्थान उपचुनाव में BJP की हो सकती है मौज!
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Rajasthan by election 2024 : बेनीवाल और कांग्रेस में नहीं बनी बात, तो राजस्थान उपचुनाव में BJP की हो सकती है मौज!

Rajasthan by election 2024 : राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा हो गई है, जिनमें नागौर जिले की खींवसर सीट खास चर्चा में है. प्रमुख कारणों में हनुमान बेनीवाल की पार्टी रालोपा द्वारा उम्मीदवार की घोषणा न करना और कांग्रेस-रालोपा गठबंधन की स्थिति को लेकर अनिश्चितता शामिल हैं. बेनीवाल अपने भाई, पत्नी या किसी अन्य को टिकट देंगे, इस पर कयास लगाए जा रहे हैं. इसके साथ ही यह सवाल भी है कि उपचुनाव में कांग्रेस और रालोपा का गठबंधन रहेगा या नहीं, जिसका जल्द खुलासा होने की संभावना है.

 

Rajasthan by election 2024

Rajasthan by election 2024 : हनुमान बेनीवाल ने पहले विधायक और फिर सांसद बनकर दूसरी बार उपचुनाव का इतिहास दोहराया है. 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने खींवसर सीट से विधायक के रूप में जीत दर्ज की थी, और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन कर सांसद बने. उस समय, उपचुनाव में उन्होंने अपने भाई नारायण बेनीवाल को उम्मीदवार बनाया, जो जीतकर विधायक बने.

अब एक बार फिर वही इतिहास दोहराया जा रहा है. 2023 में हनुमान बेनीवाल ने विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत गए. इसके बाद, 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस से गठबंधन कर भाजपा की ज्योति मिर्धा को हराया. अब खींवसर सीट पर एक बार फिर उपचुनाव हो रहे हैं, और इस बार देखना यह है कि बेनीवाल किसे उम्मीदवार बनाते हैं.

पिछले 16 साल से खींवसर विधानसभा सीट पर बेनीवाल परिवार का दबदबा बना हुआ है.

साल 2008: मूण्डवा को हटाकर खींवसर को नई विधानसभा सीट बनाई गई, जहां हनुमान बेनीवाल ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
साल 2013: हनुमान बेनीवाल ने खींवसर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और फिर से जीत दर्ज की.
साल 2018: हनुमान बेनीवाल ने अपनी पार्टी, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा), का गठन कर चुनाव लड़ा और तीसरी बार विजयी हुए.
साल 2019: विधानसभा उपचुनाव में बेनीवाल ने अपने भाई नारायण बेनीवाल को रालोपा के टिकट पर चुनाव लड़वाया, जिसमें भाजपा का समर्थन था, और वे विजयी हुए.
साल 2023: हनुमान बेनीवाल ने खींवसर से फिर से चुनाव लड़ा और चौथी बार विधायक बने. उन्होंने भाजपा के रेवंतराम डांगा को हराया और सांसद रहते हुए अपनी ही पार्टी रालोपा से यह चुनाव जीता.

रालोपा और कांग्रेस के गठबंधन का भविष्य

लोकसभा चुनाव में रालोपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था, लेकिन सांसद बनने के बाद रालोपा और कांग्रेस के बीच के रिश्तों में खटास देखी गई. अब सवाल यह है कि आगामी उपचुनाव में रालोपा और कांग्रेस का गठबंधन बरकरार रहेगा या दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ेंगी. इसके साथ ही हनुमान बेनीवाल ने अब तक यह भी साफ नहीं किया है कि उपचुनाव में उनकी पार्टी का उम्मीदवार कौन होगा. उनके समर्थकों का अनुमान है कि वे अपनी पत्नी या भाई को टिकट देंगे, या फिर किसी नए चेहरे को मौका मिलेगा. बेनीवाल अक्सर सार्वजनिक रूप से यह कहते आए हैं कि उनके परिवार के बजाय कोई और उम्मीदवार चुनाव लड़े. वहीं, भाजपा ने भी उपचुनाव के लिए पूरी तैयारी कर ली है और इस चुनाव को लेकर काफी मेहनत कर रही है.

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