कभी राजस्थान में उड़ती थी रेतीले धोरों की धूल, आज वहीं जमकर बरस रहे बदरा
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कभी राजस्थान में उड़ती थी रेतीले धोरों की धूल, आज वहीं जमकर बरस रहे बदरा

मौसम विभाग ने इस साल साल 1971 से 2020 तक का आंकड़ा जारी किया है, जो काफी सुखद है. नये जारी आंकड़ों के अनुसार अब राजस्थान में औसत बारिश का आंकड़ा 435 एमएम तक पहुंच चुका है. राजस्थान में अब ज्यादा बारिश होने लगी है.

कभी राजस्थान में उड़ती थी रेतीले धोरों की धूल, आज वहीं जमकर बरस रहे बदरा

Jaipur: राजस्थान का नाम जब लिया जाता था तो आंखों के सामने एक ही तस्वीर नजर आती थी और वो थी धूल के गुबार और अकाल से बंजर पड़ी धरती लेकिन अगर पिछले 50 सालों में बारिश के आंकड़ों की बात की जाए तो अब ये तस्वीर बदलती हुई नजर आती है.

अब राजस्थान के रेतीले धोरों में धूल के गुबार नहीं उड़ते और ना ही यहां पर अकाल के चलते बंजर भूमि नजर आती है बल्कि अब राजस्थान के हर हिस्सों में राहत की बूंदें आसमान से बरसती नजर आती है. पिछले 50 सालों में राजस्थान में बारिश के आंकड़ों में 41 एमएम तक की बढ़ोतरी दर्ज की जा चुकी है.

राजस्थान की धरती पर बारिश की बूंदों की राहत
पिछले 50 सालों में औसत बारिश से 21 एमएम बारिश की बढ़ोतरी दर्ज
मौसम विभाग की ओर से सामान्य बारिश के आंकड़ों में किया गया संशोधन
साल 1961 से 2010 तक प्रतिवर्ष औसत बारिश का आंकड़ा था 415 एमएम
लेकिन साल 1971 से साल 2020 तक बारिश का औसत आंकड़ा पहुंचा 436 एमएम पर
पूर्वी राजस्थान में 25 एमएम, तो पश्चिमी राजस्थान में 18 एमएम बारिश में बढ़ोतरी दर्ज
दक्षिणी राजस्थान के डूंगरपुर में सबसे ज्यादा 82 एमएम बारिश में बढ़ोतरी दर्ज
जबकि करौली, धौलपुर, अलवर, भरतपुर, हनुमानगढ़ में औसत बारिश में कमी दर्ज

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मौसम विभाग की ओर से हर साल पिछले 50 सालों के आंकड़ों के आधार पर प्रतिवर्ष औसत बारिश का पैरामीटर तय किया जाता है. पहले जहां साल 1961 से लेकर साल 2010 तक राजस्थान में राजस्थान में हर साल औसत बारिश का आंकड़ा 415 एमएम माना जाता रहा तो वहीं एक पिछले 10 सालों में हुई बारिश के आधार पर मौसम विभाग ने बारिश का संशोधित आंकड़ा जारी किया गया है. मौसम विभाग ने इस साल साल 1971 से 2020 तक का आंकड़ा जारी किया है, जो काफी सुखद है. नये जारी आंकड़ों के अनुसार अब राजस्थान में औसत बारिश का आंकड़ा 435 एमएम तक पहुंच चुका है. राजस्थान में अब ज्यादा बारिश होने लगी है.

मौसम विभाग द्वारा पिछले 50 सालों के औसत बारिश के आंकड़ों पर स्टडी करने के बाद ये बात सामने आई है. साल 1971 से लेकर साल 2020 तक के औसत बारिश के आंकड़ों की गणना करने के बाद मौसम विभाग ने राजस्थान में मानसून सीजन में औसत बारिश के आंकड़ों में संशोधन कर दिया है.

क्या कहना है मौसम केन्द्र जयपुर निदेशक का
मौसम केन्द्र जयपुर निदेशक राधेश्याम शर्मा का कहना है कि "पिछले 50 सालों के आंकड़ों के हिसाब से हर साल औसत बारिश का आंकड़ा जारी किया जाता है. पहले जहां 1961 से 2010 तक के आधार पर औसत आंकड़े जारी होते थे तो वहीं अब 2020 का समय बीत जाने के बाद अब ये आंकड़े साल 1971 से 2020 तक के आधार पर जारी किए जाने हैं. पूर्वी राजस्थान में औसत में 25 एमएम और पश्चिमी राजस्थान में औसत में 18 एमएम बारिश का इजाफा दर्ज किया गया है. सामान्य बारिश के ये आंकड़े अब अगले दस साल तक के लिए मान्य होंगे."

कहां कितनी हुई बारिश
राजस्थान में सबसे ज्यादा दक्षिण राजस्थान के डूंगरपुर जिले में सामान्य बारिश में इजाफा दर्ज किया गया है. डूंगरपुर जिले में साल 2020 से पहले तक 624 एमएम बारिश को सामान्य माना जाता था लेकिन संशोधित आंकड़ों के आधार पर डूंगरपुर में 81.9 एमएम बारिश में इजाफा दर्ज किया गया है, जिसके चलते डूंगरपुर जिले में अब 706 एमएम को सामान्य बारिश माना जाएगा. डूंगरपुर सहित प्रदेश के 28 जिलों में औसत बारिश में इजाफा हुआ है. 

आंकड़ों के अनुसार पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर में 24.8 एमएम, बीकानेर में 17.4 एमएम, चूरू में 18.5 एमएम, जैसलमेर में 14.8 एमएम, जालोर में 32.1 एमएम,जोधपुर में 14.5 एमएम औसत बारिश में इजाफा हुआ है. इसके साथ ही दर्जनभर जिलों में 20 एमएम से 50 एमएम तक बारिश में इजाफा दर्ज किया गया है लेकिन दूसरी ओर पूर्वी राजस्थान जिसे अच्छी बारिश के लिए जाना जाता रहा है उनमें अलवर, भरतपुर, करौली, धौलपुर जिले में औसत बारिश अब कम दर्ज की जा रही है जबकी पश्चिमी राजस्थान के हनुमानगढ में भी औसत बारिश में कमी हुई है. राजस्थान में सबसे ज्यादा करौली और धौलपुर में औसत बारिश में 21.1 एमएम की कमी हुई है.

जयपुर मौसम केन्द्र निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि "इसे इंट्रा सिजनल वैरियेबिलीटी कहा जाता है. राजस्थान में पिछले 10 सालों में सामान्य या फिर सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. पूरे देश में कई पूर्वी राज्यों में औसत बारिश के आंकड़ों में कमी हुई है जबकि नॉर्थ वेस्ट के कुछ राज्यों में औसत बारिश में इजाफा हुआ है."

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