राजस्थान में यात्रा से पहले राहुल गांधी का बड़ा बयान, गहलोत- पायलट दोनों पार्टी के लिए एसेट, नहीं पड़ेगा कोई असर
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राजस्थान में यात्रा से पहले राहुल गांधी का बड़ा बयान, गहलोत- पायलट दोनों पार्टी के लिए एसेट, नहीं पड़ेगा कोई असर

राहुल गांधी ने कहा कि राजस्थान में जो बयानबाजी हुई उसमें वे नहीं जाना चाहते हैं कांग्रेस पार्टी के लिए अशोक गहलोत सचिन पायलट दोनों नेता एसेट है पार्टी के लिए जरूरी है लेकिन राहुल गांधी ने कहा मैं इस बात की गारंटी ले सकता हूं कि इस सियासी झगड़े का भारत जोड़ो यात्रा पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

राहुल बोले- गहलोत सचिन पायलट दोनों नेता एसेट.

Jaipur News: राजस्थान में कांग्रेस के सियासी मसले को लेकर कांग्रेस पार्टी में आला कमान स्तर पर अभी भी कोई समाधान निकालने की स्थिति में नहीं पहुंचा जा सका. भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी के बयान से इस बेचारगी को समझा जा सकता है जिसमें राहुल गांधी ने कहा है कि वे है किसने क्या कहा कि इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं लेकिन पार्टी के लिए दोनों ही नेता पार्टी के लिए जरूरी है.

इंदौर में राहुल गांधी पत्रकार वार्ता में कही ये बड़ी बात

दरअसल इंदौर में राहुल गांधी पत्रकार वार्ता कर रहे थे इस दौरान पत्रकारों के सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि राजस्थान में जो बयानबाजी हुई उसमें वे नहीं जाना चाहते हैं कांग्रेस पार्टी के लिए अशोक गहलोत सचिन पायलट दोनों नेता एसेट है पार्टी के लिए जरूरी है लेकिन राहुल गांधी ने कहा मैं इस बात की गारंटी ले सकता हूं कि इस सियासी झगड़े का भारत जोड़ो यात्रा पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

सियासी झगड़े का यात्रा पर कोई असर नहीं - राहुल गांधी

यानी राहुल गांधी ने सीधे तौर पर इस सियासी संकट पर कोई समाधान की दिशा में बयान देने की बजाय केवल ये स्पष्ट किया कि पार्टी दोनों नेताओं में से किसी को भी छोड़ने की स्थिति में नहीं है. राहुल गांधी के इस बयान के बाद ये साफ हो गया है कि पार्टी में राजस्थान के मसले को लेकर ऊहापोह की स्थिति है. भले ही ऊपरी तौर पर ये कहा जा रहा हूँ या फिर मसले का समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है लेकिन लगता नहीं है इस संबंध में कोई ठोस फॉर्मूला तैयार हो पाया है.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में कांग्रेस में से दो साल पहले हुए सचिन पायलट की बगावत पर फिर से बयान देते हुए कहा था कि कांग्रेस के विधायक कभी भी पार्टी से गद्दारी करने वाले नेता को मुख्यमंत्री नहीं बना सकते हैं. सचिन पायलट के पास विधायकों का समर्थन नहीं है. जवाब में सचिन पायलट ने भी प्रतिक्रिया दी थी पायलट ने कहा था कि उनकी पहली प्राथमिकता राजस्थान में सरकार को रिपीट करवाना है किसी भी नेता को इतना असुरक्षित होने की आवश्यकता नहीं है.

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दोनों नेताओं के समर्थकों की तरफ से भी बयानबाजी हुई थी. पार्टी में उच्च स्तर पर kc वेणुगोपाल और जयराम रमेश ये बयान आए थे जिसमें ये सियासी संकट का जल्द समाधान निकाले जाने का भरोसा जकार्ता था लेकिन राहुल गांधी के इस बयान से साफ है कि पार्टी दोनों में से किसी भी नेता को छोड़ने का जोखिम उठा सकती है.

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