Rajasthan: किसान के लिए परेशानी आम बात है, खेत में हो तो मौसम की मार पड़ती है, मंडी में हो तो सरकार और व्यवस्था की मार पड़ती है. राजस्थान में 2 माह में सिर्फ 12 प्रतिशत ही खरीदी हो पाई है. चार एमएलए ने संबंधित विभाग के मंत्री को पत्र भी लिखा है इस मामले को लेकर.
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Rajasthan: राजस्थान में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपज की खरीद की रफ्तार बहुत धीमी चल रही है.अब तक मात्र 12 प्रतिशत ही किसानों से उपज की खरीद हो पाई है.हैरानी की बात तो ये है कि बाजार से उपज का समर्थन मूल्य ज्यादा है,इसके बावजूद खरीद नहीं हो पा रही है.हालांकि बारदाने की कमी के कारण किसानों को दिक्कत जरूर हो रही है.
अब तक सिर्फ 12 प्रतिशत लक्ष्य पूरा
राजस्थान में न्यनूतम समर्थन मूल्य पर किसानों से दो महीने में सिर्फ 2 लाख 71 हजार मीट्रिक टन खरीद हुई है.जबकि 29 जून तक 2 लाख 18 हजार मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य पूरा करना है.बाजार मूल्य से न्यूनतम समर्थन मूल्य ज्यादा होने के बावजूद किसान राजफैड को बेचान के लिए दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है.अब तक सिर्फ 12 प्रतिशत लक्ष्य ही राजफैड पूरा कर पाया है.सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने किसानों से खरीद के लिए राजफैड को निर्देश दिए है.
ये है उपज के मूल्य की स्थिति-
उपज बाजार मूल्य समर्थन मूल्य अंतर
चना 4200 प्रति क्वि. 5335 प्रति क्वि. 1100 रू.प्रति क्वि.
सरसों 4500 प्रति क्वि. 5450 प्रति क्वि. 950 रू.प्रति क्वि.
बारदाने की कमी खरीद नहीं होने की बडी वजह
बारदाने की कमी के कारण किसानों से खरीद नहीं हो पा रही है.चार विधायक हनुमानगढ,नौहर,धौलपुर,राजाखेडा ने सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना को पत्र लिखकर बारदाने की कमी की शिकायत की है.मंत्री उदयलाल आंजना ने भी कहा कि बारदाने की कमी खरीद केंद्रों पर की जा रही है.सहकारिता विभाग के खरीद केंद्रों की व्यवस्था नैफैड द्धारा की जा जाती है,जो केंद्र सरकार के अधीन है.इसलिए केंद्र से मांग करते है बारदाने की कमी को दूर किया जाए.
15 दिन का वक्त और मांगा
लक्ष्यों को पूरा नहीं होने के कारण राजफैड ने केंद्र सरकार से 15 दिन का वक्त और मांगा है,ताकि अधिक से अधिक किसानों से खरीद की जा सके.लेकिन सवाल ये है कि बिना बारदाने 24 दिन में 21 लाख के लक्ष्य को राजफैड कैसे हासिल करेगा.?
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