शहर में बदहाल सड़कें को दुरस्त करने की तैयारी, प्रशासन ने कंपनियों को दिए निर्देश
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शहर में बदहाल सड़कें को दुरस्त करने की तैयारी, प्रशासन ने कंपनियों को दिए निर्देश

राज्य के शहरी क्षेत्रों में विभिन्न विभाग कंपनियों और एजेंसियों ने पाइप लाइन केबल ब्रिज सीवरेज के लिए गड्ढे खोद दिए. इससे सड़कों की हालत खस्ताहाल हो गई और लोगों को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ी. इन गड्ढों के कारण कई जानलेवा दुर्घटनाएं भी सामने आई. इस दौरान स्थानीय निकाय प्रशासन आंखें मूंदे रहा.

शहर में बदहाल सड़कें को दुरस्त करने की तैयारी, प्रशासन ने कंपनियों को दिए निर्देश

जयपुर: राज्य के शहरी क्षेत्रों में विभिन्न विभाग कंपनियों और एजेंसियों ने पाइप लाइन केबल ब्रिज सीवरेज के लिए गड्ढे खोद दिए. इससे सड़कों की हालत खस्ताहाल हो गई और लोगों को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ी. इन गड्ढों के कारण कई जानलेवा दुर्घटनाएं भी सामने आई. इस दौरान स्थानीय निकाय प्रशासन आंखें मूंदे रहा. निकाय प्रशासन ने अब सभी संबंधित कंपनियों एजेंसियों को गड्ढे भर जर्जर सड़क की मरम्मत के निर्देश दिए हैं.

गौरतलब है कि जलदाय, विद्युत डिस्काॅम कम्पनियों, दूरसंचार कंपनियों, आरयूआईडीपी, रूडसिको एवं स्थानीय निकायों द्वारा शहरी क्षेत्रों में पाइप लाइन, केबिल, सीवरेज, ब्रिज के कार्यों और बरसात के कारण सड़कों पर गड्ढे खोद दिए गए. इनके कारण सड़कें छलनी हो गई. वहीं, लोगों को भारी परेशानी का भी सामना करना पड़ा. ओवर ब्रिज के लिए खोदे गए गड्ढे में हाल ही एक व्यक्ति की मौत हो गई वही कई जगह सड़कों पर बने गड्ढों के कारण दुर्घटनाएं भी हुई. अब मानसून की विदाई के बाद विभाग को सुरक्षा की दृष्टि से इन गड्ढों की याद आई है. स्वायत शासन विभाग ने तुरन्त प्रभाव से गड्ढे भरने के निर्देश दिये है. जिससे सम्भावित जन-धन की हानि से बचाया जा सके.

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पहले से मौजूद नियम फिर भी दिए निर्देश

स्वायत्त शासन विभाग द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया कि विभिन्न विभागों द्वारा शहरी क्षेत्र की सड़कों पर पाइप लाइन, केबिल आदि कार्य की संबंधित नगरीय निकाय से स्वीकृति उपरांत ही कार्य किया जावें तथा कार्य के दौरान संबंधित विभाग नगरीय निकाय से समन्वय स्थापित करना सुनिश्चित करें. हालांकि यह नियम पहले से है कि कोई भी सड़क पर गड्ढा खोदने या रोड कट से पहले स्थानीय निकाय विभाग से मंजूरी लेगा और उसकी राशि जमा  कराएगा. 

कंपनी को यह दिए गए निर्देश
स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, विद्युत डिस्काॅम कम्पनियों, दूरसंचार कंपनियों, आरयूआईडीपी, रूडसिको के द्वारा पाइप लाइन, केबिल, सीवरेज, ब्रिज आदि कार्यो के लिये खोदी जा रही सड़क पर कार्य प्रगति का बोर्ड सुरक्षात्मक दृष्टि से लगाया जाना सुनिश्चित किया जावे, कार्य संपादन उपरांत बेरीकेटिंग, बोर्ड को हटाया जावें. कम चैड़ाई की सड़को में सीवर लाइन, पानी की लाइन या केबिल कार्य हेतु खुदाई की गई सड़को पर नो-एन्ट्री एवं डायवर्जन का बोर्ड लगाना सुनिश्चित किया जावें. पाइप लाइन, केबिल, सीवरेज आदि कार्य पूर्ण होने के उपरांत 7 दिन के अंदर सड़क रिपेयर्स, दुरस्तीकरण का कार्य कराया जाना सुनिश्चित करें.

बरसात से पहले लगाने थे यह बोर्ड

सभी नगरीय निकाय वर्षाकाल के दौरान सड़कों, रिक्त भूमि आदि पर हुये गढ्डों की शीघ्र मरम्मत कराया जाना सुनिश्चित करें. रिक्त भूमि पर यदि गहरे गढ्डे है और उनमें पानी भरा हुआ है ऐसे स्थानों का चिन्हिकरण करके सुरक्षात्मक दृष्टि से बेरीकेटिंग, बोर्ड लगाया जाना सुनिश्चित करें, जिससे कोई आकस्मिक दुर्घटना की संभावना नहीं रहें. शहरी स्थानीय निकाय क्षेत्रों में खुले हुये नाले - नालियों को सुरक्षित रूप से ढकने की कार्यवाही की जावें ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना की आशंका नहीं रहे. सीवरेज मेनहाॅल एवं नालियों का कार्य हो रहा हो तो वहां पर चेतावनी के बोर्ड लगाये जावें. सीवरेज लाईन के मेनहाॅल की सफाई करने के पश्चात् तुरन्त ढ़कने के लिए भी कहा गया है.

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सड़क पर बने हुए नाला-नालियों के क्राॅसिंग व खुले स्थानों को फेरोकवर से तुरन्त ढ़का जाए. रोड़ कट, टूटी हुई सड़कों की मरम्मत का कार्य दीपावली से पूर्व पूरा किया जाए. बरसात के कारण या पानी के बहाव के कारण नालियों व सड़क क्षतिग्रस्त हो गई हो, तो उनकी तुरन्त मरम्मत करवाई जाए.

बरसात के बाद शहर के सार्वजनिक स्थलों, निचले इलाकों व नालों में इकट्ठे, जमा कचरे, मलबे, कीचड़, गंदगी व भरे हुये पानी को अविलम्ब हटाया जावे. शहरी क्षेत्रों की सड़कों से संबंधित विभाग के प्रशासनिक, तकनीकी अधिकारियों द्वारा क्षेत्र की सड़कों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जावे साथ ही विभिन्न विभागों द्वारा सड़को पर किये जा रहे गढ्डों का चिन्हिकरण करके उनकी सुरक्षात्मक दृष्टि से बेरीकेटिंग, बोर्ड लगवाये जाकर उपरोक्त की पालना सुनिश्चित की जाएं.

जर्जर भवनों के लिए भी दिए निर्देश
नगरीय निकाय असुरक्षित, जर्जर भवनों को चिन्हित किया जाकर भवन मालिकों को नोटिस, सार्वजनिक सूचना जारी करते हुये उनको खाली कराने की कार्यवाही की जावे. ऐसे मकानों के वासियों को चेतावनी देते हुये उनके सुरक्षित स्थानों पर स्थानान्तरित करने के लिए समुचित कार्रवाई की जाए, ताकि जन-धन की हानि नहीं हो. वर्षाकाल के उपरान्त फैलने वाली बीमारियां जैसे- हैजा, पीलिया, मलेरिया, त्वचा संबंधी बीमारियां एवं दूषित जल से बचाव के लिये अत्यधिक साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.
बिजली इंजीनियरों को दिए यह निर्देश
विद्युत डिस्काॅम कम्पनियों के अभियन्ताओं को निर्देश दिये है कि सड़क किनारे बिजली के ढीले तारों को दुरस्त करने एवं बिजली के खम्बों, सड़क किनारे डी.पी., केबल बाॅक्स व स्विच बाॅक्स के आस-पास लूज तारों को हटाया जावे. स्विच बाॅक्स के टूटे हुये ढ़क्कनों की तुरन्त मरम्मत करवाई जावे साथ ही ट्रांसफार्मरस् की सुरक्षात्मक दृष्टि से बेरीकेटिंग व जाली लगाया जाना सुनिश्चित किया जावें.

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