Rajasthan में कटारिया के बाद होगी इन नेताओं की छुट्टी, PM Modi और अमित शाह का गुजरात मॉडल
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Rajasthan में कटारिया के बाद होगी इन नेताओं की छुट्टी, PM Modi और अमित शाह का गुजरात मॉडल

गुलाबचंद कटारिया को राज्यपाल बनाने के बाद बताया जा रहा है कि राजस्थान में पीएम मोदी और अमित शाह की जोड़ी गुजरात मॉडल पर काम कर रही है. वसुंधरा राजे जैसे सीनियर नेताओं की चुनावों में भूमिका भी अगले कुछ दिनों में तय होगी

Rajasthan में कटारिया के बाद होगी इन नेताओं की छुट्टी, PM Modi और अमित शाह का गुजरात मॉडल

Rajasthan politics : गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाए जाने के बाद राजस्थान में वसुंधरा राजे से लेकर सतीश पूनिया और गजेंद्र सिंह शेखावत से लेकर किरोड़ीलाल मीणा और कैलाश मेघवाल जैसे तमाम नेताओं की भूमिका को लेकर चर्चाएं है.

राजस्थान विधानसभा चुनाव में अब सिर्फ 10 महीने का समय बचा है. गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाकर बीजेपी आलाकमान ने स्पष्ट संदेश दे दिया है. आने वाले समय में राजस्थान को लेकर कई संगठनात्मक फैसले होंगे. वसुंधरा राजे से लेकर राजेंद्र राठौड़ और गजेंद्र सिंह शेखावत से लेकर किरोड़ीलाल मीणा जैसे नेताओं की भूमिका तय होगी. कुछ सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी और अमित शाह की जोड़ी राजस्थान में भी गुजरात मॉडल पर कर रही है.

क्या है मोदी शाह का गुजरात मॉडल

बीजेपी ने गुजरात में चुनावों से ठीक सरकार और संगठन को पूरी तरह से बदल दिया था. मुख्यमंत्री के साथ पूरी कैबिनेट बदल दी थी. चुनावों में ज्यादातर सीनियर नेताओं के टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया था. परिणाम ये रहा कि भाजपा ने रिकॉर्ड जीत हासिल की.

राजस्थान में 70 टिकट खतरे में

राजस्थान में ऐसे कई नेता है. जिनकी उम्र 70 साल के पार हो गई है. ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी आने वाले समय में संगठन स्तर पर कई बदलाव करेगी. विधानसभा चुनाव में भी उन नेताओं के टिकट काटे जा सकते है जिनकी उम्र 70 साल के पार हो गई है. सूत्रों के मुताबिक 2018 में जिन लोगों को टिकट दिया था. उसमें से 70 से ज्यादा टिकट इस बार बदले जा सकते है.

कौन बनेगा नेता प्रतिपक्ष

गुलाबचंद कटारिया को राज्यपाल बनाए जाने से नेता प्रतिपक्ष का पद खाली हो गया है. आने वाले समय में इस पद पर नियुक्ति होनी है. जिसे भी नेता प्रतिपक्ष का पद मिलेगा. उससे ये तय हो जाएगा कि आने वाले समय में राजस्थान बीजेपी की सियासत किस दिशा में बढ़ेगी. क्या उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को ये जिम्मेदारी मिलेगी. क्या सतीश पूनिया को नेता प्रतिपक्ष बनाकर प्रदेश अध्यक्ष पद पर नए चेहरे को लाया जा सकता है. ऐसे तमाम सवालों के जवाब आने वाले दिनों में मिलेंगे.

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