Planet Parade 2023: प्‍लेनेटरी अलाइनमेंट कोई बड़े खतरे की घंटी है! 2004 में एक कतार में दिखें थे कहर बनकर आई थी सुनामी
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Planet Parade 2023: प्‍लेनेटरी अलाइनमेंट कोई बड़े खतरे की घंटी है! 2004 में एक कतार में दिखें थे कहर बनकर आई थी सुनामी

Planet Parade 2023: आसमान में 28 मार्च 2023 की शाम को पांच ग्रह एक लाईन में नजर आए. ज्योतिषों का मानना है कि इसका असर देश में जल संकट से लेकर बड़े साइक्लोन के आने की संभावना जताई. दिसंबर 2004 में भी प्‍लेनेटरी अलाइनमेंट दिखा था, तब बड़ी सुनामी आई थी.

Planet Parade 2023: प्‍लेनेटरी अलाइनमेंट कोई बड़े खतरे की घंटी है! 2004 में एक कतार में दिखें थे कहर बनकर आई थी सुनामी

Planet Parade 2023: खगोलीय घटना का असर हमारे जीवन पर पड़ता है. 28 मार्च को बृहस्पति, बुध, शुक्र, मंगल और यूरेनस रात्रि में आसमान में एक साथ नजर आये. आसमान में 28 मार्च 2023 की शाम को पांच ग्रह एक लाईन में नजर आए. ज्योतिषों का मानना है कि इसका असर देश में जल संकट से लेकर बड़े साइक्लोन लेकर आएगा,जो भीषण तबाही मचाएगा.

2004 में भी प्‍लेनेटरी अलाइनमेंट दिखा तब सुनामी ने कहर बरपाया था

इससे पहले जून 2002 में भी 5 ग्रहों की परेड अंतरिक्ष में दिखाई दी थी. तब शुक्र, मंगल, बृहस्पति, बुध और शनि ग्रह एक कतार में नजर आए थे.  उस वक्त 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन (Godhra kand gujarat 2002) से रवाना हुई साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में उन्मादी भीड़ ने आग लगा दी थी.  इसके बाद दिसंबर 2004 में भी प्‍लेनेटरी अलाइनमेंट दिखा था. तब बड़ी सुनामी आई थी.

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26 दिसम्‍बर 2004 का दिल दहला देने वाले इतिहास था. ऐसी तबाही मची जिसने दुनिया के कई देशों में लाशें बिछा दीं. हिन्‍द महासागर में ऐसी सुनामी आई थी जो लोगों ने कभी नहीं देखी थी 9.1 तीव्रता वाले भूकंप के कारण समुद्र में 65 फीट ऊंची लहरें उठीं. इस सुनामी के कारण अकेले भारत में 12 हजार 405 लोगों की मौत हुई. 3,874 लोग लापता हो गए. 

फिर कब होगी प्‍लेनेट्स की परेड

नासा के एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगानी 11 और 24 अप्रैल 2023 को बुध, यूरेनस, शुक्र और मंगल ग्रह एक सीध में नजर आएंगे. इसके बाद  29 मई को शनि, यूरेनस, बुध और बृहस्‍पति ग्रह एक साथ परेड करते हुए नजर आएंगे.  साल 2023 में आखिरी बार 17 जून को शनि, बृहस्‍पति, बुध, यूरेनस, नेप्‍च्‍यून ग्रह एक सीध में नजर आएंगे. अप्रैल महीने में सूर्य ग्रहण भी आने वाला है जिसके प्रभाव से बड़े भूकंप आ सकते है.

पिछले दिनों 24 मार्च 2023 को लोगों ने आसमान में बेहद सुंदर नजारा देख लोगों ने इसे दैवीय चमत्कार मानते हुए धर्म से देखा था.

जल संकट से लेकर बड़े साइक्लोन की संभावना 

कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर इस खूबसूरत नजारे को मोबाईल से कैद कर शेयर किया था. चांद के साथ सेल्फी ली, तो कुछ ने रिल्स बनाकर इसे शेयर किया. चांद के पास एक सुंदर सी बिंदी देख कर हैरान रह गए थे. बाकई में इस नजारे से नजर हटाना मुश्किल था. इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए लोग अपने घरों की छतों पर चढ़ गए और इस ऐतिहासिक खगोलीय घटना को अपने कैमरे में कैद करते नजर आए. यह शानदार नजारा और वीडियो सोशल मीडिया वायरल हो गए थे.

ज्योतिषों का मानना है कि कौन सा ग्रह किस राशि में गोचर कर रहा है, कब कर रहा है, कब तक रहता है. इन खगोलीय घटनाओं का प्रभाव राशियों पर दिखता है. हम आपको बता रहे हैं एक और खगोलिय घटना के बारे में जो 28 मार्च को घटी है. इसका ज्योतिष से संबंध है और इसी का असर राशियों से लेकर देश दुनिया पर पड़ेगा. एक तरफ गुरु 28 मार्च 2023 को ही मीन राशि में अस्त हो रहे हैं. गुरु अपनी ही राशि मीन में अस्त होंगे. 

खगोलीय घटना के अनुसार बृहस्पति, बुध, शुक्र, मंगल और यूरेनस साथ एक सीध में होंगे. इस खगोलीय घटना का हमारे जनजीवन पर कोई ज्योतिषीय प्रभाव होगा. खगोलीय घटना के अनुसार बृहस्पति, बुध, शुक्र, मंगल और यूरेनस जब साथ एक सीध में होता है तो देश दुनिया में कोई भूचाल आता है. क्या इस खगोलीय घटना का हमारे जनजीवन पर कोई ज्योतिषीय प्रभाव होगा. ज्योतिषों ने जब इसका विश्लेषण किया तो कुछ गंभीर बातें की तरफ इशारा किया.

ग्रहों का संगम कई मायनों में चौंकाएगा

ग्रहों का संगम कई मायनों में विशेष होता है. ज्योतिष मानते है कि जब ये ग्रह एक साथ सेलिब्रेट करते है तो काफी गंभार परिणाम देते हैं. ग्रहों की ये मीटिंग देश दुनिया में हलचल मचाएगी. देश में G 20 की मीटिंग हुई थी. जूपिटर यानी गुरु को ज्‍योतिष में एक शुभ ग्रह माना गया है जो कि जातकों को करियर और धन संबंधी मामलों में लाभ प्रदान करते हैं.

कुंडली में गुरु के अनुकूल होने पर माना जाता है कि जातक अपने जीवन में खूब नाम कमाएगा और उसे तरक्‍की के साथ शुभ फल और आनंद की प्राप्ति होगी. गुरु ग्रह की खूबियों के बारे में और आपके जीवन पर ये क्‍या प्रभाव डालता है. इसका असर खासकर उत्तर भारत में पडेगा. चाहे वो पॉलिटिक्स हो, लायन ऑर्डर, कृषि, मौसम, विवाद पर सीधा असर डालेगा. बात करे विश्व की तो नार्थ पोल पर उठा पटक देखने को मिलेगा. जिसकी वजह से साइकलोन,बारिश, जल संकट हो सकता है.

 

 

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