Jaipur News: कहते हैं कि इंसान जहां जन्म लेता है, जहां उसकी परवरिश होती है, जहां से वह संस्कार सीखता है, उसे छोड़कर अगर वह सात समुंदर पार भी चला जाए तो भी उसके अंदर से उसकी मिट्टी की खुशबू नहीं निकलती है.
अक्सर आपने सुना और देखा होगा कि लोग कहते हैं कि जैसा देश, वैसा भेष लेकिन राजस्थान की बहू धौली मीणा ने इस कहावत के उलट करके दिखाया है. वह रह भले ही यूरोप में रही हैं लेकिन उन्होंने राजस्थानी संस्कृति में रहकर भारत का जो मान बढ़ा रही हैं, उसे पूरा देश आज सलाम कर रहा है.
जी हां, यूरोप के भारतीय दूतावास में तैनात दौसा के लोकेश मीणा भले ही लाइमलाइट से दूर रहते हैं लेकिन उनकी धर्म पत्नी ने राजस्थानी संस्कृति में रहकर देश की इज्जत में चार चांद लगा दिए हैं और राजस्थान का भी सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. कुछ समय पहले उनके एक वायरल वीडियो ने पूरे सोशल मीडिया में धमाल मचा दिया था.
भारतीय संस्कार और राजस्थानी संस्कृति से ओत-प्रोत धौली मीणा ने इंस्टाग्राम पर 'काकी ऑन बीच' के नाम से पेज बना रखा है, जिस पर वह राजस्थानी परंपराओं और देसी संस्कृति से जुड़े तमाम तरह के फोटोज-वीडियोज शेयर करती रहती हैं. धौली मीणा को भारतीय संस्कृति का प्रचार करते देख 188 हजार से ज्यादा लोग उन्हें इंस्टाग्राम पर फॉलो करते हैं.
सात समंदर पार आदिवासी महिला कही जाने वाली धौली मीणा ने न केवल खुद को बल्कि राजस्थान को भी अलग पहचान दिलाई तो पूरे मीणा समाज समेत देश को फक्र हो उठा. लोग उनके सोशल मीडिया पर जाकर उनकी तारीफ करते नजर आते हैं.
यूरोप के माल्टा देश में घाघरा-लुगड़ी पहनकर नजर आने वाली धौली मीणा को अपने देश की संस्कृति का प्रचार करते हुए गरव महसूस होता है. वह दूसरों की तरह विदेश जाकर बदली नहीं बल्कि अपने ही पारंपरिक पहनावे को और भी ज्यादा पहचान दिला दी.
आज जब धौली मीणा माल्टा में लाल-पीले-नीले घाघरा और लुगड़ी पहनकर बाजारों और शॉपिंग मॉल्स में शापिंग करने पहुंचती हैं तो विदेश लोग उनके साथ फोटोज-वीडियोज के लिए लालायित दिखते हैं.
धौली मीणा का मानें तो उन्हें अपनी राजस्थानी संस्कृति से बहुत ज्यादा प्यार है. उनका कहना है कि कभी भी विदेशी धरती पर अपनी भारतीयता नहीं भूलनी चाहिए.
उनका कहना है कि 10 साल से ज्यादा समय हो गया है. उन्हें अपने देश की याद भी आती है लेकिन सोशल मीडिया पर मिलने वाले भारतीय भाई-बहनों के प्यार से उन्हें खुशी भी मिलती है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़