देवस्थान विभाग के तहत संचालित होने वाली ट्रेन की शुरुआत अगस्त के पहले सप्ताह से शुरू होगी. रेलवे से ट्रेनों की मंजूरी मिलने के आधार पर यात्रा की अवधि तय होगी. करीब 30 हजार बुजुर्ग श्रद्धालुओं को रेल मार्ग से अयोध्या और रामेश्वरम सहित अन्य तीर्थ स्थल तथा छह हजार को हवाई मार्ग से काठमांडू (नेपाल) ले जाया जाएगा व पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन करवाए जाएंगे. विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस बार हवाई यात्रा जयपुर से करवाए जाने को प्राथमिकता में रखा गया है.
संबंधित एयरलाइन कंपनी के प्रतिनिधियों से एमओयू के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी. विभागीय अधिकारियों के अनुसार रेलवे को शेड्यूल भेजने के साथ ही यात्रा की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. करीब 15 हजार बुजुर्गों को ट्रेन से अयोध्या भेजा जाएगा.
गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2023—2024 के पात्र आवेदकों में से 60 प्रतिशत को ही ट्रेन से तीर्थाटन कराया था. शेष को इस वर्ष यात्रा में शामिल किया है. साथ ही पिछले वर्ष किए आवेदन भी स्वीकार किए जाएंगे. इसके बाद नए आवेदन लिए जाएंगे. उधर विधानसभा में अनुदान मांगों पर बहस के दौरान मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा था कि जल्द ही करीब 36 हजार वरिष्ठजनों को तीर्थ यात्रा कराई जाएगी. साथ ही मंदिरों के जीर्णोद्धार सहित अन्य विकास कार्य होंगे.
देवस्थान विभाग के अनुसार रेल मार्ग से रामेश्वरम्, मदुरै, जगन्नाथपुरी, तिरुपति, द्वारकापुरी-सोमनाथ, वैष्णोदेवी-अमृतसर, प्रयागराज-वाराणसी, मथुरा-वृन्दावन-बरसाना, सम्मेदशिखर-पावापुरी-वैद्यनाथ धाम, उज्जैन-ओंकारेश्वर-त्रयम्बकेश्वर (नासिक), गंगासागर (कोलकाता), कामाख्या देवी मंदिर (गुवाहाटी), हरिद्वार-ऋषिकेश, बिहार शरीफ, वेलनकानी चर्च (तमिलनाडु), अयोध्या, मथुरा व वृन्दावन की यात्रा करवाई जाएगी. हवाई मार्ग से काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन करवाए जाएंगे. देवस्थान विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अगले महीने से यात्रा शुरू करने के प्रयास जारी हैं. तीन से चार ट्रेनों से श्रद्धालुओं को तीर्थाटन पर भेजा जाएगा. गत वित्तीय वर्ष के 50 हजार आवेदन शेष हैं. इसके बाद नए आवेदन लिए जाएंगे. काठमांडू स्थित पशुपति नाथ मंदिर के लिए जयपुर से हवाई यात्रा शुरू करना पहली प्राथमिकता में है. इस पर जल्द विचार किया जाएगा.
ट्रेन्डिंग फोटोज़