World Yoga Day: चाकसू में महंत राजेंद्रपुरी महाराज ने योग पर अपने विचार किए व्यक्त
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World Yoga Day: चाकसू में महंत राजेंद्रपुरी महाराज ने योग पर अपने विचार किए व्यक्त

World Yoga Day: 21 जून को विश्व के अधिकांश देशो में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. भारत की विश्व को देन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से योग को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली है.

World Yoga Day: चाकसू में महंत राजेंद्रपुरी महाराज ने योग पर अपने विचार किए व्यक्त

Chaksu: सिद्ध पीठ गणेशपुरी धाम चाकसू के महंत राजेंद्रपुरी महाराज ने योग पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि ऋषियों मुनियों ने योग पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है. 

21 जून को विश्व के अधिकांश देशो में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. भारत की विश्व को देन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से योग को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली है. सभी देशों में योग दिवस पर योग प्रदर्शन की बड़े स्तर पर तैयारियां चल रही है. मानव शरीर के स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक स्वास्थ्य एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए नियमित योग आवश्यक है. 

यहां सिद्ध पीठ गणेशपुरी धाम चाकसू के महंत राजेंद्र पुरी महाराज ने योग पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि ऋषियों मुनियों ने योग पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है. महर्षि पतंजलि के अनुसार, चित्त की वृत्तियों को नियंत्रित करना ही योग है. महर्षि पतंजलि ने अष्टांग योग में आठ नियम बताए हैं. 

इनके नियमित करते रहने से आत्मा और शरीर की शुद्धि होती है. यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि है. आरंभ के पांच अंगों को बहिरंग साधन कहा गया है, जबकि धारणा, ध्यान और समाधि को अंतरंग साधन वह मानसिक अनुशासन के लिए आवश्यक कहा गया है. 

इसी प्रकार अष्टांग योग के पहले दो अंक यम-नियम, नैतिक अनुशासन के लिए आवश्यक बताया गया है. आसन , प्राणायाम और प्रत्याहार को शारीरिक अनुशासन के लिए आवश्यक बताया गया है. महंत राजेंद्र पुरी महाराज ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि योग आयु और क्षमता के अनुसार अलग-अलग तरह के होते हैं. 

सामान्यत ताड़ासन, पवनमुक्तासन, त्रिकोणासन, बकासन, भुजंगासन, कटिसंचालन, शलभासन पीठ में दर्द के लिए, जोड़ों में दर्द के लिए अंगुली शक्ति, कपोनीशक्ति, स्कंध शक्ति, ग्रीवा शक्ति, वक्रासन, व्रजासन एवं चक्की संचालन लाभदायक रहते हैं. अनुलोम विलोम, प्राणायाम, भ्रामरी, मंत्रोच्चार और लंबी सांस क्रिया के साथ सूर्य-नमस्कार, भुजंगासन, धनुरासन अनेक लोगों को ठीक करने में सहायक रहते हैं. देश के युवाओं को योग से जुड़ना चाहिए. 21 जून को सामुहिक रूप से योग प्रदर्शन में सभी स्थानों पर हर आयु के लोगों को जुड़कर विश्व योग दिवस को सफल बनाने में सक्रिय भागीदारी निभानी होगी. 

Reporter- Amit Yadav 

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