Jaipur : शिक्षा विभाग के आदेश नहीं मानने वाले 104 स्कूलों के संस्था प्रधानों को नोटिस जारी
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Jaipur : शिक्षा विभाग के आदेश नहीं मानने वाले 104 स्कूलों के संस्था प्रधानों को नोटिस जारी

Jaipur : कोरोना काल में हुए लर्निंग लॉस को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग ने शिक्षा के बढ़ते कदम कार्यक्रम की शुरूआत की थी, लेकिन 104 स्कूलों की लापरवाही मिशन पर भारी पड़ती दिख रही है.

Jaipur : शिक्षा विभाग के आदेश नहीं मानने वाले 104 स्कूलों के संस्था प्रधानों को नोटिस जारी

Jaipur : कोरोना काल ने सबसे ज्यादा बच्चों की पढ़ाई पर असर डाला और इसमें भी सरकारी स्कूलों के बच्चों को सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन कोरोना काल में हुए लर्निंग लॉस को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से राजस्थान के शिक्षा के बढ़ते कदम कार्यक्रम की शुरूआत की गई. जिसके तहत कक्षा तीसरी से 8वीं तक के विद्यार्थियों को समूह में पढ़ाई करवाई जा रही है. जिसके के लिए स्कूलों को वर्कबुक दी गई, जिसके जरिए प्रथम चार कालांश में अध्ययन करवाया जा रहा है.

सरकारी स्कूलों में इस कार्यक्रम के तहत शिक्षण और अध्ययन कार्य हो रहा है या नहीं इसकी जिम्मेदारी पीईईओ से लेकर संभागीय आयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारियों को दी गई. साथ ही बच्चों को पढ़ाई का असेसमेंट कर शाला दर्पण पोर्टल पर इसकी प्रविष्टि भी स्कूलों को करनी थी, जिसके लिए शिक्षा विभाग ने असेसमेंट का काम 18 अगस्त 2022 तक पूरा कर 20 अगस्त तक शाला दर्पण पोर्टल पर प्रविष्टी करनी थी. लेकिन प्रदेश की 104 स्कूलों ने अभी तक प्रविष्टि नहीं होने के चलते शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों को संस्था प्रधानों को नोटिस जारी कर तीन दिनों में बेसलाइन अससेमेंट की प्रविष्टि शाला दर्पण पोर्टल पर करने के निर्देश दिए हैं.

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सरकारी स्कूलों में बेसलाइन असेसमेंट नहीं कराने और शाला दर्पण पर इसकी प्रविष्टि नहीं करने वाले संस्था प्रधानों को अब शिक्षा निदेशालय की ओर से नोटिस जारी किया गया है, शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने ऐसे 104 स्कूलों को नोटिस जारी कर उन्हें तीन दिन में शाला दर्पण पर प्रविष्टि करने के लिए कहा है, यदि स्कूल ऐसा नहीं करते तो विभाग इन संस्था प्रधानों पर कड़ी कार्यवाही करेगा.

शिक्षा के बढ़ते कदम कार्यक्रम के तहत वंचित विद्यार्थियों का बेसलाइन असेसमेंट 18 अगस्त तक पूरा कर इसकी शाला दर्पण पोर्टल पर प्रविष्टि 20 अगस्त तक करनी थी,  लेकिन प्रदेश के 104 स्कूलों के संस्था प्रधान और पीईईओ ने ऐसा नहीं किया.

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गौरतलब है कि लर्निग लॉस की भरपाई के लिए स्कूलों में विद्यार्थियों को पिछली कक्षाओं के तीन विषयों हिंदी, अंग्रेजी और गणित की पढ़ाई करवाई जा रही थी. इसके लिए इन विद्यार्थियों का बेसलाइन असेसमेंट किया गया. असेसमेंट में प्राप्त अंकों को शाला दर्पण पोर्टल पर अपलोड किया गया, तो स्वत: ही विद्यार्थी को उसके असेसमेंट में प्राप्त अंकों के आधार पर ग्रुप अलॉट हो गया.

इस ग्रुप अलॉटमेंट के आधार पर उन्हें विभिन्न ग्रुपों में बांटा गया और वे जिस ग्रुप और कक्षा स्तर के पाए गए, उन्हें उस स्तर की वर्कबुक दी गई. जिससे उन्हें इनकी सहायता से लर्निग लॉस की पूर्ति कराकर कक्षा स्तर तक लाया जा सके. शाला दर्पण पोर्टल पर प्रविष्टि नहीं करने वाले 104 स्कूलों में सबसे ज्यादा 13 स्कूल बाड़मेर के हैं, तो वहीं उदयपुर 10 स्कूलों के साथ दूसरे नम्बर पर है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह जिला जोधपुर 8 स्कूलों के साथ तीसरे स्थान पर है.

वहीं जालौर के 7 स्कूल, भीलवाड़ा,बीकानेर और जैसलमेर के 5-5 स्कूल, चूरू, दौसा, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, करौली और राजस्थान के 4-4 स्कूल,अजमेर, बारां, जयपुर, धौलपुर और सीकर के 3-3 स्कूल, बांसवाड़ा, झालावाड़, प्रतापगढ़, सवाई माधोपुर और सिरोही के 2-2 स्कूल और भरतपुर,कोटा और टोंक के 1-1 स्कूल संस्था प्रधानों नोटिस जारी किया गया है.

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