Monkeypox : 8 साल से छोटे बच्चों में संक्रमण का खतरा ज्यादा, ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित हुआ मंकीपॉक्स
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Monkeypox : 8 साल से छोटे बच्चों में संक्रमण का खतरा ज्यादा, ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित हुआ मंकीपॉक्स

Monkeypox : मंकीपॉक्स के भारत में तीन मामले सामने आ चुके हैं. WHO ने इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है.  विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बढ़ते मामलों पर चिंता जाहिर की है.भारत में अभी तक 4 मामले मंकीपॉक्स के सामने आ चुके हैं. जिसमें एक ताजा मामला दिल्ली में सामने आया है.

Monkeypox  : 8 साल से छोटे बच्चों में संक्रमण का खतरा ज्यादा, ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित हुआ मंकीपॉक्स

Monkeypox : मंकीपॉक्स, दुनिया के 70 से ज्यादा देशों में फैल चुका है. लगातार फैल रहे मंकीपॉक्स वायरस के प्रसार पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी चिंता जताई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आंशका जताई है, कि अमेरिका समेत दुनिया के कुछ हिस्सों में मंकीपॉक्स के मामले और बढ़ सकते हैं. 

कोविड 19 और मंकीपॉक्स में फर्क
चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर विनय मिश्र के मुताबिक मंकीपॉक्स और कोविड महामारी की प्रकृति में ही अंतर है. मंकीपॉक्स महामारी नहीं है और कोविड संक्रमण ने लाखों लोगों की जान ली है. मंकीपॉक्स, भी विषाणु जनित रोग है, लेकिन इसे बेहद संक्रामक वायरस की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है. 

मंकीपॉक्स मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों की बीमारी है. WHO के मुताबिक उष्णकटिबन्धीय वर्षावन क्षेत्रों में मंकीपॉक्स के मामले देखे जाते रहे हैं. चिंता की बात ये है कि बीते कुछ दिनों से दुनिया के कई हिस्सों में मंकीपॉक्स संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं आपको बता दें कि भारत में अभी तक 4 मामले मंकीपॉक्स के सामने आ चुके हैं. जिसमें एक ताजा मामला दिल्ली में सामने आया है.

कोविड से खतरनाक है मंकीपॉक्स ?
ओटागो यूनिवर्सिटी के बायो-केमेस्ट्री के प्रोफेसर कर्ट क्रूस के मुताबिक मंकीपॉक्स कोविड की तरह खतरनाक नहीं है. स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि देश मंकीपॉक्स संकट पर नजर रखें जिससे इसका फैलाव व्यापक स्तर पर न होने पाए. 

प्रोफेसर कर्ट क्रूस का कहना है कि मंकीपॉक्स लगभग स्मॉलपॉक्स या चिकेनपॉक्स की तरह है. मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीज जल्द ठीक हो सकते हैं. ये बहुत तेजी से नहीं फैलता है हालांकि एक क्षेत्र विशेष के लोग इससे संक्रमित हो सकते हैं. ये एक शख्स से दूसरे शख्स में तेजी से नहीं फैलता है. 

कोविड से होने वाली मौतों की तुलना अगर मंकीपॉक्स से की जाए तो इससे होने वाली मृत्युदर 1 फीसदी रहा है. कोविड से होने वाली मौतों के आंकड़े 6, 7 या 8 फीसदी से भी ज्यादा दर्ज किये गये हैं. ऐसे में अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक मंकीपॉक्स कोविड से ज्यादा खतरनाक नहीं है. हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मंकीपॉक्स से संक्रमित हुए शख्स को आइसोलेट कर दिया जाना चाहिए, जिससे संक्रमण कम हो.

मंकीपॉक्स के लक्षण ?
यूरोपीय क्षेत्र में यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के निदेशक डॉक्टर हैंस क्लूगे के मुताबिक आमतौर पर इस रोग में, बुखार, त्वचा पर दाने और लिम्फ नोड्स में सूजन जैसे लक्षण सामने आते हैं. कई बार शरीर में दर्द और त्वचा पर फोड़े निकल आते हैं. शरीर पर लाल-लाल चकत्ते भी पड़ जाते हैं. ज्यादातर मामलों में संक्रमित मरीज बिना किसी उपचार के भी ठीक हो जाते हैं.

किनके लिए ज्यादा खतरनाक है मंकीपॉक्स?
डॉक्टर हैंस क्लूगे के मुताबिक मंकीपॉक्स के अधिकांश मामलों में संक्रमित बिना किसी उपचार के कुछ ही हफ्तों में ठीक हो जाते हैं, लेकिन ये बीमारी और भी गम्भीर हो सकती है. कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं और ऐसे लोग जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है उनके लिए ये बीमारी खतरनाक साबित हो सकती है.

8 साल से कम उम्र के बच्चों में संक्रमण का खतरा
अमेरिका में पहली बार दो बच्चों में ये संक्रमण पाया गया है. हेल्थ एजेंसी सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक एक बच्चा कैलिफोर्निया का है, वहीं दूसरा बच्चा नवजात है और अमेरिका का निवासी नहीं है. स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि दोनों बच्चों की हालत स्थिर है. इलाज के लिए उन्हें एंटीवायरल दवा टेकोविरिमैट दी गई है. CDC के अनुसार यह दवा 8 साल से छोटे बच्चों को दी जानी चाहिए.  क्योंकि उन्हें गंभीर संक्रमण का खतरा होता है.

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