Marburg Virus Disease: कोरोना से भी घातक वायरस ने दुनिया में की एंट्री, यहां मिला पहला मरीज
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Marburg Virus Disease: कोरोना से भी घातक वायरस ने दुनिया में की एंट्री, यहां मिला पहला मरीज

Marburg Virus Case: कोरोना (Covid-19) की तरह एक बार फिर जानलेवा वायरस (Deadly virus) ने दुनिया में दस्तक दी है. समय रहते अगर नहीं दिया ध्यान तो भुगतना पड़ सकता है बड़ा नुकसान, इंसानों को डराने वाले इस वायरस की पुष्टि घाना हेल्थ सर्विस (GHS) ने की है.

मारबर्ग वायरस

Marburg Virus Cause and Symptoms: एक बार फिर दुनिया में डर ने दस्तक दे दी है. कोरोना (Covid-19) से भी घातक वायरस ने दुनिया में एंट्री कर ली और परिणाम ये हुआ कि पश्चिमी अफ्रीका के देश घाना में इस वायरस के दो मामले पाए गए हैं, जिनकी पुष्टि खुद घाना हेल्थ सर्विस (GHS) ने की है. 

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दुनिया के लिए बिल्कुल अलग है वायरस
कोरोना वायरस की तरह यह वायरस भी दुनिया के लिए बिल्कुल अलग है, जैसे दुनिया में पहले कोई भी कोरोना से परिचित नहीं था और इसका कोविड 19 के रूप में आना दुनिया पर बेहद भारी पड़ गया, ठीक उसी तरह मारबर्ग (Marburg Virus) वायरस भी दुनिया के लिए बिल्कुल अलग तरह का वायरस है और यह वायरस भी इबोला वायरस (Ebola virus)  की तरह है लेकिन इस वायरस की अभी तक कोई दवा या फिर वैक्सीन नहीं बनाई गई हैं.

दूसरे इंसान में फैलकर उसे भी कर देता है संक्रमित 
चिंता की बात यह है कि मारबर्ग वायरस भी एक संक्रामक रोग (Infecious disease) है, जो जानवरों से इंसानों में फैल जाता है जैसे चमगादड़ इत्यादि और संक्रमित जानवर से मनुष्य वायरस की चपेट में आ सकता है और एक से दूसरे इंसान में फैलकर उसे भी संक्रमित कर देता है. अभी तक दुनिया में इसका कोई मरीज नहीं पाया गया था लेकिन पश्चिमी अफ्रीका के देश घाना में इसके 2 केस पाए गए हैं, जिनकी घाना हेल्थ सर्विस ने पुष्टि की है. 

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घाना में मिले 2 वायरस
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, घाना में इस वायरस के जो दो केस मिले हैं उनके संपर्क में 98 लोग आए थे, जिन्हें चुनकर क्वारंटाइन (Quarantine) किया गया है. हालांकि अभी इन सबकी जांच की गई है और इनमें वायरस के किसी भी तरह के लक्षण नहीं दिखे है.

अंगोल में हुई थी 200 लोगों की मृत्यु
पिछले कुछ सालों में यह दूसरी बार हुआ है जब इस वायरस के दो के सामने आए हैं. साल 2021 में भी इस संक्रमण का एक मामला मिला था लेकिन जब 5 हफ्ते के अंदर इसका कोई अन्य केस नहीं मिला तो इस संक्रमण को अप्रभावित घोषित कर दिया गया था. हालांकि 1967 में इस संक्रमण का सबसे पहला केस जर्मनी में सामने आया था और उस समय इस वायरस ने 7 लोगों की जान ले ली थी, जबकि वर्ष 2005 में इस वायरस से अंगोल में 200 लोगों की मृत्यु हो गई थी.

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क्या है मारबर्ग वायरस?
मिली जानकारी के अनुसार, यह वायरस भी इबोला की तरह ही डेडली है और अभी तक इसकी कोई वैक्सीन या दवा नहीं होने के वजह से बड़ी संख्या में लोगों के प्रभावित होने का डर बना हुआ है, क्योंकि यह रोग भी कोरोना की तरह बेहद संक्रामक है.

क्या है लक्षण?
- इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार और भयानक सिर दर्द की शिकायत होती है.
- डब्ल्यूएचओ (WHO) की मानें तो इस वायरस का फर्टिलिटी रेट 24 प्रतिशत से 88 प्रतिशत तक है.
- इस वायरस का संक्रमण फलों और मीट के जरिए भी फैल सकता है, इसलिए ऐसी जगह पर जाने से बचे जहां चमगादड़ों की अधिकता हो या फिर भीड़ भाड़ वाला इलाका हो.
- इस वायरस से शरीर के अंदरूनी हिस्सों या फिर बाहरी हिस्सों में ब्लीडिंग भी हो सकती है.
- इंसानों से इंसानों में यह वायरस बॉडी फ्लूड के जरिए फैल सकता है जैसे लार, ब्लड, यूरीन इत्यादि.
- अभी तक इस वायरस का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और दिख रहे लक्षणों के आधार पर इलाज लेना मरीज के सर्वाइवल को बढ़ा सकता है.

नोट: इस आर्टिकल में बताई गई कोई भी विधि, तरीकों और दवा को केवल सुझाव के रूप में लें, ज़ी मीडिया इनकी पुष्टि नहीं करता है और इस तरह के किसी भी उपचार, दवाई या फिर डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें.

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