Rashtriya Swayamsevak Sangh: जानिए कब हो रहे हैं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के 100 साल पूरे और क्या है RSS का आगे का प्लान
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Rashtriya Swayamsevak Sangh: जानिए कब हो रहे हैं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के 100 साल पूरे और क्या है RSS का आगे का प्लान

Rashtriya Swayamsevak Sangh,RSS News: जानिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के 100 साल पूरे कब हो रहे हैं और RSS का आगे का प्लान क्या है.

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Rashtriya Swayamsevak Sangh News: साल 2025 में विजयदशमी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना को सौ साल पूरे हो जाएंगे. संघ शताब्दी वर्ष में देश के उन क्षेत्र में पहुंचने का प्रयास करेगा जो अभी तक अछूते हैं. देश के सभी मंडलों और शहरी बस्तियों में संघ की दैनिक शाखाएं लगाने का टारगेट हाथ में लिया है.

संघ की झारखंड रांची में हुई तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में यह निर्णय लिया गया है. बैठक में संगठन विस्तार के साथ ही कई अन्य कार्यों की योजना बनाई गई हैं.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक 12 से लेकर 14 जुलाई तक रांची के सरला बिरला विश्वविद्यालय में हुई. इस बैठक में संघ के विभिन्न कार्य योजनाओं पर चर्चा और समीक्षा की गई.0 अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि संघ के दृष्टिकोण से पूरे देश भर में 46 प्रांत हैं. विजयादशमी 2025 को 100 वर्ष पूरे होने पर देश में संघ कार्य विस्तार को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में सभी मंडल तथा शहरी क्षेत्रों में सभी बस्तियों में दैनिक शाखा का लक्ष्य तय किया है.

उन्होंने कहा कि मार्च 2024 तक देश में 58 हजार 981 मंडलों में से 36 हजार 823 मंडल में प्रत्यक्ष दैनिक शाखा है. ऐसे ही शहरी क्षेत्रों में 23 हजार 649 बस्तियों में से 14 हजार 645 बस्तियों में संघ कार्य है. शेष में साप्ताहिक अथवा मासिक संपर्क है. अभी देश में 73 हजार 117 दैनिक शाखाएं, और 27 हजार 717 साप्ताहिक मिलन चलते हैं. इसके अलावा जहां शाखा कार्य अथवा संपर्क नहीं है. संघ ऐसे 1 लाख 58 हजार 532 गांवों में जागरण पत्रिकाओं के जरिए जन जागरण का काम कर रहा है.

युवा जुड़ रहे हैं संघ से 

आंबेकर ने कहा कि जो लोग सीधे संघ की शाखाओं में नहीं पहुंच पा रहे हैं वो ऑन लाइन संघ से जुड़ रहे हैं. वर्ष 2012 में संघ ने JOIN RSS से वेबसाइट के माध्यम से संघ से जुड़ने का ऑप्शन शुरू किया था. देश की युवा शक्ति काफी संख्या में संघ से जुड़ने की इच्छा व्यक्त कर रही है और जुड़ भी रहे हैं. ज्वॉइन आरएसएस के माध्यम से हर साल एक लाख लोग संघ के साथ विभिन्न गतिविधियों से जुड़ रहे हैं. इस साल जून के अंत तक 66 हजार 529 लोगों ने संपर्क कर संघ से जुड़ने की इच्छा व्यक्त की है.

संघ शिक्षा वर्ग पाठ्यक्रमों में बदलाव, 73 प्रशिक्षण वर्ग

सुनील आंबेकर ने बताया कि इस वर्ष से संघ प्रशिक्षण वर्गों की रचना व पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है. देशभर में 40 वर्ष से कम आयु के स्वयंसेवकों के लिए इस वर्ष 72 वर्ग लगे जिनमें 15 दिन के 60 संघ शिक्षा वर्ग, 11 कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम तथा एक नागपुर में कार्यकर्ता विकास वर्ग द्वितीय लगाए गए. इनमें कुल 20 हजार 615 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण लिया. इसी तरह 40 से 65 वर्ष की आयु के लोगों के लिए 18 वर्गों में 3 हजार 335 शिक्षार्थियों ने भाग लिया. पिछले वर्ष आयोजित प्राथमिक शिक्षा वर्गों में एक लाख नए लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया. ऐसे ही नई रचना में सामान्य स्वयंसेवकों के लिए पहली बार तीन दिवसीय प्रारंभिक वर्गों का आयोजन देशभर में हो रहा है, जिसमें प्राथमिक से दोगुनी संख्या में युवा शामिल हो रहे हैं.

संघ की समन्वय बैठक 31 से, विविध संगठन करेंगे विचार

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सालाना समन्वयक बैठक 31 अगस्त से होगी. केरल के पलक्कड़ में 31 अगस्त, एक और दो सितम्बर को यह तीन दिवसीय बैठक होगी. बैठक में संघ से जुड़े विविध संगठनों के स्वयंसेवक पदाधिकारी शामिल होंगे. बैठक में विविध संगठनों से समन्वय और कार्य योजनाओं पर चर्चा की जाएगी.

आगामी योजना को लेकर कहा कि यह वर्ष अहिल्यादेवी होलकर की त्रि-शताब्दी का वर्ष है. अहिल्यादेवी ने अपने जीवन में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद एक आदर्श स्थापित किया. उनके जीवन संदेश, जीवन आदर्श को जन-जन तक पहुंचाने के लिए स्वयंसेवक समाज के साथ मिलकर वर्ष भर कार्य करेंगे.

गांवों के विकास पर फोकस

सुनील आंबेकर ने कहा कि संघ की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की दृष्टि से गौ सेवा व ग्राम विकास को मिलाकर विशेष योजना बना रहे हैं. दोनों को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रयास बढ़ाए जा रहे हैं, जिससे गांव की स्थिति बेहतर हो. युवाओं से भी आह्वान है कि 24 घंटे गांव में रहो, यह कार्य देखो व सहभागी बनो. उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवक देशभर में सेवा कार्य कर रहे हैं. सेवा के साथ स्वावलंबन पर भी बल दिया जाता है. जिससे सेवा प्राप्त करने वाला स्वावलंबी बने

मणिपुर को लेकर आंबेकर ने कहा कि जहां-जहां भी संघ के स्वयंसेवक हैं, मणिपुर सहित उन सभी स्थानों पर स्वयंसेवक निरंतर सेवा कार्य करते हैं, और कर रहे हैं. बाकी सरसंघ चालक मोहनराव भागवत ने मणिपुर को लेकर संघ का मन्तव्य बता दिया था.

जनता का निर्णय स्वीकार करें

आंबेकर ने भाजपा के कम सीटें आने को लेकर पूछे एक सवाल के जवाब में कहा कि संघ सीधे चुनाव के कार्य में नहीं लगता. संघ लोकमत परिष्कार, लोकमत जागरण का कार्य करता है. इस बार भी स्वयंसेवकों ने छोटी-छोटी गोष्ठियों के माध्यम से लोकमत परिष्कार का कार्य किया था. लोकतंत्र में लोक सबसे ऊपर है. सभी दल अपनी-अपनी बात लेकर जाते हैं और जनता ने उस पर अपना निर्णय दिया है. उसका सभी को सम्मान करना चाहिए.

आपातकाल लगाना गलत

आंबेकर ने कहा कि आपातकाल लगाना गलत था, लोकतंत्र में ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए. आपातकाल के विरोध में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने संघर्ष भी किया था, और संघ के सैकड़ों कार्यकर्ताओं को प्रताड़ना भी झेलनी पड़ी थी. मतांतरण पर उन्होंने कहा कि धोखे से, जबरन, लालच से मतातंरण नहीं होना चाहिए, यह पूर्णतया गलत है. इसे रोकने के लिए कानून भी हैं. सभी को कानून का पालन करना चाहिए.
जनसंख्या असंतुलन पर पूर्व में सरसंघचालक बता चुके हैं. जनसंख्या असंतुलन को लेकर समाज को भी चिंता करनी चाहिए, और इस संबंध में जो भी करणीय होगा संघ उस दृष्टि से आगे बढ़ेगा.

 

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