Jaipur: 27 पेंटिंग्स में साकर हुआ मोहनदास से महात्मा बनने तक का सफर, कैनवास पर जिवंत हुए बापू
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Jaipur: 27 पेंटिंग्स में साकर हुआ मोहनदास से महात्मा बनने तक का सफर, कैनवास पर जिवंत हुए बापू

 जयपुर के जवाहर कला केंद्र की सुकृति आर्ट गैलरी में गांधी जयंति का जहां प्रदेश के जाने-माने चित्रकार चंद प्रकाश गुप्ता की बनाई 27 पेंटिंग्स की प्रदर्शनी ‘मोहनदास से महात्मा’ का उद्घाटन किया. 

महात्मा गांधी की पेंटिंग

Jaipur: जयपुर के जवाहर कला केंद्र की सुकृति आर्ट गैलरी महात्मा गांधी के कृतित्व और व्यक्तित्व के ओज से चमक उठी. कहीं समाचार पत्र पढ़ते महात्मा गांधी, कहीं जेल के बैरेक में पत्र लिखते बापू, कहीं दक्षिण अफ्रीका में रेल से धकेलने के बाद जमीन पर गिरते मोहन दास कर्मचंद गांधी, तो कहीं विदेशी वस्त्रों की होली जलाकर अंग्रजों को भारत छोड़ने की चेतावनी देते महात्मा. मौका था गांधी जयंति का जहां प्रदेश के जाने-माने चित्रकार चंद प्रकाश गुप्ता की बनाई 27 पेंटिंग्स की प्रदर्शनी ‘मोहनदास से महात्मा’ का उद्घाटन किया. 

ये सभी चित्र चंद्र प्रकाश ने जल रंग, तैल रंग और पैंसिल स्कैच के माध्यम से तैयार किए हैं, जिनमें गांधी जी के हर मूड की जीवंतता देखने योग्य है. फिर चाहे महात्मा गांधी के सिरहाने बैठी बालिका इंदिरा गांधी हो या उन्हें ‘महात्मा’ का सर्वप्रथम उद्बोधन देने वाले गुरू रवींद्र नाथ टैगोर. सभी चित्र ऐसे हैं मानों गांधी और उनके इर्द-गिर्द बैठे किरदार उनसे जीवंत संवाद कर रहें हों. कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला, विधायक प्रशांत बैरवा, संस्कृतिकर्मी सुधीर माथुर और सुधीर कास्लीवाल ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्जवलित कर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. इन पेंटिंग्स में कलाकार ने महात्मा गांधी के ‘मोहनदास’ नामक साधारण बालक से लेकर महात्मा बनने तक के सफर को जीवंत किया गया है.

जलरंगों से बनाई गई इन पेन्टिग्स की विशेषता हैं उनकी जीवंतता, गतिवान आकृतियां, रंगों और रेखाओं के चित्ताकर्षक सुनियोजन इसके अलावा इनमें भारतीय चित्रकला की मूल आत्मा कही जाने वाली ‘रेखाओं’ की तीक्ष्णता महात्मा गांधी के एक-एक मनोभाव को खूबसूरती से जीवंत कर रही हैं. एक बच्ची का लाड़ लड़ाते बापू के चेहरे पर ‘वात्सल्य’ के भाव खास हैं, तो एक अन्य पेंटिंग में दांडी यात्रा के लिए प्रस्थान करते महात्मा गांधी के अक्स में ‘दृढ़ संकल्प’ के भाव देखने योग्य हैं. इसके अलावा इन पेंटिंग्स में विदेशी वस्त्रों की होली, जेल के बैरक में पत्र लिखते, आश्रम में स्वतंत्रता सेनानियों के साथ और एक अन्य चित्र में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ विचार विमर्श करते गांधी जी की पेंटिंग्स, ऐसी जिनसे इस तपस्वी के संघर्ष और उनके व्यक्तित्व को सहज ही देखा और महसूस किया जा सकता है.

Reporter - Anup Sharma

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