जयपुर टाइगर फेस्टिवल का आयोजन,खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने किया उद्घाटन
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जयपुर टाइगर फेस्टिवल का आयोजन,खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने किया उद्घाटन

जयपुर न्यूज: जयपुर टाइगर फेस्टिवल का आयोजन किया गया. खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इसका उद्घाटन किया. आज इंटरनेशनल टाइगर डे पर इसकी शुरुआत की गई. हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा विशिष्ट अतिथि रहे.

जयपुर टाइगर फेस्टिवल का आयोजन,खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने किया उद्घाटन

जयपुर: देश में बाघों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए जयपुर टाइगर फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है. इंटरनेशनल टाइगर डे के मौके पर आज से जवाहर कला केंद्र में तीन दिवसीय टाइगर फोटोग्राफी एग्जिबिशन एवं प्रतियोगिता शुरू हुई. प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता का उद्घाटन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने किया.

विशिष्ट अतिथि हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा रहे. जेटीएफ के सचिव आशीष बैद ने बताया कि प्रदर्शनी में भारतीय वन सेवा अधिकारी सुदर्शन शर्मा और रक्षा संस्था के फाउंडर रोहित गंगवाल द्वारा देश विदेश से वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स द्वारा खींची गई 100 से अधिक चयनित फोटोग्राफ्स यहां प्रदर्शित की जा रही हैं. 

प्रतियोगिता के लिए 4 सदस्यीय ज्यूरी में एस नल्लामुथु, जौन ईसाक, क्रिस ब्रंसकिल और सितारा कार्तिकेयन शामिल हैं. प्रतियोगिता के प्रथम विजेता को 51 हजार रुपए, दूसरे को 31 हजार और तृतीय को 21 हजार का नगद पुरस्कार दिया जाएगा. इसके अलावा 10 लोगों को प्रोत्साहन पुरस्कार भी दिए जाएंगे. इस मौके पर मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर, प्रमोद जैन, संस्था अध्यक्ष संजय खवाड़, फेमस वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर, एस. नल्ला मुथू व वन्यजीव प्रेमी मौजूद रहे.

तीन शावकों का नामकरण 

बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के मौके पर रणथम्भौर नेशनल पार्क की बाघिन टी-111 के 2 वर्ष के हो चुके तीन शावकों का नामकरण करने का फैसला लिया है. सीएम अशोक गहलोत की पहल पर इनके नाम चिरंजीवी, चिरायु और अवनी रखे गए हैं. इन शावकों में 2 बाघ और 1 बाघिन शामिल है.

इस अवसर पर सीएम गहलोत ने कहा कि साल 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक विजेता कृष्णा पूनिया के नाम पर बाघिन टी-19 का नामकरण कृष्णा किया गया था. इसी प्रकार अब पैरा ओलंपिक पदक विजेता अवनी लेखरा के नाम पर शावक का नाम अवनी रखने का निर्णय लिया गया है. 

उन्होंने कहा कि देश में जब बाघ विलुप्ति की कगार पर थे, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अप्रेल 1973 में ‘‘प्रोजेक्ट टाइगर’’ की शुरूआत की. इससे देश में बाघों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. पिछले 1 माह में राजस्थान के रणथम्भौर नेशनल पार्क में 6 शावकों ने जन्म लिया है.

रिपोर्टर-काशीराम चौधरी

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