राजस्थान के रेलवे स्टेशनों को कबाड़ मुक्त करने और साथ ही इस कबाड़ को बेच कर मुनाफा कमाने की तैयारी है. इससे पहले पिछले वित्तीय वर्ष में रेलवे करोड़ की आय कबाड़ से कर चुका है.
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Jaipur News : राजस्थान में रेलवे की तरफ से रेल परिसरों में स्क्रैप के निस्तारण करने के कार्य किए जा रहे है. जिससे इनके हटने से सुरक्षा में वृद्धि होने के साथ-साथ परिसरों में स्वच्छता बढ रही है. कबाड़ निस्तारण के लिए भंडार विभाग मिशन जीरो स्क्रैप अभियान के तहत रेलवे स्टेशनों, रेलखण्ड, डिपो, वर्कशॉप, शेड और रेलवे परिसरों को कबाड़ मुक्त करने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं.
उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक विजय शर्मा के दिशा-निर्देशों और प्रयासों से उत्तर पश्चिम रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में नवम्बर माह तक अनुपयोगी और व्यर्थ पड़े कबाड (स्क्रैप) को बेचकर 140.52 करोड़ रूपये की आय प्राप्त की है. भरतपुर में प्रिंसिपल की दबंगई , खाना बनवाने की जगह महिला से करवा रहा था टॉयलेट साफ
उत्तर पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण के मुताबिक भण्डार विभाग द्वारा स्टेशनों, रेल परिसरों, फील्ड यूनिट्स से पुराने कबाड़ को हटाने और बेचने के लिए अभियान के तहत कार्य किया जा रहा है. भण्डार विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष में नवम्बर माह तक उत्तर पश्चिम रेलवे पर 140.52 करोड़ रूपये के कबाड (स्क्रैप) का निस्तारण कर राजस्व प्राप्त किया जो कि गत वर्ष की इसी अवधि के 125 करोड़ की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है.
उत्तर पश्चिम रेलवे को इस वर्ष कबाड (स्क्रैप) निस्तारण से 192 करोड़ रूपये की आय का लक्ष्य रखा गया है. रेलवे की तरफ से स्क्रैप में अनुपयोगी रेल, रेल पथ सामग्री, अनुपयोगी वैगन, कोच और लौह स्क्रैप सम्मिलित है. रेलवे द्वारा आईआरपीएस पोर्टल की ई-नीलामी के माध्यम से स्क्रैप की बिक्री से होने वाली आय का उपयोग बुनियादी ढ़ांचे के विकास में किया जा रहा है. रेलवे के इन प्रयासों से जहां रेलवे परिसर की स्वच्छता में वृद्धि हुई है, वहीं दूसरी ओर रेलवे की सुरक्षा में भी वृद्धि हुई है. उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा जीरो स्क्रैप का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
रिपोर्टर- दामोदर प्रसाद